सर ने केबिन में मेरे कपड़े उतरवाए, नंगा कर तान दी रिवॉल्वर; एमटेक स्टूडेंट ने प्रोफेसर पर लगाए आरोप
छात्र की ओर से की गई शिकायत के अनुसार विभाग के लैब अटेंडेंट और सीनियर प्रोफेसर की ओर से उसे कार्यालय बुलाया गया। विभागाध्यक्ष के केबिन में ले जाकर उसका बैग चेक किया गया। जासूसी के आरोप में कपड़े उतरवा दिए गए। नग्न हालत में मानसिक, शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। केबिन को बाहर से बंद कर दिया गया।

यूपी के प्रयागराज स्थित मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार अभियांत्रिकी विभाग के एमटेक प्रथम वर्ष के छात्र ने विभागाध्यक्ष सहित कुछ फैकल्टी और स्टाफ सदस्यों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एमटेक छात्र ने मामले की लिखित शिकायत निदेशक कार्यालय में भी की है। छात्र का आरोप है कि उसका मानसिक उत्पीड़न और नग्न कर शारीरिक अपमान किया गया और जान से मारने की धमकी दी गई।
छात्र की ओर से की गई शिकायत के अनुसार, 24 जून की सुबह 10.26 बजे विभाग के लैब अटेंडेंट और सीनियर प्रोफेसर की ओर से उसे कार्यालय बुलाया गया। आरोप है कि विभागाध्यक्ष के केबिन में ले जाकर उसका बैग चेक किया गया और जासूसी के आरोप में कपड़े उतरवा दिए गए। नग्न हालत में मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया तथा केबिन को बाहर से बंद कर दिया गया। पीड़ित का आरोप है कि शिक्षक ने उसके सिर पर साइलेंसर लगी रिवॉल्वर तान दी और जब भागने की कोशिश की तो गोली चलाई।
तभी वहां मौजूद शिक्षकों ने दरवाजा खोलकर उसे बाहर निकाला। इस घटना से सदमे में आया छात्र केंद्रीय पुस्तकालय के पास बेहोश हो गया। जहां से उसे पहले स्वास्थ्य केंद्र और फिर एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। एमटेक छात्र ने शिकायत में यह भी जिक्र किया है कि 23 जून को भी उसे धमकाया गया था कि अगर दाखिल आरटीआई वापस नहीं ली, तो कारण बताओ नोटिस और निष्कासन का सामना करना पड़ेगा।
छात्र ने निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच, दोषियों पर कठोर कार्रवाई, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और अकादमिक सुरक्षा की मांग की है। संस्थान प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए एक समिति गठित कर दी है।
क्या बोले कुलसचिव
एमएनएनआईटी के कुलसचिव प्रो.रमेश पांडेय ने कहा कि एमटेक छात्र की ओर से ईमेल के माध्यम से लगाए गए आरोपों जैसे मानसिक उत्पीड़न, धमकी व अन्य आपत्तिजनक घटनाओं की निष्पक्ष जांच के लिए विभागाध्यक्ष की ओर से एक समिति गठित की गई है। समिति सभी संबंधित पक्षों और उपलब्ध साक्ष्यों की छानबीन कर रिपोर्ट एक जुलाई तक जमा करने का लक्ष्य रखती है। जिसके आधार पर उपयुक्त प्रशासनिक या अन्य आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।