Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Sensational revelation of murder of Inspector in Lucknow brother-in-law shot him wife in custody

लखनऊ में इंस्पेक्टर की हत्या का सनसनीखेज खुलासा, पत्नी ने कराया मर्डर, साले ने मारी थी गोली

लखनऊ में दिवाली की रात पीएसी में तैनात इंस्पेक्टर सतीश कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पुलिस ने इंस्पेक्टर के साले और पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है। पत्नी ने ही हत्या कराई थी।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊSun, 19 Nov 2023 10:43 PM
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लखनऊ में इंस्पेक्टर की हत्या का सनसनीखेज खुलासा, पत्नी ने कराया मर्डर, साले ने मारी थी गोली

लखनऊ में कृष्णानगर में पीएसी के इंस्पेक्टर सतीश सिंह की हत्या का सनसनीखेज खुलासा हो गया है। इंस्पेक्टर के सगे साले देवेन्द्र कुमार ने हत्या की थी। इस साजिश में सतीश की पत्नी भावना भी शामिल थी। पुलिस ने रविवार इन दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा कर दिया। देवेन्द्र ने खुलासा किया कि सतीश के कई महिलाओं से संबंध थे। बहन का उसकी प्रताड़ना ने जीना दूभर था। इस पर दोनों ने हत्या की साजिश रची थी। सतीश सिंह प्रयागराज में तैनात थे।

डीसीपी दक्षिणी विनीत जायसवाल ने बताया कि 12 नवम्बर की रात करीब सवा दो बजे हुई सतीश की हत्या के बाद पुलिस पहुंची तो जांच में सवाल उठा कि इंस्पेक्टर के रात में आने की खबर हत्यारे को आखिर कैसे लगी होगी, इस आधार पर लगा कि हत्या से पहले सटीक मुखबिरी हुई है। तीन जांच टीमों ने 400 से अधिक फुटेज खंगाले। दूसरे दिन एक फुटेज में साइकिल से एक संदिग्ध युवक आता दिखा। कुछ दूरी पर दो और फुटेज मिले, जिसमें विजय नगर पुलिस चौकी के पास साइकिल सवार कपड़ा बदलते दिखा।

उसने हुडी और जींस पहन रखी थी। भावना ने भी यही हुलिया बताया था। साइकिल सवार के कपड़ा बदलने और फिर कपड़े को ईंट से बांधकर गड्ढे में फेंकने पर शक और पुख्ता हो गया। कई फुटेज में वह साइकिल से चौक तक पहुंचने, फिर वहां से ई-रिक्शा से गया। इस ई-रिक्शा को पुलिस ने ढूंढ़ा तो उसने कद काठी से उसकी पहचान भावना के सगे भाई देवेन्द्र कुमार के रूप में की। 

सतीश की गाड़ी में लगा दिया जीपीएस 
एसीपी कृष्णानगर विनय कुमार के मुताबिक देवेन्द्र ने सतीश की गाड़ी में जीपीएस लगा दिया था। इससे उसकी लोकेशन पता चलती रहती थी। यह जीपीएस उसने मोबाइल से कनेक्ट कर रखा था। दिवाली पर देवेन्द्र ने भावना से कह दिया था कि वह रात में उसकी हत्या कर देगा। 

देवेन्द्र, भावना पुलिस को उलझाते रहे, फिर टूट गये
एडीसीपी शशांक सिंह ने बताया कि कई साक्ष्य मिलने पर देवेन्द्र, भावना और भावना के पिता तारा से पूछताछ की गई। इसके बाद भावना, देवेन्द्र को पुलिस कोतवाली ले गई। दोनों ने पहले पुलिस को उलझाया, फिर हत्या कबूल ली। देवेन्द्र ने बताया कि जीजा सतीश बहन भावना को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था। उसके कई महिलाओं से सम्बन्ध थे। बहन विरोध करती तो प्रताड़ित करता। कुछ दिन पहले भावना की मौजूदगी में ही उसने एक युवती को रात भर साथ रखा था। भावना ने घर के दूसरे कमरे में पति के साथ उसे पकड़ लिया था। इस दिन बहुत बवाल हुआ था। इसके बाद ही दोनों ने हत्या की साजिश रची थी।

बहन के लिए मेधावी देवेन्द्र बना हत्यारा 
इंस्पेक्टर की हत्या में गिरफ्तार देवेन्द्र वर्मा इस समय सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा था। पढ़ने में मेधावी देवेंद्र ने वर्ष 2015 में दूसरे प्रयास में ही बैंक पीओ परीक्षा पास कर ली थी। मुजफ्फरनगर में उसने तीन साल तक सहायक प्रबन्धक के तौर पर नौकरी भी की। मगर बचपन से आईएएस-पीसीएस अफसर बनने का सपना देखता था, इसलिये वर्ष 2018 में घर वालों के मना करने पर भी नौकरी छोड़ दी। देवेन्द्र के पिता तारा चन्द्र वर्मा ने पुलिस अफसरों को यह जानकारी दी।

एडीसीपी के मुताबिक देवेन्द्र ने कहा कि वह कई बार सतीश को समझा चुका था। यह सब हरकतें बंद कर दे। बहन को मत परेशान करे। उनकी हरकतें नहीं सुधरी। बहन ने सतीश को युवती के साथ घर में ही पकड़ा तो वह आपा खो बैठा। इसके बाद तय कर लिया था कि जीजा की हत्या कर देगा। बहन भी तैयार थी। बस, इस वजह से ही मेधावी देवेन्द्र बहन की वजह से अपराधी बन गया। 

यूट्यूब पर सर्च कर कानपुर में खरीदी पिस्टल
एडीसीपी शशांक ने बताया कि देवेन्द्र ने हत्या की साजिश रचने में खूब दिमाग लगाया था। उसने किसी से हथियार नहीं लिये। खुद यू ट्यूब पर पिस्टल और रिवाल्वर के बारे में सर्च किया। कुछ जगह कमेन्ट बॉक्स में मिले नम्बरों पर सम्पर्क कर एक युवक ने व्हाटसएप कॉल के जरिये आठ नवम्बर को कानपुर बुलाया। यहां उसने तीन जगह बतायी और हिदायत दी कि वह मोबाइल घर पर ही रखकर आयेगा। 

देवेन्द्र ऐसा ही कर कानपुर में हथियार देने वाले युवक की बताई लोकेशन पर पहुंचा। वहां उसे एक युवक मिला, जिसने 70 हजार रुपये में पिस्टल, दो हजार में तमंचा दिया। कारतूस के रुपये अलग से लिए। उसने हत्या के लिये अलग कपड़े भी निकाल लिये थे। हुडी जैकेट पहने था। सफेद जूते पालिश कर काला कर दिया था। 

असलहे देने वाले युवक का नम्बर देवेन्द्र ने दिया है, लेकिन यह लगातार बंद जा रहा है। हथियार देने के बाद इस नम्बर से कोई कॉल नहीं की गई है। देवेंद्र ने भावना को बताया था कि हत्या के बाद वह 112 और एम्बुलेंस पर सूचना देगी। पुलिस को हुडी जैकेट के बारे में बतायेगी, पर वह कपड़ा बदल चुका होगा, जिससे बच जायेगा। 

देवेन्द्र ने एक पुरानी साइकिल खरीद कर हत्या से दो दिन पहले चारबाग स्टैण्ड पर खड़ी कर दी। हत्या के कुछ देर पहले ही उसने साइकिल उठायी, फिर घटनास्थल पहुंचा। वारदात के बाद वह साइकिल से लौटा, फिर उससे चरक चौराहा तक गया था। 

देवेन्द्र ने 0.32 बोर पिस्टल से चार और 315 बोर के तमंचे से एक गोली चलाई थी। कोई चूक न हो, इसलिये वह दो असलहे लेकर गया था। हत्या के बाद साइकिल से वह चौक में चरक चौराहे पहुंचा। यहां उसने साइकिल छोड़ी, फिर ई-रिक्शा से बालू अड्डा गया था।

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