Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़route divided into 57 zones from ASP to PAC deployed strict arrangements made four districts regarding Kanwar yatra

57 जोन में बंटेगा मार्ग, एएसपी से लेकर पीएसी रहेगी तैनात; कांवड़ को लेकर चार जिलों में कड़े होंगे इंतजाम

यूपी सरकार ने सावन महीने में होने वाली कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न कराने के उद्देश्य से चार जिलों में सुरक्षा-व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए हैं। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तान, मेरठMon, 30 June 2025 08:24 PM
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57 जोन में बंटेगा मार्ग, एएसपी से लेकर पीएसी रहेगी तैनात; कांवड़ को लेकर चार जिलों में कड़े होंगे इंतजाम

यूपी सरकार ने सावन महीने में होने वाली कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न कराने के उद्देश्य से चार जिलों में सुरक्षा-व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए हैं। मेरठ रेंज के चार जिलों में जोन-सेक्टर व्यवस्था लागू करते हुए 57 जोन और 155 सेक्टर बना दिए हैं। करीब 15 हजार पुलिसकर्मियों को ड्यूटी पर लगाया जाएगा। इन चार जिलों में करीब 30 लाख श्रद्धालुओं के जलाभिषेक करने का अनुमान पुलिस-प्रशासन के पास है, जिसे लेकर अभी से तमाम प्लानिंग की जा रही है। सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध के लिए एटीएस और एसटीएफ को भी जिम्मेदारी दी जाएगी। वहीं, 184 संवेदनशील जगहों को चिन्हित कर पहले से ही यहां पर फोर्स की व्यवस्था कर दी गई है।

डीआईजी कलानिधि नैथानी ने बताया कि कांवड़ को लेकर रेंज के चार जिलों में पुलिस को मुस्तैद किया गया है। मेरठ, बुलंदशहर, बागपत और हापुड़ में 540 किलोमीटर के करीब कांवड़ मार्ग चिह्नित किया गया है, जिन पर 10 टोल मौजूद हैं और 119 जगहों पर पुलिस बैरियर लगाए जा रहे हैं। मेरठ और बुलंदशहर में 25-25 बैरियर लगाए जाएंगे। वहीं, बागपत में 51 और हापुड़ में 18 जगह बैरियर लगेंगे।

रेंज में 57 जोन और 155 सेक्टर बनाए गए हैं। हाईवे और कांवड़ मार्गों पर कई जगहों पर पुलिस की अस्थाई चेकपोस्ट बनेगी और इन्हीं जगह पर कांवड़ियों की मदद के लिए हर तरह की व्यवस्था रहेगी। कोई घटना होने या कांवड़ खंडित होने पर तुरंत ही पुलिस की बाइक पर मदद पहुंचाई जाएगी। हर पुलिस चौकी और चेकपोस्ट पर हरिद्वार से पहले से लाया गया गंगाजल भी रखा जाएगा, जिसकी पूजा और साफ सफाई की व्यवस्था कराई जाएगी। किसी कांवड़ियां की कांवड़ यदि खंडित होती है तो यहीं से गंगाजल दिया जाएगा।

15 हजार की फोर्स करेगी निगरानी

पुलिस फोर्ससंख्या
एएसपी 19
सीओ54
इंस्पेक्टर 265
दरोगा1823
हेड कांस्टेबल 2574
कांस्टेबल 2860
महिला पुलिस 1166
ट्रैफिक इंस्पेक्टर 12
टीएसआई 117
ट्रैफिक कांस्टेबल 394
पीएसी 20 कंपनी
सीएपीएफ 05 कंपनी
(सभी पुलिसकर्मियों के रुकने के लिए ड्यूटी स्थलों के आसपास ही 184 स्थानों पर व्यवस्था कराई है।) 

838 शिविर लगेंगे, 184 संवेदनशील जगह चिह्नित

डीआईजी ने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान मेरठ में 464, बुलंदशहर में 176, हापुड़ में 109 और बागपत में 90 कांवड़ शिविर लगाए जाने हैं। इनकी संख्या कुल मिलाकर 838 है। इस सभी शिविर में पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों की टीम निरीक्षण कर हर तरह की व्यवस्था की जांच करेगी। दूसरी ओर, इन चारों जिलों में 184 मिश्रित आबादी और संवेदनशील प्वाइंट को चिह्नित किया गया है। मेरठ में 64, बुलंदशहर में 59, हापुड़ में 52 और बागपत में नौ हैं। ऐसे में सभी चिन्हित स्थानों पर पहले से ही फोर्स बढ़ाकर रखी जाएगी।

कहां कितने श्रद्धालुओं की संभावना

संख्यामंदिरसंख्या
1बागपत पुरा महादेव मंदिर20 लाख श्रद्धालु
मेरठ औघड़नाथ मंदिर 05 लाख श्रद्धालु
3हापुड़ ब्रजघाट 04 लाख श्रद्धालु
4बुलंदशहर अंबकेश्वर महादेव मंदिर01 लाख श्रद्धालु
5हापुड़ में सबली मंदिर 50 हजार श्रद्धालु

भीड़ प्रबंधन के लिए पुख्ता तैयारी

डीआईजी कलानिधि नैथानी ने बताया कि कई धार्मिक आयोजन के दौरान पूर्व में हुई घटना का संज्ञान लिया गया है। कांवड़ यात्रा के दौरान मंदिरों और कांवड़ मार्गों पर अचानक भीड़ बढ़ना और इसके बाद भगदड़ की स्थिति को रोकने के लिए पहले से ही कंटीजेंसी प्लान बनाया गया है। कई जगहों पर भीड़ रोकने के लिए बल्लियां लगाई जाएंगी और बाकी जगहों पर भीड़ को घुमाकर मंदिर परिसर तक एंट्री दी जाएगी। जो सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, उनसे लगातार जानकारी मिलती रहेगी कि क्षेत्र में कितने लोग मौजूद हैं और यही सिस्टम भीड़ बढ़ने पर अलर्ट भी देगा। ऐसे में कोई अफरातफरी होने से पहले ही स्थिति नियंत्रित कर ली जाएगी, साथ ही पीस कमेटी, धर्मगुरुओं, संभ्रांत लोगों, शिविर संचालकों समेत तमाम सरकारी विभाग जो कांवड़ यात्रा में शामिल हैं, उनसे संवाद बनाया जा रहा है।

एटीएस और एसटीएफ का पहरा रहेगा

बताया कि सुरक्षा का पूरा खाका तैयार किया गया है। कांवड़ मार्ग के अलावा तमाम महत्वपूर्ण मंदिर, जहां पर जलाभिषेक किया जाएगा, वहां एटीएस और एसटीएफ का पहरा रहेगा। सभी जिलों में बड़े कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे, जिनकी लाइव फीड अधिकारियों के मोबाइल पर भी रहेगी। इस तरह से सीसीटीवी की मदद से कांवड़ मार्गों पर निगरानी की जा सकेगी। ड्रोन/आईपी कैमरों की मदद से भी अफसर निगरानी करेंगे। इसके अलाव खुफिया विभाग की टीम, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के गोताखोर भी तैनात किए जाएंगे।

ये भी रहेगी व्यवस्था

सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भ्रामक सूचनाओं का खंडन और कार्रवाई सोशल मीडिया सेल करेगी।
आपत्तिजनक और विवादित सोशल मीडिया पोस्ट डालने पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
सादे कपड़ों में पुलिस फोर्स कांवड़ मार्गों पर ड्यूटी पर रहेगी और निगरानी की जाएगी।
पूछताछ केंद्र और खोया-पाया केंद्र की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि समय पर मदद मिल सके।
असामाजिक तत्व, अफवाह फैलाने वाले, सांप्रदायिक और धार्मिक उन्माद फैलाने वालों को पाबंद करें।
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