धान की नर्सरी, रोपाई में खपत होगी नौ हजार मीट्रिक टन करीब डीएपी
Pratapgarh-kunda News - प्रतापगढ़ में धान की नर्सरी लगाने के लिए किसानों को डीएपी की आवश्यकता है। सहकारिता विभाग ने 173 समितियों पर 1000 मीट्रिक टन खाद भंडारण का दावा किया है। पिछले वर्ष 8000 मीट्रिक टन डीएपी की खपत हुई थी।...
प्रतापगढ़, संवाददाता। जनपद में धान की नर्सरी लगाने के साथ ही कुछ दिनों में रोपाई शुरू हो जाएगी। धान की नर्सरी लगाने के समय भी किसानों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी की आवश्यकता पड़ती है जबकि रोपाई के समय भी डीएपी की आवश्यकता होगी। सहकारिता विभाग की ओर से दावा किया जा रहा है कि पर्याप्त मात्रा में 173 समितियों पर खाद है। सहकारिता विभाग के अफसर का दावा है वर्तमान में 173 समिति पर 1000 मीट्रिक टन खाद डंप है। जबकि बीते वर्ष धान की नर्सरी लगाने के साथ ही रोपाई के समय ही करीब 8000 मीट्रिक टन डीएपी की खपत हुई थी।
सदर, कुंडा ,पट्टी, लालगंज रानीगंज तहसीलों के आसपास कृषि विभाग के अनुसार लगभग एक लाख 33 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की फसल की रोपाई कराई जाएगी। वर्तमान में हल्की बारिश के बाद अब 25 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की नर्सरी लगाने का काम किसान कर रहे हैं । कृषि विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार 10 बिस्वा जमीन पर धान की नर्सरी लगाने के समय करीब पांच किलो डीएपी की खपत होती है। 25 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की नर्सरी लगाते समय ही दो हजार मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता बताई जा रही है। जनपद में कल 173 साधन सहकारी समितियों पर एक मीट्रिक टन के करीब डीएपी एवं डेढ़ हजार मीट्रिक टन यूरिया का भंडारण बताया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर दो पीसीएफ की गोदाम में बफर स्टॉक में 4 हजार मीट्रिक टन डीएपी, 3 हजार मीट्रिक टन यूरिया स्टॉक के रूप में डंप की गई है। इसका वितरण डीएम की अनुमति के बाद गेहूं की बोआई के समय नवंबर में वितरित करने का लक्ष्य तय किया गया है। किसानों को धान की रोपाई के समय खाद संकट का अनुमान है,जबकि सहकारिता विभाग का दावा है कि पर्याप्त खाद डंप की गई है। इनका कहना है 173 समितियों पर पर्याप्त खाद वितरित की जा रही है। बफर स्टॉक से खाद वितरण गेहूं की बोआई के समय डीएम के आदेश पर होगा। देवेंद्र वर्मन, एआर कोऑपरेटिव
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