राजकीय आस्थान की जमीन पर विभागों में ठनी
Prayagraj News - प्रयागराज में राजकीय आस्थान की जमीन पर अवैध कब्जा हटाने को लेकर विभागों में विवाद उत्पन्न हो गया है। एसडीएम ने पीडीए को पत्र भेजकर जिम्मेदारी तय की है, जबकि पीडीए सचिव ने जिलाधिकारी को जवाब दिया है।...

प्रयागराज। राजकीय आस्थान की जमीन से कब्जा हटाने को लेकर विभागों में ठन गई है। जिले में बड़े स्थल पर राजकीय अस्थान की जमीन पर अवैध कब्जा है। ऐसे में अब विभाग एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। हर कब्जे को हटाने के लिए एसडीएम की ओर से पीडीए को पत्र भेजा जाता है और कब्जा हटाने के लिए कहता है। इससे नाराज पीडीए सचिव ने जिलाधिकारी को पत्र भेजा है। जिसमें कहा गया है कि जमीन से कब्जा हटाना तहसील की जिम्मेदारी है। दरअसल प्रयागराज में लगभग दो हजार हेक्टेयर जमीन राजकीय अस्थान की है। जिस पर कई साल से तमाम गरीब लोग रह रहे हैं।
बहुत सारे बंगले भी बने हैं। जब भी इस जमीन से कब्जा हटाने की बात होती है तो राजनीतिक दबाव बढ़ जाता है और विभागों को पीछे होना पड़ता है। खुद पर बात आती देखकर तहसील से हर बार कब्जा हटाने के लिए पीडीए को पत्र भेज दिया जाता है। हवाला दिया जाता है कि मकान गिराने है। इससे परेशान पीडीए के सचिव अजीत सिंह ने पिछले दिनों जिलाधिकारी को पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने प्राधिकरण बोर्ड की पिछली बैठकों का हवाला देकर कहा है कि इसके लिए एसडीएम सदर जिम्मेदार हैं। जबकि पीडीए के जोनल अधिकारी साथ रहेंगे। एसडीएम फूलपुर, एसडीएम करछना के पत्रों को भी लगाया गया है। विभागों के बीच बढ़ते विरोधाभास पर डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ ने कहा है कि राजकीय आस्थान की जमीन सरकारी होती है। निश्चित तौर पर जमीन की पैमाइश की जिम्मेदार तहसीलों की है, लेकिन बिना नक्शा पास हुए निर्माण कार्य कराया गया है तो पीडीए अपनी जिम्मेदारी से मुकर नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि इस पर दोनों टीमें मिलकर काम करेंगी।
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