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बोले सहारनपुर : हल्की सी बारिश में स्मार्ट सिटी जलमग्न

Saharanpur News - सहारनपुर में हुई झमाझम बारिश ने स्मार्ट सिटी की असली हालत उजागर कर दी है। कई कॉलोनियां और बाजार जलमग्न हो गए हैं, जिससे लोगों में नाराजगी है। खराब जल-निकासी व्यवस्था और अवैध निर्माण को मुख्य कारण...

Newswrap हिन्दुस्तान, सहारनपुरFri, 27 June 2025 01:43 AM
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बोले सहारनपुर : हल्की सी बारिश में स्मार्ट सिटी जलमग्न

झमाझम बारिश ने स्मार्ट सिटी की पोल खोल दी। शहर की कई कॉलोनियां, बाजार और मुख्य मार्ग पानी में डूबे नजर आए, जिससे लोगों में रोष है। लोगों ने जलभराव के लिए खराब जल-निकासी व्यवस्था, अवैध निर्माण और अतिक्रमण को मुख्य कारण बताया। बुधवार को हुई बारिश ने सहारनपुर की स्मार्ट सिटी परियोजना की हकीकत को उजागर कर दिया। पश्चिम उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर सहारनपुर में स्मार्ट सिटी योजना के तहत बीते वर्षों में करीब एक हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए, मगर बुधवार को झमाझम बारिश ने योजनाओं की पोल खोल दी है। शहर की कई कॉलोनियां, बाजार और मुख्य मार्ग पानी में डूबे नजर आए।

इससे न सिर्फ आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ बल्कि लोगों में गहरी नाराजगी भी देखी गई। लोगों ने जलभराव के लिए खराब जल-निकासी व्यवस्था, अवैध निर्माण व अतिक्रमण को मुख्य कारण बताया। जल निकासी और बुनियादी शहरी सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया, तो आने वाले वर्षों में स्मार्ट सिटी एक दिखावा बनकर रह जाएगी। सहारनपुर की कई प्रमुख कॉलोनियों जैसे धोबी घाट, कमेला कॉलोनी, खाताखेड़ी, नंद विहार, ब्रहमपुरी, कपित विहार, हकीकत नगर, बृजेश नगर, अहमद बाग, चंद्र नगर और गिल कॉलोनी में पानी भर गया। इन इलाकों में जलनिकासी की खराब व्यवस्था के चलते गलियों और सड़कों को तालाब में तब्दील कर दिया। ब्रहमपुरी कॉलोनी में रहने वाले लोगों ने बताया कि 2013 से वो जलभराव की स्थिति का दंश झेल रहे हैं। हर 2013 के बाद से कॉलोनी की स्थिति काफी खराब हो गई है। जरा सी बारिश कॉलोनी को तालाब में तब्दील कर देती है। पानी की निकासी के लिए नाले निर्माण की मांग की जा रही थी। अब नाले का निर्माण करा दिया है, लेकिन नाले का कनेक्ट नहीं किया गया है। इसके चलते नाले निर्माण के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। इस संबंध में तीन महीने पहले महापौर को अवगत कराया गया था और बरसात से पूर्व समस्या के समाधान की मांग की गई थी। महापौर ने मौके पर आकर निरीक्षण करने और समस्या के समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन समाधान नहीं मिला। नगर निगम की लापरवाई का खामियाजा स्थानीय निवासियों को भुगतना पड़ रहा है। ब्रहमपुरी केवल एक उदाहरण मात्र है। ऐसी कई कॉलोनियां हैं जहां थोड़ी सी बारिश माथे पर चिंता की लकीरें खींच देती है। शहर को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए नालों का निर्माण कार्य कराया गया है। नालियां भी बनवाई गई हैं। बरसात से पहले बड़े नालों की सफाई भी कराई गई है। लेकिन बारिश ने सारे दावों की पोल खोल दी है। स्मार्ट सिटी के नाम पर लगाए गए भारी-भरकम बजट का एक बड़ा हिस्सा सड़क निर्माण, लाइटिंग, सौंदर्यीकरण और भवनों के नवीनीकरण पर खर्च किया गया, लेकिन जल निकासी को नजरअंदाज कर दिया। शहर के केंद्र से लेकर बाहरी कॉलोनियों तक जलभराव एक सामान्य समस्या बन चुका है। इससे न केवल नागरिकों को परेशानी हो रही है, बल्कि कई बार तो अस्पताल पहुंचने में देरी, स्कूल जाने वाले बच्चों को समस्या और व्यापारिक नुकसान तक झेलना पड़ता है। --- बाजार भी बने जलाशय स्मार्ट सिटी के अंतर्गत विकसित किए गए कई वाणिज्यिक क्षेत्र भी जलभराव से अछूते नहीं रहे। पश्चिम उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी कपड़ा मार्केट, जो सहारनपुर की आर्थिक गतिविधियों का केंद्र मानी जाती है, वहां भी दुकानों के आगे और अंदर तक पानी भर गया। व्यापारियों का कहना है कि जब भी तेज बारिश होती है, तो भारी नुकसान होता है और व्यापार प्रभावित होता है। बााजार में दूसरे जिलों और राज्यों से व्यापारी खरीदारी के लिए आते हैं। व्यापारियों का मानना है कि जेबीएस कॉलेज के पास नाले का निर्माण कराकर जलनिकासी की समस्या का समाधान कराया जा सकता है। --- -समस्या एवं सुझाव -महानगर में खराब जल निकासी व्यवस्था से जलभराव की समस्या - कई कॉलोनियों में जल निकासी नहीं होने की समस्या - कई कॉलोनियों में नालों-नालियों न होने की समस्या -नियमित सफाई नहीं होने की समस्या - बाजारों और कॉलोनियों में अवैध निर्माण व अतिक्रमण की समस्या --- -सुझाव -नालों और नालियों की नियमित सफाई कराई जाए - नालों-नालियों का निर्माण कराया जाए -अधूरे निर्माण कार्यों को पूरा कराया जाए -अवैध निर्माण व अतिक्रमण को हटाया जाए प्रतिक्रियाएं----- 0-वर्जन 2013 से लगातार हमारे क्षेत्र में जलभराव की समस्या बनी हुई है। थोड़ी सी बारिश होते हुए ही ब्रहमपुरी कॉलोनी में जलभराव की स्थिति बन जाती है। -सरोज 0-वर्जन जलभराव से हर साल प्रति परिवार हजारों रुपये का नुकसान होता है। हमारी स्थिति काफी खराब हो गई है। कॉलोनी की लगातार उपेक्षा की जा रही है। -लीला 0-वर्जन ब्रहमपुरी कॉलोनी की सबसे बड़ी समस्या जलभराव की है। जलनिकासी के लिए नगर निगम द्वारा नाले का निर्माण कराया गया है। लेकिन नाले का कनेक्ट नहीं किया गया है। -सरला 0-वर्जन सहारनपुर की गिनती स्मार्ट सिटी में होती है। बताया जा रहा है कि शहर को स्मार्ट बनाने में करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर ही बयां कर रही है। -प्रियंका जैन 0-वर्जन ब्रहमपुरी कॉलोनी में जलभराव की समस्या को एक दशक से अधिक हो गया है। नगर निगम सौंदर्यीकरण में तो रुपये खर्च करा रहा है, लेकिन जलनिकासी को लेकर प्लानिंग नहीं कर रहा है। जिसका खामियाजा लोग भुगत रहे हैं। -नकली राम 0-वर्जन हमारी कॉलोनी में करीब चार से पांच हजार लोग हर साल बारिश में प्रभावित होते हैं। लाखों रुपये का नुकसान होता है। हम आम आदमी हैं। हर साल इतना नुकसान सहन नहीं कर सकते। -रामकरण सिंह 0-वर्जन शहर में अधिकांश स्थानों पर जल निकासी की व्यवस्था अधूरी है। नालियों की संरचना पुरानी है और कई जगहों पर जाम रहती हैं। कुछ नई कॉलोनियों में तो नालियां बनी ही नहीं हैं। -अरविंद कुमार 0-वर्जन नगर निगम द्वारा नालियों की सफाई मानसून शुरू होने के बाद की जाती है, जबकि इसे पूर्व तैयारी के रूप में किया जाना चाहिए। कचरा और प्लास्टिक कचरा नालियों को जाम कर देता है। -अनूप कुमार 0-वर्जन बुधवार को हुई बारिश ने नगर निगम के दावों की पोल खोल दी है। प्रताप नगर चौक से थाना मंडी तक जलभराव की समस्या सबसे ज्यादा होती है। अगर नालों की नियमित सफाई की जाए तो जलभराव की समस्या का समाधान हो सकता है। -अंतरिक्ष अरोड़ा 0-वर्जन रायवाला मार्केट में आज जलभराव की स्थिति चरम पर थी। जेबीएस कालेज के सामने बड़े नाले का निर्माण ना होने की वजह से पानी की निकासी नहीं हो पाती है। -सार्थक नारंग 0-वर्जन नगर निगम नए शहर में विकास के कार्य कराता है लेकिन पुराने शहर को भूल जाता है। भूतेश्वर मंदिर रोड पर जलभराव को लेकर स्थायी समाधान कराने की आवश्यकता है। -रुपक सेठ 0-वर्जन कई इलाकों में नाले और सड़कें अधूरी बनी हुई हैं, जिनका निर्माण वर्षों से लंबित है। बरसात में यही अधूरी व्यवस्थाएं मुसीबत का सबब बन जाती हैं। -आशुतोष अग्रवाल कंटेंट-मनोज नरुला/फोटो-एच.शंकर शुक्ल

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