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देवबंद विस्फोट में 31 साल बाद आरोपी बरी

Saharanpur News - देवबंद के यूनियन तिराहे पर 1993 में हुए बम धमाके के मुख्य आरोपी कश्मीर के संदिग्ध आतंकी नजीर वानी को सबूतों के अभाव में अदालत ने दोष मुक्त कर दिया। वानी को 30 वर्षों के बाद 2024 में गिरफ्तार किया गया...

Newswrap हिन्दुस्तान, सहारनपुरWed, 11 June 2025 04:10 AM
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देवबंद विस्फोट में 31 साल बाद आरोपी बरी

देवबंद बाबरी विध्वंस के बाद वर्ष 1993 में देवबंद के यूनियन तिराहे पर हुए बम धमाके में मुख्य आरोपी बनाए गए कश्मीर के संदिग्ध आतंकी नजीर वानी को एसीजेएम की अदालत से सबूतों के अभाव में मंगलवार को दोष मुक्त कर दिया। घटना में गिरफ्तारी के बाद वर्ष 1994 में उसे जमानत मिल गई थी, इसके बाद वह फरार चल रहा था। वर्ष 2024 में पुलिस ने उसे दोबारा गिरफ्तार किया फिर जनवरी 2025 में उसे दोबारा जमानत मिल गई थी। दोबारा गिरफ्तारी के बाद अब छह माह में न्यायालय ने उसे आरोपों से बरी कर दिया। वर्ष 1993 में देवबंद के यूनियन तिराहे पर हुए आतंकी हमले में पुलिस ने वर्ष 1994 में जम्मू-कश्मीर के बड़गाम जनपद निवासी नजीर अहमद वानी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

जिसके बाद उसे कश्मीर से ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। बम धमाके में दो पुलिसकर्मियों सहित छह लोग घायल हुए थे। जेल जाने के बाद नजीर को कुछ समय बाद ही जमानत मिल गई थी। जिसके बाद से वह अपना नाम पता बदल कश्मीर में रह रहा था। इस दौरान वह अदालत में हाजिर नहीं हुआ। जिसके चलते वर्ष 2024 में न्यायालय से उसके गैर जमानती वारंट जारी हुए। वारंट जारी होने के बाद अक्टूबर-नवंबर माह में एटीएस और पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया कर लिया था। गिरफ्तारी के बाद नजीर के खिलाफ मुकदमा प्रारंभ हुआ तो मंगलवार को सबूतों के अभाव में एसीजेएम परविंदर सिंह की अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में उसे बरी कर दिया। 30 वर्षों बाद हुआ था गिरफ्तार 19 नवंबर 2024 को गिरफ्तारी के समय नजीर वाणी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। जमानत के बाद वह फरार हो गया, एटीएस ने अदालत से गैर जमानती वारंट जारी होने के 30 वर्षों बाद उसे जम्मू कश्मीर से फिर गिरफ्तार किया था। दो पुलिसकर्मी सहित छह लोग हुए ग्रेनेड हमले में घायल 1993 में आतंकी हमले में नजीर अहमद वानी को आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का सक्रिय सदस्य बताते हुए उसके खिलाफ 1994 में हमले का दोषी मानते हुए देवबंद पुलिस ने मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया था। आरोप था कि उक्त बम धमाके में यूनियन तिराहे पर ड्यूटी पर मौजूद यूपी पुलिस का कास्टेबल कन्हैया लाल और कास्टेबल अर्जुमन अली हमले में घायल हो गए थे। जबकि एक अन्य प्रकाश और सुखबीर सहित मोहल्ला रेती चौक निवासी एक अन्य व्यक्ति भी घायल हो गया था। उमर अब्दुल्ला के खिलाफ लड़ा था विधान सभा चुनाव 51 वर्षीय नजीर अहमद वानी ने वर्ष 2024 में हुए विधान सभा चुनाव में बड़गाम विधान सभा सीट से मौजूद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हालांकि वह चुनाव में हार गया था। वानी ने अपने चुनावी शपथ पत्र में स्वंय को व्यापारी बताते हुए देवबंद में बम विस्फोट प्रकरण में उसके खिलाफ मुकदमे का जिक्र भी नहीं किया था। वर्ष 1994 में जमानत पर रिहा होने के बाद से ही वह नाम बदलकर कश्मीर में अलग-अलग स्थानों पर रहा।

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