बोले सीतापुर : स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिल बढ़ने से लोग परेशान
Sitapur News - सीतापुर जिले में स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन उपभोक्ता बढ़े हुए बिलों को लेकर परेशान हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि नए मीटर लगने के बाद बिल में वृद्धि हुई है, जबकि उनकी बिजली खपत...
जिले के शहरी इलाकों में इन दिनों स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है। विद्युत विभाग द्वारा जहां एक ओर इसे आधुनिकता और बेहतर बिजली प्रबंधन की दिशा में अच्छा कदम बता रहा है। वहीं जिन उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट मीटर लग चुके हैं, वह बढ़े हुए आ रहे बिल को लेकर परेशान हैं। सभी की शिकायत है कि जब से यह नए मीटर लगे हैं, उनके बिजली के बिलों में वृद्धि हुई है। कई उपभोक्ताओं ने बताया कि उनके बिजली के बिल पहले के मुकाबले बढ़कर आ रहे हैं, जबकि उनकी बिजली खपत में कोई खास बदलाव नहीं आया है।
पुराना मीटर हटते ही बढ़ गया बिल : स्मार्ट मीटर को लेकर बिजली का कम उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं ने कहा कि पहले हमारा बिल 500 रुपए आता था, लेकिन स्मार्ट मीटर लगने के बाद यह बढ़कर 700-800 रुपए हो गया है। सभी ने कहा कि समझ नहीं आ रहा कि ऐसा क्यों हो रहा है। उपभोक्ताओं की परेशानी यहीं खत्म नहीं होती। उनकी सबसे बड़ी शिकायत यह है कि बढ़े बिल को लेकर विद्युत विभाग के अधिकारियों से संपर्क करते हैं, तो उनकी सुनवाई नहीं होती। शिकायत केंद्रों पर भी उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है, और न ही बिलों की जांच या सुधार के लिए कोई ठोस कदम उठाया जा रहा है। उपभोक्ताओं का कहना है कि उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। जिससे उनकी परेशानी बढ़ती जा रही है। उपभोक्ताओं ने प्रशासन के अधिकारियों को इस मामले में हस्तक्षेप करने और उनकी समस्याओं का समाधान निकालने की अपील की है, ताकि उन्हें अनावश्यक रूप से बढ़े हुए बिलों का भुगतान न करना पड़े। बढ़ता जा रहा उपभोक्ताओं में आक्रोश : जब तक इस मुद्दे का समाधान नहीं होता, स्मार्ट मीटर को लेकर उपभोक्ताओं में असंतोष बढ़ता ही जाएगा। अगर देखा जाए तो स्मार्ट मीटर तकनीक में बिजली प्रबंधन को आधुनिक बनाने की अपार संभावनाएं हैं। वह दक्षता बढ़ा सकते हैं, बिजली चोरी पर अंकुश लगा सकते हैं और उपभोक्ताओं को अपनी खपत पर अधिक नियंत्रण प्रदान कर सकते हैं। हालांकि सीतापुर जैसे शहरों में उपभोक्ताओं द्वारा अनुभव की जा रही समस्याएं बताती हैं कि इस तकनीक को लागू करने में गंभीर चुनौतियां हैं। यदि इन चुनौतियों का समाधान नहीं किया गया और उपभोक्ताओं के विश्वास को बहाल नहीं किया गया तो स्मार्ट मीटर परियोजना असंतोष और विरोध का कारण बन सकती है। उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली विभाग और सरकार उनकी परेशानियों को सुनें। पारदर्शी तरीके से कार्य करते हुए यह सुनिश्चित करें कि स्मार्ट मीटर वास्तव में ‘स्मार्ट समाधान साबित हों। स्मार्ट मीटर सिर्फ बढ़ा हुआ बिल भेजने का एक नया उपकरण न बनकर रह जाए। उपभोक्ताओं में अधिक बिल आने की दुर्भावना को दूर करते हुए बताया जाए कि स्मार्ट मीटर में एक एक संचार मॉड्यूल है, जो आमतौर पर जीपीआरएस या आरएफ तकनीक का उपयोग करके डेटा भेजता है। इसका मतलब है कि अब मीटर रीडर को घर-घर जाकर रीडिंग लेने की जरूरत नहीं होगी। बिजली कंपनी दूर से ही मीटर को चालू या बंद कर सकती है। बिजली विभाग के अधिकारी हैं तत्पर : सीतापुर सर्कल के सभी उपभोक्ताओं के यहां अनिवार्य रूप से स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे हैं। बिजली विभाग के अधिकारी बताते हैं कि वह उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर हैं। यूपीपीसीएल के निर्देश के अनुसार आम उपभोक्ताओं के साथ ही सभी सरकारी भवनों, आवासों, कार्यालयों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। प्राथमिकता पर लगाए जा रहे सरकारी भवनों में मीटर प्रदेश में बिजली विभाग सबसे महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए अपने परम्परागत बिजली के सालों पुराने मीटर को बदल रहा है। इन पुराने मीटरों को सीतापुर में भी बदला जा रहा है। पावर कारपोरेशन उपभोक्ताओं की समस्याओं का निराकरण करने की दिशा में बड़ा काम कर रहा है। जिससे बिजली बिल की शिकायतें , बिजली आपूर्ति की समस्या से निदान के साथ ही बिजली का सुचारू रूप से संचालन भी बढ़ेगा। जिम्मेदार बताते हैं कि स्मार्ट मीटर पूरी तरह से निःशुल्क लग रहे हैं। यूपी में रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत के सभी प्रकार के पुराने मीटर बदलकर नए स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे हैं। मीटर सभी प्रकार के उपभोक्ताओं के परिसर के बाहर स्थापित किये जा रहे हैं। उपभोक्ताओं से मीटर लगाने के दौरान किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जा रहा है। नया सर्विस केबल भी लगाया जा रहा है। स्मार्ट मीटर की खूबियों को बताया जा रहा सीतापुर सर्कल में पोलारिस स्मार्ट मिटरिंग को काम मिला है। उक्त कम्पनी के कर्मचारी उपभोक्ताओं की संतुष्टि के लिए घर -घर जाकर जागरूकता अभियान भी चला रहा है। कंपनी का दावा है कि मीटर लगाने की प्रक्रिया उपभोक्ताओं की संतुष्टि को सबसे अधिक प्रमुखता दी है। हर स्तर पर उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान के साथ स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है। उपभोक्ताओं को किसी भी तरह की भ्रान्तियों से बचना होगा। स्मार्ट मीटर लगने से किसी भी तरह से उपभोक्ताओं को कोई भी नुकसान नहीं होगा। स्मार्ट मीटर लगने से नहीं आएगा ज्यादा बिल : कंपनी के लोगों का दावा है कि इन स्मार्ट मीटरों के लगने के बाद उपभोक्ताओं को बिना किसी असुविधा के समय से बिल मिलेंगे। उपभोक्ताओं द्वारा खपत की गई बिजली की सही और सटीक जानकारी उनके पास होगी। किसी भी तरह का बिजली का बिल बढ़कर नहीं आएगा। पहले की ही तरह उपभोक्ता उपयोग की गई बिजली का बिल जमा करेंगे। उन्हें किसी भी तरह का अतिरिक्त या अधिक बिल नहीं देना होगा । तेजी से जिले में चल रहा है स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य बिजली विभाग उपभेक्ताओं त्रुटिहीन सेवा देने के लिए लगातार काम कर रहा है। जिसके लिए हर उपभेक्ता के घर या संस्थान पर पुराने बिजली मीटर बदल कर नये स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है। बिजली विभाग के अनुसार जिले में करीब साढ़े चार लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें अभी तक कुल 32760 समार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। विभाग की कोशिश है कि जल्द से जल्द तय लक्ष्य को पूरा कर लिया जाए। ताकि उपभोक्ताओं को बेहतर सुवाएं उपलब्ध कराई जा सकें। बिजली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने का मकसद बिजली बिल में आ रही शिकायतों का समुचित समाधान हो सके और उपभेक्ताओं को सही रीडिंग के साथ बिल मिल सकें। अभी तक जिले मेें पोस्टपेड स्मार्ट मीटर ही लगाए जा रहे हैं। यह हैं मीटर के फायदे : अधिकारियों ने बताया कि स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को समय से बिल मिलेगा। हर महीने होने वाली रीडिंग कराने से छुटकारा, किराएदार और मकान मालिक के बीच बिल को लेकर विवादित स्थिति से छुटकारा मिलेगा। उपभोक्ता पर भारी भरकम बकाया हो जाने से जैसी समस्या से छुटकारा मिलेगा, बिजली के बिल को उपभोक्ता स्वयं से नियंत्रण कर सकते हैं। बोले जिम्मेदार स्मार्ट मीटर लगाते समय बताया था कि इससे समस्याओं का समाधान हो जाएगा। लेकिन हमें लगता है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद दिक्कतें बढ़ गई है। कोई जवाब भी नहीं देता। - महेंद्र स्मार्ट मीटर की तमाम खूबियां बताई गई थी। लेकिन परेशानियां बढ़ गई हैं। तीन महीने में ही 60 यूनिट अधिक लगकर आ रहा। - श्रीकृष्ण पाल सोचा था कि स्मार्ट मीटर लगने से आसानी होगी। लेकिन उल्टा हुआ। पहले चार-पांच सौ का बिल अब दोगुना हो गया। - शकील अहमद घर में पुराना मीटर व स्मार्ट मीटर दोनों लगे हैं। तीन महीने में दोनों की रीडिंग में 60 यूनिट का फर्क है। शिकायत पर सुनवाई नहीं होती। - सुधीर मिश्रा बोले जिम्मेदार शहरी क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाए जाने का काम चल रहा है। यह मीटर भविष्य की स्थितियों को देखते हुए बनाए गए हैं। इसको लगाने के बाद सोलर लगाने या लोड बढ़ाने पर मीटर बदलने की आवश्यकता नहीं है। मीटर को टेस्ट किया जा चुका है। सभी मीटर ठीक चल रहे हैं। जिन उपभोक्ताओं को लगता है कि मीटर तेज चल रहे हैं, वह शिकायत करें। जांच करा दी जाएगी। अशोक यादव, अधिशासी अभियंता (प्रशिक्षण) प्रस्तुति: अविनाश दीक्षित
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