पिपरा हसनपुर में है सुविधाओं का अभाव
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर के पिपरा हसनपुर गांव में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। यहां सड़कें टूट गई हैं, नालियां गंदगी से भरी हैं और पीने का पानी नहीं है। बरसात में जल भराव और गंदे पानी से लोगों को समस्याओं का...
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के विकास खण्ड सेमरियावां क्षेत्र की ग्राम पंचायत पिपरा हसनपुर में सुविधाओं का अभाव है। इस गांव में हर जन सुविधा बदहाली का शिकार है। सड़क से लेकर नालियां तक टूट गई हैं। इसका दंश ग्रामीण व राहगीर भुगत रहे हैं। गांव में पानी की निकासी के लिए नालों का निर्माण नहीं हो सका है। जो नालियां हैं वे गंदगी से जाम पड़ी हैं। नालियों की सफाई नहीं की गई। इन सब का खामियाजा ग्रामीणों को बरसात में जल भराव के रूप में भुगतना पड़ रहा है। पिपरा हसनपुर गांव से ब्लाक जाने वाली सड़क जगह-जगह टूट गई है।
सड़क के किनारे दोनों पटरी पर जल और कचड़ा पटा पड़ा है। गांव में पानी निकासी के बनाई नालियां जगह जगह टूट चुकी हैं। नालियों के टूटने से गंदा पानी उफनाकर सड़कों पर बहता है। इसी से होकर राहगीरों व ग्रामीणों को गुजरना पड़ता है। गंदे पानी से होकर जाने में सबसे ज्यादा समस्या इस माह में स्कूल खुल जाने से छोटे-छोटे बच्चों को हो रही है। इस मार्ग से प्रतिदिन सैकड़ों छात्र-छात्राएं पढ़ने के लिए जाते हैं। साथ ही सेमरियावां ब्लाक पर जाने के लिए इसी रास्ते से लोग होकर गुजरते हैं। बदहाल हो चुकी सड़क की मरम्मत कराया जाना काफी जरूरी है। सरकार के गड्ढा मुक्त सड़क के आदेश का पालन इस सड़क पर नहीं दिख रहा है। गड्ढों से युक्त सड़क दुर्घटनाओं को दावत दे रही है। साइकिल सवारों व राहगीरों के लिए यह मार्ग ब्लाक पर पहुंचने के लिए आसान रास्ता है। गांव में सफाई कर्मी कभी कभार ही आते हैं थोड़ा-बहुत सफाई करके चले जाते हैं। इससे हर तरफ गंदगी पसरी हुई है। इस गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने के कारण ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नाली के साथ-साथ सड़क, पीने के लिए पानी आदि की सुविधाओं के न होने के कारण लोगों को तकलीफ उठानी पड़ रही है। जहां सरकार गांव के शहरीकरण के लिए तमाम योजनाएं ला रही है वहीं यहां विकास के नाम पर पूरी तरह बदहाल दिख रहा है। गांव में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था न होने से देशी पंप से पानी पी रहे ग्रामीण पिपरा हसनपुर गांव के लोगों के लिए अभी शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है। गांव से बाहर बने सामुदायिक शौचालय के सामने सरकारी हैंड पंप बना है लेकिन वह भी खराब पड़ा हुआ है । लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए गांव में जल जीवन मिशन योजना के तहत गांव में घर-घर पाइप लाइन बिछाने के लिए इंटरलाकिंग सड़क व कच्चे रास्ते को खोद दिया गया है। पेयजल का कार्य अधूरा छोड़कर कार्मचारी फरार हो गए हैं। गांव में पानी तो आया नहीं लेकिन गांव में बनी बनाई रोड को तोड़कर छोड़ दिया है। इसके चलते लोगों को आने जाने काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पेयजल के लिए लोग मजबूरी में देशी हैंडपंप का पानी प्रयोग कर रहे हैं। गांव में चारों तरफ सफाई व्यवस्था बदहाल पड़ा पिपरा हसनपुर गांव की सफाई व्यवस्था हर तरफ बदहाल पड़ी है। यहां की नालियों और गंदगी से ग्रामीण परेशान हैं। प्रदेश सरकार ने गांव की स्वच्छता के लिए सफाई कर्मियों की नियुक्ति किया है। उन्हें गांव में रहकर सफाई कार्य करना था। लेकिन गांव में सफाई कर्मचारी नहीं आ रहे हैं। सफाई कर्मियों की अनुपस्थिति के कारण गांव में सफाई व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है। सफाई न हो पाने से नालियां गंदगी से चोक हो गई हैं। इनसे उठने वाली दुर्गंध लोगों को परेशान करती रहती है। गंदगी के चलते मच्छरों की संख्या बढ़ने से मच्छर जनित बीमारियों का लोगो पर खतरा मंडरा रहा है । पानी निकासी के लिए नालों का नहीं हो रहा निर्माण पिपरा हसनपुर गांव में पानी के निकासी के लिए नालों का निर्माण नहीं कराया गया। नालियों का जो निर्माण हुआ वह जगह जगह पूर्ण रूप से टूट चुकी हैं। जिससे ग्रामीण परेशान है कुछ स्थानों पर नाली का निर्माण ही नहीं हुआ है। कच्ची नाली होने से गांव के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नालों का निर्माण न होने से इन दिनों हुई बारिश में जल भराव की समस्या हो गई है। जिम्मेदार लोगों को परेशानी से निजात दिलाए जाने को लेकर गंभीर नहीं हैं। यही कारण है कि सभी घरों के पानी रास्तों में जल जमाव हो रहा है। वर्षों से अधूरा पड़ा पंचायत भवन का निर्माण पिपरा हसनपुर गांव से बाहर वर्षों से बन रहा पंचायत भवन का कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। कई बार में थोड़ा बहुत कार्य होकर बंद हो गया। पिछले कुछ दिनों पहले भी इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था फिर रुक गया। इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। अगर पंचायत भवन बनकर तैयार हो गया होता तो उन्हें सरकारी कार्यों को कराने में काफी आसानी होती। छोटे-छोटे कार्यों के लिए ब्लाक का चक्कर नहीं लगाना पड़ता। यही वजह है पंचायत भवन तैयार न होने का खामियाजा ग्रामीणों का भुगतना पड़ रहा है। गांव में खंभों पर नहीं लगी स्ट्रीट लाइट सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना के अनुसार हर गांवों में हर खंभे पर रोशनी के लिए स्ट्रीट लाइट लगाई जा रही है। पिपरा हसनपुर गांव में जगह-जगह बिजली के खंभे लगे हुए हैं। लेकिन इस गांव में किसी भी खंभे पर कोई स्ट्रीट लाइट नहीं लगाई गई है जिसका खामियाजा ग्रामीणों को अंधेरे में आवागमन के रूप में झेलना पड़ रहा है। एक तरफ गांव में इंटर लॉकिंग रोड न लगने से रास्तों में कीचड़ फैला हुआ है। इस पर आवागमन करने में अक्सर रात के समय अंधेरा होने से लोग गिरकर घायल हो जाते है। जबकि देखा जाय हर गांव के खंभों पर लाइट लगी हुई है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि इसरार अहमद ने कहा कि गांव की समयाओं के निदान के लिए योजनाओं के माध्यम से काम कराया जा रहा है। गांव में 22 वर्ष पहले पक्की सड़क बनी थी जो टूट गई है। साथ ही गांव में दो साल पहले लाइट लगवाई गई थी जो इस समय खराब है। प्रयास पूरा किया जा रहा कि गांव की सभी समस्या का निस्तारण शीघ्र पूरा करा लिया जाएगा। विधायक अंकुर राज तिवारी ने कहा कि क्षेत्र की समस्याओं का निदान कराया जा रहा है। जहां से ज्यादा समस्या आ रही है वहां अधिकारियों से मिलकर काम कराया जा रहा है। पिपरा हसनपुर गांव की समस्याओं उसके साथ ही अन्य समस्याओं का भी समाधान कराया जाएगा। ग्रामीणों को कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।
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