विकास कार्यों में रूचि नहीं लेने पर 67 सचिवों का रोका वेतन
Sonbhadra News - सोनभद्र में विकास कार्यों में देरी के कारण 67 सचिवों का वेतन रोक दिया गया है। जिला पंचायत राज अधिकारी ने ग्राम प्रधानों और सचिवों को नोटिस जारी किया है, जिसमें दो दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया...

सोनभद्र, संवाददाता। विकास कार्य के लिए शासन से धनराशि मिलने के बाद भी कार्य नहीं कराने के मामले में जिला पंचायत राज अधिकारी ने जिले के 67 सचिवों का वेतन रोक दिया है। साथ ही संबंधित ग्राम प्रधान व सचिवों को नोटिस जारी कर दो दिनों के अंदर जवाब मांगा है कि किन परिस्थिति में आवंटित ग्राम पंचायतों में विकास कार्य नहीं हो पा रहा है। इसको लेकर विभागीय निलंबन की कार्यवाही की चेतावनी दी गई है। डीपीआरओ नमिता शरण ने बताया कि शासन के प्राथमिकता कार्यक्रम सीएम डैशबोर्ड की समीक्षा मुख्यमंत्री की तरफ से की जाती है, जिसमें विभाग के प्रपत्र केन्द्रीय वित्त एवं राज्य वित्त आयोग के तहत ग्राम पंचायतों को प्रदत धनराशि के व्यय संबंधी समीक्षा भी सम्मिलित है।
पूर्व बैठक में माह मई की जनपद की प्रगति बहुत कम थी, जिसमे ग्राम पंचायतों में अभी भी अत्यधिक मात्रा में धनराशि अवशेष है, जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि ग्राम पंचायतों द्वारा विकास कार्यों में रूचि नहीं ली जा रही है, जिससे शासन, मंडल एवं जनपद स्तर पर इसकी समीक्षा की जा रही है उसमें विभाग की प्रगति अत्यंत खराब प्रदर्शित हो रही है। इसको लेकर जून माह तक विकास खंड के ग्राम पंचायतों में राज्य वित्त एवं केंद्रीय वित्त आयोग के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में कार्ययोजना में चयनित कार्यों में अपेक्षित प्रगति कराये जाने के लिए मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में बैठक कर नियमानुसार कार्य कराये जाने के संबंध में निर्देश भी दिए गये थे। इसको लेकर लगातार वीसी व दूरभाष द्वारा समीक्षा किये जाने के बाद भी विकास कार्यों में रूचि नहीं ली जा रही है। धनराशि रहने के बाद भी ग्राम पंचायतों में भुगतान अत्यंत कम किया गया है, जिससे जनपद की प्रगति में कोई भी सुधार नहीं हो रहा है। डीपीआरओ ने सचिवों व ग्राम प्रधानों को निर्देशित किया कि ग्राम पंचायतों में राज्य वित्त, केंद्रीय वित्त आयोग की अवशेष धनराशि का शासनदेश के अनुसार ग्राम पंचायत की तरफ से तैयार कार्ययोजना के अनुसार निर्माण कार्य पूर्ण कराकर भुगतान पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। जिसके बाद स्थिति से जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी को अवगत कराया जा सके। साथ ही साथ संबंधित ग्राम पंचायत/ ग्राम विकास सचिव का माह जून का वेतन अवरुद्ध करते हुए निर्देशित किया जाता है कि दो दिवस के भीतर अपना स्पष्टीकरण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। किन परिस्थिति में आवंटित ग्राम पंचायतों में विकास कार्य नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण भुगतान की कार्यवाही भी लंबित है। उपरोक्त की स्थिति के लिए संबंधित विरुद्ध विभागीय/निलंबन की कार्यवाही प्रारंभ कर दी जाएगी, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी सचिवों की होगी।
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