वक्फ संपत्ति पर अनधिकृत निर्माण के मुकदमे में अंतिम फैसले पर रोक
Prayagraj News - इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद आज़म ख़ान और अन्य अभियुक्तों के खिलाफ 12 एफआईआर में अंतिम फैसला करने पर रोक लगा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश पाठक ने दी है। मामला 2016 में वक्फ संपत्ति पर अनधिकृत...

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद आज़म ख़ान और अन्य अभियुक्तों के खिलाफ 12 अलग-अलग एफआईआर के एक आरोपी के मुकदमे में अंतिम फैसला करने पर रोक लगा दी है।यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश पाठक ने मोहम्मद इस्लाम उर्फ इस्लाम ठेकेदार और एक अन्य की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी को सुनकर दिया है कोर्ट ने मामले को तीन जुलाई को नए सिरे से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए तब तक ट्रायल जारी रखने की अनुमति दी है। प्रकरण 2019 और 2020 के बीच रामपुर कोतवाली में दर्ज 12 एफआईआर से जुड़ा है, जो 15 अक्टूबर 2016 को यतीम खाना वक्फ नंबर 157 की वक्फ संपत्ति पर अनधिकृत निर्माणों को ध्वस्त करने से संबंधित है।रामपुर
के विशेष जज एमपी/एमएलए के यहां सभी एफआईआर पर एकसाथ मुकदमा चल रहा है। इसी मुकदमे को लेकर पूर्व सांसद मोहम्मद आजम खान और वीरेंद्र गोयल की याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी। अधिवक्ता शाश्वत आनंद के अनुसार यह याचिका ट्रायल कोर्ट के गत 30 मई के आदेश को लेकर की गई है, जिसमें सूचनाकर्ताओं और प्रमुख अभियोजन गवाहों, जैसे सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर अहमद फारूकी, को वापस बुलाने और 2016 की बेदखली की वीडियोग्राफिक साक्ष्य प्रस्तुत करने के उनके अनुरोध को खारिज कर दिया गया था। याचिका में कहा गया है कि वह साक्ष्य जिसे फारूकी ने स्वीकार किया है, उनकी अनुपस्थिति साबित करके उन्हें बरी कर सकता है।
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