घूसखोरी का डबल खुलासा: हमीरपुर में स्टेनो वीडियो में कैद, आगरा में रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया अधिकारी
यूपी में फसर घूसखोरी से बाज नहीं आ रहे हैं। हमीरपुर में स्टोनो का रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वहीं, आगरा में वरिष्ठ सहायक रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया है।

यूपी में घूसखोरी का डबल खुलासा हुआ है। हमीरपुर में स्टोनो का रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वहीं, आगरा में वरिष्ठ सहायक रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। फिलहाल पुलिस दोनों मामलों में जांच पड़ताल में जुटी हुई है।
हमीरपुर में एडीएम वित्त एवं राजस्व के स्टेनो का कार्यालय में ही रिश्वत लेने का वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो बनाने वाले का भी एक वीडियो सामने आया, जिसमें वह स्टांप चोरी के दो मामलों को निपटाने के नाम पर स्टेनो गौरव शर्मा को 70 हजार रुपए देने की बात कह रहा है। उसका दावा है कि वही रुपये गिनता हुआ स्टेनो कैमरे में कैद हुआ है और इसके वीडियो-ऑडियो क्लिप उसके पास मौजूद हैं। स्टेनो के पास स्टांप समेत कई पटल का चार्ज भी है। आपका अपना अखबार हिन्दुस्तान वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। उधर डीएम ने स्टेनो को संयुक्त कार्यालय में संबंद्ध कर जांच टीम गठित कर दी है।
वायरल वीडियो में दिख रहा स्टेनो गौरव शर्मा डीएम कार्यालय के बगल में बैठता है। गौरव शर्मा डीएम कार्यालय के बगल में बने कमरे में बैठकर हैसियत प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र व स्टांप चोरी केस से जुड़ी फाइलें संभालता हैं। वीडियो बनाने वाले युवक सरीला निवासी बंटी रावत ने बताया कि स्टांप चोरी के मामले में गौरव जबरन सौदेबाजी कर रहा था। उसके पास ऑडियो-वीडियो में गौरव शर्मा खुले तौर पर पैसों की डील करते सुना जा सकता है। उधर डीएम घनश्याम मीणा ने कहा कि स्टांप लिपिक गौरव शर्मा को पटल से हटाते हुए तत्काल प्रभाव से संयुक्त कार्यालय में संबद्ध कर दिया गया है। साथ ही एडीएम (नमामि गंगे) और एडीएम (न्यायिक) की दो सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है। जांच समिति की रिपोर्ट के बाद अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
उप श्रम आयुक्त कार्यालय का वरिष्ठ सहायक घूस लेते गिरफ्तार
दूसरी ओर आगरा के उप श्रम आयुक्त कार्यालय का वरिष्ठ सहायक प्रदीप वर्मा शनिवार को विजिलेंस ने 15 हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ बाह के गांव गढ़ा पचौरी निवासी राज किशोर चौहान ने शिकायत की थी। आरोप लगाया था कि पूर्व में दिए नोटिस को निरस्त करने के लिए घूस मांगी जा रही है।
एसपी विजिलेंस आलोक शर्मा ने बताया कि बाह के गांव गढ़ा पचौरी निवासी राज किशोर मकान और दुकान बनवा रहे थे। मजदूरों का रिकार्ड रखने संबंधित रजिस्टर न रखने के आरोप में 28 दिसंबर 2024 को उप कर निर्धारण संग्राहक अधिकारी एवं उप श्रम आयुक्त द्वारा एक नोटिस जारी किया गया। 21 मार्च 2025 को श्रम आयुक्त कानपुर द्वारा कारण बताओ नोटिस दिया गया। इस नोटिस की प्रतिलिपि उप श्रम आयुक्त, आगरा को प्रेषित की गई। नोटिस उप श्रम आयुक्त कार्यालय द्वारा राज किशोर चौहान को तामील कराना था। साथ ही उनके उत्तर का परीक्षण करके आख्या श्रम आयुक्त कार्यालय कानपुर को भेजनी थी। इस नोटिस की वजह से राज किशोर चौहान कई महीनों से परेशान थे। उन्हें इसका निस्तारण करके अपना काम पूरा कराना था।
15 रुपये मांगे घूसे
उप श्रम आयुक्त कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक प्रदीप वर्मा ने उनसे 15 हजार रुपये की मांग की। उनसे कहा कि पूरा मामला रफा-दफा हो जाएगा। नोटिस खत्म हो जाएगा। उनके ऊपर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। अपना मकान और दुकान बनाने में इस तरह की घूस मामला देखकर राज किशोर चौहान परेशान हो गए। हिम्मत जुटाकर उन्होंने इस संबंध में विजिलेंस कार्यालय में शिकायत की।
विजिलेंस की टीम ने आरोपित वरिष्ठ सहायक प्रदीप वर्मा के बारे में गोपनीय जांच की। गोपनीय जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि आरोपित वरिष्ठ सहायक घूस लेकर ही काम करता है। बिना घूस मिले वह कोई काम नहीं करेगा। लोगों को इसी तरह परेशान करता है। नोटिस दिलाने में भी उसकी भूमिका थी।
जाल बिछाकर विजिलेंस टीम ने पकड़ा
विजिलेंस ने जाल बिछाया। शनिवार को पीड़ित को घूस की रकम लेकर सदर स्थित उप श्रम आयुक्त के कार्यालय में भेजा। वह कार्यालय में वरिष्ठ सहायक प्रदीप वर्मा से मिला। उन्हें घूस की रकम दी। आरोपित ने घूस की रकम हाथ में लेने के बाद अपनी जेब में रख ली। विजिलेंस टीम ने उसे दबोच लिया। आरोपित के खिलाफ सदर थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत मुकदमा लिखाया गया है। आरोपित वरिष्ठ सहायक को मेरठ स्थित एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया जाएगा