नगर पालिका विस्तार की तैयारी, 14 गांवों के प्रस्ताव भेजे गए
Sambhal News - फोटो:::1 व 12 से 14 विस्तार से नगर की कुल आबादी में होगी बड़ी बढ़ोत्तरी, दलित मतदाताओं की संख्या में इजाफा तय - राजनीतिक

नगरपालिका शहर के आसपास 14 गांव को नगरपालिका में शामिल किए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता है तो यह निश्चित है कि नगर की कुल आबादी में खासी वढ़ोत्तरी होगी। साथ ही दलित मतदाताओं की संख्या में इजाफा होना तय है। ऐसे में राजनीतिक दलोंकी नजर नए शामिल होने वाले क्षेत्रों पर रहेगी। विस्तार होने से शहर की सुविधाओं व संसाधनों पर भी दबाब बढ़ेगा। लंबे समय से नगरपालिका का विस्तार नहीं हुआ है। नगरपालिका के विस्तार की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नए प्रस्ताव के अनुसार शहर से सटे 14 गांव को नगरपालिका में शामिल किया जाएगा।
जैसे-जैसे शहर की आबादी बढ़ी और लोगों तो विकास के चलते कई गांव शहर की सीमा से आकर जुड़ गए। दो-एक गांव ऐसी भी कि वह शहर की बीच में आ गए हैं। अकबरपुर चितौरी शहर के बीच में है जबकि मौलागढ, पथरा,देवरखेड़ा कैथल आदि गांव का चन्दौसी के बीच कोई दूरी नहीं है। शहर से सटे गांव को लंबे समय से शहर में नगरपालिका में शामिल किए जाने की मांग होती आ रही है। अगर इन 14 गांव को नगरपालिका में शामिल किए जाने की मंजूरी मिलती है तो काफी बदलाव देखने को मिलेगा। हालांकि नगरपालिका के नए परिसीमन प्रस्ताव में करीब पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांव को शामिल किया गया है। जब इन गांव को नगरपालिका में शामिल किया जाएगा तो निश्चित ही शहर की आबादी में बढ़ोत्तरी होगी है। साथ ही जिन गांव के नाम प्रस्ताव के लिए भेज गए है। इनमें अधिकतर में दलित आबादी अधिक है। ऐसे में नगरपालिका में दलित मतदाताओं की संख्या में खासी वृद्धि होगी। ऐसे में नगरपालिका में शामिल नए क्षेत्रों पर राजनीतिक दलों की नजर रहेगी। प्रस्ताव के बाद इन गांव को किया जाएगा शामिल कैथल, मई, वाकरपुर भैतरी, असालतनगर जारई, मौलागढ़, भवानीपुर, मोहम्मदगंज, अकबरपुर चित्तौरी, पथरा, पतरौआ, देवरखेड़ा, अजीमगंज, गुमथल, तारापुर। क्या कहते है शहरवासी विस्तार से नगरपालिका परिषद अधिक विकास परियोजनाओं को लागू कर सकेगी। साथ ही नागारिकों के बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। आर्थिक विकास के साथ-साथ रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त होंगे। - छत्रपाल सिंह यादव एडवोकेट नगर पालिका परिषद के विस्तार की इस योजना को विभिन्न वर्ग अपनी अपनी दृष्टि से देखेंगे। राजनेता इस विस्तार को राजनीति की दृष्टि से देखेंगे, यह तय है कि इस विस्तार से नगर का क्षेत्र बढ़ेगा और विकास के नए अवसर सामने आएंगे। इस विस्तार के उपरांत यदि नए वृहत नगर का विकास सुनियोजित तरीके से किया जाए तो सभी लाभांवित होंगे। राजीव वार्ष्णेय, व्यापारी शामिल होने वाले ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को नए करों का बोझ प्रभावित कर सकता है। जनप्रतिनिधियों की दूर दृष्टि पर इस नए नगर के विकास की जिम्मेदारी होगी, समय बताएगा की जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी पर खरे उतरेंगे या नहीं। डा़ अमित राघव
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