कॉलेजों के फर्जीवाड़े में मारा गया 32 हजार का हक
Prayagraj News - कॉलेजों में हुए फर्जीवाड़े के कारण 32 हजार छात्रों का हक मारा गया है। डिजि शक्ति योजना के तहत भेजे गए टैबलेट गोदाम में पड़े हैं और कॉलेजों द्वारा केवाईसी न देने पर अब सत्यापन कराया जाएगा। यदि कोई...

कॉलेजों के फर्जीवाड़े में 32 हजार छात्रों का हक मारा गया है। शासन की ओर से डिजि शक्ति योजना के तहत भेजे गए 32 हजार टैबलेट गोदाम में पड़े हैं और बार-बार नोटिस दिए जाने के बाद भी कॉलेज छात्रों की केवाईसी नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में अब केवाईसी न दे पाने वाले कॉलेजों में प्रवेश का सत्यापन कराया जाएगा। जिससे सही जानकारी हो सके। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती पर प्रदेश सरकार ने डिजि शक्ति योजना शुरू की थी। स्नातक करने वाले छात्र-छात्राओं को मोबाइल और परास्नातक करने वाले छात्रों को टैबलेट देने की योजना थी।
जिले में इस साल 32 हजार से अधिक टैबलेट गोदाम में डंप पड़े हैं। सीडीओ हर्षिका सिंह की ओर से कॉलेजों को पिछले कुछ महीनों में एक के बाद एक कई नोटिस दिया जा चुका है। इसके बाद भी विद्यालयों की ओर से केवाईसी नहीं दी जा सकी है। केवाईसी न आने की दशा में टैबलेट वितरण संभव नहीं है। अब अधिकारियों ने शिक्षण संस्थानों को अंतिम नोटिस भेजने की तैयारी कर ली है। इसके बाद सभी के यहां प्रवेश का सत्यापन होगा। कोर्स करना है अनिवार्य योजना का लाभ उसी अभ्यर्थी को मिलेगा जिसने प्रवेश लिया हो और वो योजना का लाभ मिलने के दौरान अध्ययनरत हो। अगर किसी ने प्रवेश लेकर कोर्स छोड़ दिया तो उसे योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। यह भी हो सकता है कारण कई बार कॉलेज प्रवेश अधिक दिखाते हैं और वास्तव में छात्र कम होते हैं। इस योजना में इस फर्जीवाड़े की भी आशंका है। जिसे अफसर भी मान रहे हैं। वहीं इस बात की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है कि स्नातक के बाद परास्नातक और तकनीकी कोर्स में प्रवेश लेकर बीच में छोड़ दिया गया हो। लेकिन तकनीकी कोर्स में भी कई टैबलेट पड़े हैं, अफसरों का कहना है कि इसकी संभावना कम है कि तकनीकी कोर्स किसी ने छोड़ा हो।
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