श्रीमद्भागवत कथा में श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह प्रसंग ने श्रद्धालुओं को किया भावविभोर
Sambhal News - गुन्नौर के गांव फरीदपुर में साधु मढी आश्रम पर श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया। कथा वाचक आचार्य केहर सिंह ने श्रीकृष्ण और रुकमणी के विवाह की व्याख्या की। श्रद्धालुओं की भीड़ कथा स्थल पर उमड़ी, और...
गुन्नौर क्षेत्र के गांव फरीदपुर में साधु मढी आश्रम पर श्रीमद्भागवत कथा शनिवार को नौवें दिन श्रीमद भागवत कथा सुनने के लिए पहुंची श्रद्धालुओं की भीड़ से कथा स्थल खचाखच भर गया। कथा वाचक आचार्य केहर सिंह ने कथा प्रसंग के क्रम में श्रीकृष्ण और रुकमणी के विवाह की व्याख्या कर श्रोताओं को भावमुग्ध कर दिया। श्रीमद भागवत कथा अमृत वर्षा के रूप में श्रद्धालुओं के अंतःकरण को भींगो कर रसरंग में डूबो रही थी। भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य लीला और महारास के वर्णन से सुमधुरित कथा श्रवण से सभी भावविभोर हो उठे। कथा व्यास आचार्य केहर सिंह ने बताया कि श्रीकृष्ण लीलामृत के महारास में जीवात्मा का परमात्मा से मिलन हुआ।
उन्होंने कहा कि जीव और परमात्मा तत्व ब्रह्म के मिलन को ही महारास कहते है। कथा व्यास ने कहा जब जीव में अभिमान आता है तब भगवान से वह दूर हो जाता है, लेकिन जब कोई भगवान के अनुराग के विरह में होता है तो श्रीकृष्ण उस पर अनुग्रह करते है, उसे दर्शन देते है। भगवान श्रीकृष्ण रूक्मिणी के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुक्मणि के साथ संपन्न हुआ, लेकिन रुक्मणि को श्रीकृष्ण द्वारा हरण कर विवाह किया गया। कथा व्यास ने बताया कि रुक्मिणी स्वयं साक्षात लक्ष्मी हैं और वह नारायण से दूर रह ही नही सकती। इस अवसर पर श्रीकृष्ण और रूक्मणि के विवाह की झांकी ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। कथा के सफल संचालन में भागवत कथा समिति के दर्जनों सदस्य लगे हुए हैं। एवरन सिंह, मुकेश यादव, पुजारी यादव, ललित उर्फ ललतेश दास महाराज, राजेश यादव, बाबू यादव, पुष्पेंद्र यादव,कल्लू यादव, अजयपाल यादव, बनवारी यादव, सहित भक्तगण मौजूद रहे ।
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