इस जिले में फर्जी कागजातों पर नौ साल से नौकरी कर रही थी शिक्षिका, बीएसए ने किया बर्खास्त
फिरोजाबाद में फर्जी तरीके से बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी कर रही सहायक अध्यापिका की सेवाएं समाप्त होने के आदेश हुए हैं। फर्जी शिक्षिका विगत करीब नौ वर्षों से जनपद के एका ब्लॉक में तैनात थी।

यूपी के फिरोजाबाद में फर्जी तरीके से बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी कर रही सहायक अध्यापिका की सेवाएं समाप्त होने के आदेश हुए हैं। फर्जी शिक्षिका विगत करीब नौ वर्षों से जनपद के एका ब्लॉक में तैनात थी। जांच में टेट का प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर फर्जी शिक्षिका को बर्खास्त कर उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश हुए हैं। मामला जनपद के एका ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय सुनारी का है। यहां सहायक अध्यापिका के रूप में तैनात सरिता कुमारी पुत्री शैलेन्द्र कुमार की नियुक्ति सन 2016 में हुई थी। लगातार 9 वर्ष तक नौकरी करने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग को पता लगा कि शिक्षिका द्वारा नियुक्ति के समय प्रस्तुत की गई टीईटी 2013 की अंक तालिका फर्जी है। विभाग द्वारा टेट की अंक तालिका का सत्यापन सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज से कराया तो सत्यापन में सरिता ने टेट में 61 अंक ही प्राप्त किए हैं। जबकि नियुक्ति के समय प्रस्तुत की गई अंक तालिका में 85 अंक दर्शाए गए हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा फर्जी शिक्षिका को 2 मई 2025 में प्रथम कारण बताओ नोटिस दिया लेकिन संतोषपूर्ण जवाब नहीं मिलने पर 3 जून 2025 में द्वितीय नोटिस दिया गया। इसमें स्वयं उपस्थित होकर साक्ष्य प्रस्तुत करने के आदेश दिए। निर्धारित समय पर उपस्थित न होने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आशीष कुमार पांडे ने फर्जी सहायक अध्यापिका की नियुक्ति से वर्तमान समय तक की सेवाएं समाप्त करते हुए वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा को वेतन के रूप में आहरित की गई धनराशि वसूलने एवं खंड शिक्षा अधिकारी श्रीकांत पटेल को सरिता कुमारी के खिलाफ प्राथमिक की दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
एक सप्ताह बाद भी नहीं हुई एफआईआर
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से फर्जी शिक्षा पर प्राथमिक की दर्ज करने के आदेश पांच जून को हो चुके हैं लेकिन ग्यारह दिन बीतने के बाद भी फर्जी शिक्षिका पर अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पाई है।
कैसे हुआ वेतन आहरित
2016 में विज्ञान वर्ग की हुई भर्ती में सरिता द्वारा प्रस्तुत की गई फर्जी टेट की अंकतालिका का सत्यापन होकर वेतन आहरित के आदेश कैसे हो गए। जबकि सभी प्रमाण पत्रों का सत्यापन होने के बाद ही वेतन आहरित किया जाता है। इस खेल में विभाग के कई और नाम भी सामने आ सकते हैं। इसकी जांच भी हो सकती है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आशीष कुमार पांडे ने कहा, फर्जी सहायक अध्यापिका की सेवाएं समाप्त करते हुए वित्त एवं लेखाधिकारी को वेतन के रूप में आहरित की गई धनराशि वसूलने को कहा है। वहीं, खंड शिक्षा अधिकारी को मामले में प्राथमिक की दर्ज करने के आदेश दिए हैं।