150 आर्य वीरों ने लिया यज्ञोपवीत
Sambhal News - रजपुरा के टीकम सिंह आर्य आदर्श विद्यालय में आर्य वीर दल द्वारा प्रांतीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 150 आर्य वीरों को यज्ञोपवीत संस्कार के माध्यम से वैदिक संस्कृति से जोड़ा गया। इस मौके...

रजपुरा क्षेत्र के टीकम सिंह आर्य आदर्श विद्यालय में आर्य वीर दल द्वारा आयोजित प्रांतीय प्रशिक्षण शिविर में शुक्रवार को यज्ञीय बेला में 150 आर्य वीरों को यज्ञोपवीत संस्कार के माध्यम से वैदिक संस्कृति से जोड़ा गया। इस पवित्र अवसर पर कई जिलों से पधारे आर्य वीरों ने भाग लिया। आर्य वीर दल उत्तर प्रदेश के संचालक आचार्य पंकज आर्य ने कहा कि यज्ञोपवीत भारतीय वैदिक संस्कृति का अत्यंत महत्वपूर्ण प्रतीक है। संस्कार ही जीवन को योग्य व धर्मानुकूल बनाते हैं। संस्कार ही मानसिक, वाचिक और आत्मिक उन्नति का माध्यम है। सर्वदानंद संस्कृत महाविद्यालय, साधु आश्रम अलीगढ़ के प्राचार्य डॉ. आचार्य जीवन सिंह आर्य ने कहा कि यज्ञोपवीत विद्या का प्रतीक है।
इसके तीन धागे पितृ ऋण, ऋषि ऋण और देव ऋण की स्मृति कराते हैं, जिन्हें मनुष्य को अपने पुरुषार्थ से चुकाना होता है। वैदिक परंपरा में यज्ञोपवीत धारक ही यज्ञ करने का अधिकारी होता है। संध्या काल में व्यायाम शिक्षक राजकुमार आर्य, सुभाष आर्य, नारायण आर्य, प्रशांत, अजीत आर्य, विश्वजीत आर्य आदि ने शिविरार्थियों को तलवार, भाला, लाठी, लेजियम, डम्बल, मलखम्ब, दंड बैठक आदि शारीरिक व्यायामों का प्रशिक्षण दिया। इस दौरान प्रांतीय सह संचालक दयाशंकर आर्य, जिला संचालक ज्योति वसु आर्य, ओमपाल आर्य, नरेंद्र पाल आर्य, यशपाल शास्त्री, आर्य वीर दल बुलन्दशहर के पदाधिकारी एवं अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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