बाघ के हमलों के बावजूद नहीं जागा वन विभाग, अब 14 साल के किशोर की ली जान; ग्रामीणों का फूटा गुस्सा
लखीमपुर खीरी में वन विभाग बाघ के हमलों से सचेत नहीं हो रहा है। अब बाघ ने खेत में काम कर रहे एक किशोर पर हमला कर दिया। इलाज के दौरान घायल किशोर की लखनऊ में मौत हो गई। इसे आक्रोशित लोगों ने वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही बाघ पकड़ने के लिए पिंजरा लगाए जाने की मांग की।

यूपी के लखीमपुर खीरी में बाघ के हमले में घायल किशोर की इलाज के दौरान लखनऊ में मौत हो गई। आक्रोशित लोगों ने वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर अपना गुस्सा जताया और बाघ पकड़ने के लिए पिंजरा लगाए जाने की मांग की है।
कुकरा के रहने वाले मोहनलाल का 14 वर्षीय बेटा प्रदीप कुमार सोमवार शाम गर्मी कम होने पर जानवरों के लिए घास काटने कस्बे से कुछ दूर गोला रेंज में खेतों पर गया था। यहां बाघ ने उस पर हमला कर घायल कर दिया था। ग्रामीणों का कहना है कि सूचना देने के बाद भी गोला वन रेंज की तरफ से कोई नहीं पहुंचा जबकि मैलानी वन रेंज के कई कर्मचारी रत्नापुर पहुंचे लेकिन उन्होंने गोला का क्षेत्र बताकर अपने हाथ खड़े कर लिए थे। किशोर की मौत की सूचना से लोगों में गम और गुस्से का माहौल है और लोगों ने वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
ग्रामीणों की मांग है कि बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगवाया जाए। बाघ कई लोगों की जान ले चुका है। पहले भी पिंजरा लगवाये जाने की मांग की गई थी। अगर विभाग ने ध्यान दिया होता तो किशोर की जान नहीं जाती। गोला रेंजर संजीव कुमार तिवारी ने बाघ के हमले में किशोर की मौत को लेकर परिजनों को आश्वासन दिया कि वह वन विभाग की तरफ से पीड़ित परिवार को पांच लाख की आर्थिक मदद दिलाएंगे।
20 हजार की मदद लेकर पहुंचे वनकर्मी
किशोर पर बाघ के हमले के बाद जब हल्ला मचा तो गोला वन रेंज के वनकर्मी कुकरा पहुंचे और घायल किशोर के परिजनों को 20 हजार रुपये की आर्थिक मदद देनी चाही लेकिन उन्होंने लेने से इंकार कर दिया। इसके बाद वन विभाग के कर्मचारी लखनऊ अस्पताल पहुंचे और किशोर के तीमारदारों को 20 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी।