प्रि-पेड मीटर के नाम पर होगी करोड़ों की लूट
Sonbhadra News - अनपरा में बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के समर्थन में संयुक्त किसान मोर्चा ने निजीकरण के खिलाफ आवाज उठाई। किसानों का कहना है कि निजीकरण के कारण बिजली बिल बढ़ेंगे और सिंचाई लागत में भारी वृद्धि...

अनपरा,संवाददाता।पूर्वांचल-दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण का लगभग 200 दिनों से अधिक समय से विरोध कर रही बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के समर्थन में संयुक्त किसान मोर्चा भी उतर आया है। मोर्चा ने शनिवार को मुख्य मंत्री से निजीकरण का फैसला वापस लिये जाने की मांग की। आरेाप था कि भारत में लंबे संघर्ष के बाद क्रॉस-सब्सिडी की स्थापना की गई थी। निजीकरण के कारण क्रॉस सब्सिडी के बिना, 7.5 एचपी पंप-सेट का उपयोग करने वाले किसान को मासिक बिजली बिल के रूप में 10,000 रुपये से अधिक का भुगतान करना होगा, जिसका अर्थ है सिंचाई लागत में असहनीय वृद्धि।
किसान जो पहले से ही गंभीर कृषि संकट में हैं और खेती की बढ़ती लागत का सामना कर रहे हैं, वे खेती से छुटकारा पाने और पलायन करने की स्थिति में आ जाएंगे। आरोप लगाया कि विद्युत मंत्रालय ने विनाशकारी प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग परियोजना शुरू की है। प्रत्येक व्यक्तिगत उपभोक्ता को प्रति प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के लिए 8 से 10 हजार रुपये का भुगतान करना होगा। इस मीटर का अधिकतम जीवन काल लगभग 7-8 वर्ष है। भारत में लगभग 26 करोड़ उपभोक्ताओं के साथ, यह लोगों की जेब से 2,60, 000 करोड़ रुपये की सीधी लूट है।
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