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कान में पसीना जाने से हो रहा फंगल इंफेक्शन

Pratapgarh-kunda News - प्रतापगढ़ में मौसम में आर्द्रता बढ़ने से कान में फंगल इंफेक्शन के मामले बढ़ रहे हैं। 104 मरीजों में से 16 को फंगल संक्रमण हुआ है। डॉक्टर इमरान के अनुसार, पसीना और पानी कान में जाने से संक्रमण बढ़ रहा...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रतापगढ़ - कुंडाSat, 28 June 2025 04:56 PM
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कान में पसीना जाने से हो रहा फंगल इंफेक्शन

प्रतापगढ़, संवाददाता। मौसम में आर्द्रता बढ़ने से कान में फंगल इंफेक्शन के अनुकूल परिस्थितियां बन गई हैं। ऐसे में जिन मरीजों के कान में उनकी असावधानी से पसीना या पानी चला जा रहा है उनके कान में फंगस का संक्रमण हो जा रहा है। यही नहीं कान में तेल या एंटीबॉयोटिक इयर ड्रॉप आदि डालने की गलती करने वालों की समस्या और बढ़ जा रही है। ऐसे में मरीजों को दवा के साथ डॉक्टर कान को नमी से बचाने के टिप्स भी दे रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय स्थित नाक कान गला विभाग की ओपीडी में शुक्रवार को 104 मरीज आए।

इसमें से 16 मरीजों के कान में फंगल इंफेक्शन था। ओपीडी में मरीजों को देख रहे डॉ. इमरान ने बताया कि मरीजों से बातचीत में पता चल रहा है कि अभी अधिकांश रूप से वही मरीज फंगल इंफेक्शन के शिकार हो रहे हैं जिनके सिर का पसीना बहकर कान में प्रवेश कर जाता है या जिनके कान में किसी वजह से पानी चला जा रहा है। मौसम में परिवर्तन से मजबूत हुए फंगस ऐसे मरीजों को अपनी चपेट में ले ले रहे हैं। फंगल इंफेक्शन की वजह से उनके कान में दर्द, सूजन, काला या सफेद द्रव बहने जैसी समस्याएं हो रही हैं। डॉक्टर के मुताबिक कान में तेल या एंटीबॉयोटिक इयर ड्राप फंगस के लिए भोजन का काम करते हैं। यही वजह है कि फंगल इंफेक्शन से राहत पाने के लिए जो लोग कान में तेल आदि कुछ भी डाल देते हैं उनके कान में दर्द या सूजन ठीक होने की बजाय पहले से अधिक बढ़ जाती है। इसलिए मरीजों को एहतियात बरतने की जरूरत समझाई जा रही है। फंगल इंफेक्शन के लक्षण 1-कान में खुजली होना 2-कान में दर्द या जलन 3-कान में सूजन व लालिमा 4-कान से भूरा, सफेद या काला द्रव निकलना 5-कान में भारीपन महसूस होना बचाव के उपाय 1-कान में तेल न डालें 2-कान में पानी न जाने दें 3-बिना डॉक्टर की सलाह के इयर ड्राप न डालें 4-कान की सफाई सड़क छाप से न कराएं 5-बच्चों को तालाब में न नहाने दें इनका कहना है बारिश और नमी से भरपूर यह मौसम फंगस के अनुकूल होता है। इसमें जिन मरीजों के कान में पसीना, पानी या तेल आदि किसी भी वजह से चला जा रहा है उनके कान में फंगल इंफेक्शन हो जा रहा है। ऐसे मरीजों को दवा देने के साथ यह भी बताया जा रहा है कि बारिश की सीजन बीतने तक कान को हर प्रकार की नमी से दूर रखना बहुत जरूरी है। -डॉ. इमरान, ईएनटी विभाग मेडिकल कॉलेज

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