सरकारी गवाह बनने के प्रार्थना पत्र पर आजम पक्ष ने की बहस
Rampur News - रिकॉर्ड रूम में अभिलेखों में हेराफेरी के मामले में सरकारी गवाह बनने के लिए आरोपी तैयार है। कोर्ट में बहस हुई और 30 जून को फैसला सुनाए जाने की तारीख तय की गई। मामले में आजम खां, जौहर विवि के ट्रस्ट के...

रिकार्ड रूम के अभिलेखों में हेराफेरी के मामले में नामजद आरोपी सरकारी गवाह बनने को तैयार है। उसके प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार को आजम पक्ष के अधिवक्ता ने बहस की और अपना पक्ष कोर्ट में रखा। इस मामले में 30 जून को फैसला आ सकता है। मालूम हो कि कलेक्ट्रेट स्थित रिकार्ड रूम के अभिलेखों में हेराफेरी कर शत्रु संपत्ति की जमीनों को जौहर विवि के नाम दर्ज किया गया था। मामला प्रकाश में आने पर सिविल लाइंस कोतवाली में अभिलेखापाल मोहम्मद फरीद की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसमें आजम खां और जौहर विवि के ट्रस्ट के सभी पदाधिकारियों के साथ ही तत्कालीन कलेक्ट्रेट कर्मी भगवंत सिंह नेगी को भी आरोपी बनाया गया था।
इस केस का ट्रायल एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहा है। पिछले दिनों भगवंत सिंह नेगी ने अपने अधिवक्ता के जरिए सरकारी गवाह बनने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। जिस पर अभियोजन की बहस पूरी हो गई थी, शुक्रवार को बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने बहस की। इस मामले में कोर्ट ने फैसले के लिए 30 जून की तारीख मुकर्रर की है। फांसीघर की जमीन मामले में तय नहीं हो सके आरोप रामपुर। सपा के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खां और उनके परिवार से जुड़े फांसीघर की जमीन कब्जाने के केस में शुक्रवार को आरोप तय नहीं हो सके। दरअसल, शुक्रवार को पत्रावली वास्ते चार्ज फ्रेम पर लगी थी। लेकिन, बचाव पक्ष के अधिवक्ता द्वारा स्थगन प्रार्थना पत्र दिए जाने के कारण सुनवाई टल गई।
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