अब छह माह में स्वस्थ हो जाएंगे एमडीआर टीबी के रोगी
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर जिले में टीबी की दवा के प्रति रजिस्टेंस विकसित कर चुके मरीजों का इलाज अब आसान होगा। इन्हें दूसरी श्रेणी की दवा दी जाएगी और यह मरीज भी छह माह में स्वस्थ हो सकेंगे। जिले में 117 मरीज हैं,...

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में टीबी की दवा के प्रति रजिस्टेंस विकसित हो चुके मरीजों का इलाज में आसानी होगी। इन्हें दूसरी श्रेणी की दवा दी जाएगी और यह मरीज भी छह माह में पूरी तरह से स्वस्थ हो सकेंगे। सेमरियावां क्षेत्र में जिले के पहले मरीज की दवा गुरुवार को शुरू हुई है। वर्तमान में जिले में 117 मरीज हैं, जिन्हें एमडीआर की दवा दी जानी है। सामान्य टीबी की दवा खाने के दौरान लापरवाही बरतने पर मरीज के अंदर टीबी की दवा के प्रति रजिस्ट्रेंस विकसित हो जाता है। ऐसे मरीजों को टीबी की दवा काम नहीं करती है।
इन मरीजों दूसरी दवा दी जाती है थी और नौ से 11 माह तक दवा चलाया जाता था। लंबे समय तक दवा चलने पर मरीज को उबन महसूस होने के साथ साथ शरीर में दूसरी विसंगतियां भी पैदा होती थी। अब एमडीआर के मरीजों का इलाज आसानी से होगा। सामान्य मरीजों की तरह ही छह माह तक दवा खाने पर एमडीआर का मरीज भी पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएगा। शासन से जो दवा दी जा रही है, इलाज की इस प्रक्रिया को बी-पाम रिजीम के नाम से जाना जाता है। कुछ जरूरी जांच के बाद मरीज को दवा शुरू कर दी जाएगी। ऐसे मरीजों को नियमित रूप से निगरानी किया जाएगा ताकि मरीज दवा बंद न करने पाए। पूरा कोर्स भर दवा करने पर मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य हो जाएगा। क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला समन्वयक अमित आनंद ने बताया कि जिले के पहले रोगी को दवा शुरू कर दी गई। शासन के निर्देश पर मानक के दायरे में आने वाले सभी मरीजों को बी-पाम रिजीम की दवा दी जाएगी। 14 वर्ष से छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाओं को दवाएं नहीं दी जाएंगी।
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