लोन होने के बाद भी तहसीलदार ने जमीन कर दी नामांतरण, लगे आरोप
Pilibhit News - तहसीलदार ने लेखपाल की रिपोर्ट पर बंधक जमीन का दाखिल खारिज कर दिया। मुख्यमंत्री को शिकायत में लेखपालों की मिलीभगत और अनियमितताओं के आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, तहसीलदार ने मामला संज्ञान में आने पर आदेश...

लेखपाल की रिपोर्ट पर तहसीलदार ने बंधक जमीन को मुक्त करते हुए दाखिल खारिज कर दिया। तहसीलदार और चंद लेखपालों से सांठगांठ के आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से शिकायत की गई है। हालांकि मामला संज्ञान में आने पर तहसीलदार ने इसे निरस्त कर लेखपाल को प्रतिकूल प्रष्विटि के साथ चेतावनी जारी कर दी। यही नहीं शिकायत होने पर आदेश जारी करने वाले तहसीलदार को ही मामले की जांच सौंप दी गई। प्रगतिशील अधिवक्ता एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विपिन सक्सेना ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में लेखपालों की मिली भगत से राजस्व विभाग के मामलों में अनियमिताएं बरतने के आरोप लगे हैं।
अधिवक्ता का आरोप है कि तहसील के चंद लेखपालों की मिली भगत से जनता का शोषण कर विधि विरुद्ध आदेश पारित किए जा रहे हैं। आरोप है कि कस्बे के रहने वाले एक राइस मिलर के बेटे ने कपूरपुर के एक व्यक्ति की जमीन खरीदी है। खरीदी गई जमीन पर दो बैंकों का 46 हजार और 123000 ऋण लिया गया था। खतौनी पर भी यह ऋण दर्ज होने के बाद पत्रावली का नामांतरण कर दिया गया। तहसीलदार ने लेखपाल की रिपोर्ट पर आदेश पारित कर दिया। अधिवक्ता ने 21 जून को शिकायत की। ऋण होने के बावजूद दाखिल से संबंधित शिकायत की जांच भी तहसीलदार को ही सौंप दी गई। जबकि आदेश भी तहसीलदार ने ही पारित किया था। शिकायत के बाद तहसीलदार ने बिना क्रेता को समन जारी किए ही 23 जून को नामांकन का आदेश निरस्त कर दिया। यहीं नहीं पत्रावली पुनर्जीवित भी कर दी गई। अधिवक्ता ने तहसीलदार के कार्यकाल में कराए गए नामांतरण की जांच कराने की मांग की है। भूल वश लेखपाल ने जमीन बंधक न होने की रिपोर्ट दी। एक दिन में ऐसे कई मामले उनके पास और लेखपाल के पास आते है। जो देखना संभव नहीं होता है। मामले में लेखपाल अनिल चौधरी को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की गई है। हबीब उर रहमान तहसीलदार, पूरनपुर।
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