कुंवारी गर्भवती के अबॉर्शन पर अड़े परिवार को पंचायत ने मनाया, धर्म की दीवार ढही; बचा ली अजन्मे की जान
एक मुस्लिम परिवार कुंवारी गर्भवती बेटी को लेकर एक निजी अस्पताल पहुंचा। वे अबॉर्शन कराना चाहते थे। युवती फूट-फूट कर रो रही थी। अस्पताल निदेशक के मुताबिक अकेले में पूछने पर उसने बताया कि परिवार जबरन अबॉर्शन करा रहा है। उसने अस्पतालकर्मियों से फोन मांग कर प्रेमी को इसकी सूचना दे दी।

पंचायतें हमेशा कबीलाई इंसाफ ही नहीं करतीं। कभी-कभी पंचों के फैसले इंसानियत को बचा लेते हैं। ऐसा ही एक मामला यहां सामने आया। गर्भस्थ बच्चे को अबॉर्शन से खत्म कराने पर आमादा कुंवारी मां के घरवालों को पंचायत ने मना लिया। धर्म की दीवार ढहाकर न केवल अजन्मे बच्चे की जान बचा ली, बल्कि दोनों परिवारों की कटुता भी कम कर दी है।
शनिवार दोपहर एक मुस्लिम परिवार कुंवारी गर्भवती बेटी को लेकर कल्याणपुर के एक निजी अस्पताल पहुंचा। वे अबॉर्शन कराना चाहते थे। उधर युवती फूट-फूट कर रो रही थी। अस्पताल निदेशक के मुताबिक अकेले में पूछने पर उसने बताया कि परिवार जबरन अबॉर्शन करा रहा है। उसने अस्पतालकर्मियों से फोन मांग कर प्रेमी को इसकी सूचना दे दी। प्रेमी हिन्दू युवक है, जो पुलिस लेकर अस्पताल पहुंच गया। जहां हंगामा होने लगा। पुलिस दोनों पक्षों को लेकर पनकी रोड चौकी आ गई। जहां एक घंटे तक दोनों पक्षों की पंचायत चली।
पंचों ने पाप-पुण्य समझाया। मासूम की जान का वास्ता दिया। अंतत: युवती के परिजन बच्चे को जन्म दिलाने और उसके पालन-पोषण को राजी हो गए। कल्याणपुर इंस्पेक्टर सुधीर कुमार ने बताया कि पूछताछ में परिजनों ने गर्भवती युवती को जांच के लिए अस्पताल ले जाने की बात कही। युवती के अबॉर्शन की सूचना देकर प्रेमी पुलिस को मौके पर ले गया था। बाद में सहमति बन जाने के बाद किसी ने शिकायत नहीं की है। तहरीर मिली तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्रेमी बोला-मंदिर में कर चुका हूं शादी
कहानी दो दोस्तों के परिवार की है। जूही के हिन्दू युवक की दोस्ती एक मुस्लिम युवती से थी। घर आना-जाना था। इसी दौरान दोस्त की बहन से उसे प्यार हो गया। उसने धर्म की दीवार तोड़कर युवती से मंदिर में शादी कर ली, लेकिन युवती अपने परिवार में ही रह रही थी। युवती गर्भवती हुई तो संबंधों का भेद खुला। दोनों किसी हालत में अपने अजन्मे बच्चे को बचाना चाहते थे। अंतत: वे कामयाब हुए। कोई नहीं जानता कि यह बच्चा भविष्य में क्या बनेगा.. लेकिन फिलहाल तो वह पंचायत के जरिए बचाई गई इंसानियत की मिसाल बन ही गया है।