स्वकर निर्धारण में 90 फीसदी भवनस्वामियों ने कर दी गड़बड़ी
Prayagraj News - प्रयागराज में जीआईएस सर्वे के बाद गृहकर में राहत के लिए भरे गए स्वकर फॉर्म में 90% भवनों के क्षेत्रफल का आंकड़ा गलत पाया गया। नगर निगम ने 94 हजार भवनस्वामियों के फॉर्म की जांच की, जिसमें 10.5 हजार...

प्रयागराज। जीआईएस सर्वे के बाद बढ़े गृहकर को कम कराने के लिए स्वकर फॉर्म भरने का हजारों भवनस्वामियों को कोई लाभ नहीं मिला। स्वकर में भरे गए भवनों के क्षेत्रफल की नगर निगम ने जांच कराई। जांच में भवनों के क्षेत्रफल अधिक मिलने पर नगर निगम ने स्वकर में भरे गए आंकड़े को अमान्य कर दिया। जांच में 90 फीसदी स्वकर फॉर्म में भरा गया भवनों के क्षेत्रफल का आंकड़ा गलत मिला। जीआईएस सर्वे के बाद शहर के दो लाख 32 हजार भवनस्वमियों को गृहकर संशोधन का नोटिस जारी किया। 94 हजार भवनस्वामियों ने स्वकर का फॉर्म भरकर गृहकर में राहत के लिए आवेदन किया।
नगर निगम प्रशासन ने 10 फीसदी स्वकर फॉर्मों में दर्शाए गए भवनों के क्षेत्रफल का भौतिक सत्यापन कराया। इसके तहत लगभग 10.5 हजार भवनों के आंकड़ों की जांच की गई। जांच में साढ़े नौ हजार भवनों का क्षेत्रफल कम मिला तो नगर निगम ने फिर गृहकर का संशोधित बिल भेज दिया। कई भवनस्वामियों के चालू वित्तीय वर्ष के साथ एरियर का बिल मिल रहा है। स्वकर में भवनों के क्षेत्रफल का गलत आंकड़ा देने वाले भवनस्वामियों के पानी और सीवर के बिल में भी संशोधन होना तय है। नगर निगम के निवर्तमान मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके द्विवेदी ने बताया कि दोबारा जांच कराने पर क्षेत्रफल अधिक मिला तो गृहकर का संशोधित बिल भेजा जा रहा है। 10 फीसदी स्वकर फॉर्म की जांच कराने का प्रावधान भी है।
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