द्वारिका सिटी को लेकर एमडीए वीसी की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में!
Muzaffar-nagar News - द्वारिका सिटी को लेकर एमडीए वीसी की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में!

द्वारिका सिटी को लेकर मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकारी एवं उपाध्यक्ष की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। कालोनी में पहले से ही 250 से अधिक परिवार रह रहे हैं, जबकि 50 से अधिक मकानों का निर्माण भी चल रहा था। आरोप है कि एमडीए व पुलिस प्रशासन की टीम ने कालोनी में जाकर निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। इसको लेकर द्वारिका सिटी वेलफेयर सोसाइटी के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। सोसाइटी के अध्यक्ष ने रविवार को जनरल हाउस की बैठक बुलाई है जिसमें एमडीए व प्रशासन के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। बता दें कि जिला मुख्यालय पर टाउनशिप को बढावा देने के लिए द्वारिका सिटी कालोनी को विकसित किया गया था।
शहर की पॉश कालोनी में शुमार द्वारिका सिटी में पिछले कई वर्षों से 250 से अधिक परिवार रह भी रहे हैं। करीब 50 से अधिक मकान निर्माणाधीन भी है। इनमें अंकुर जैन, सुरेशचंद अग्रवाल, राजीव गोयल आदि के मकान शामिल है। पिछले दिनों मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष कविता मीणा, एसडीएम निकिता शर्मा, सीओ रूपाली राय मौके पर पहुंचकर कोर्ट का आदेश दिखाते हुए निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी। द्वारिका सिटी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित वत्स का कहना है कि द्वारिका सिटी में विवाद सिर्फ खसरा संख्या 21 पर है। इसका मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इस विवाद में बिल्डर्स और दूसरे पक्ष का लेना देना है जबकि मानसिक रूप से कालोनी में रह रहे लोगों को परेशान किया जा रहा है। अमित वत्स का कहना है कि मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण से हरेक निर्माणाधीन मकान का नक्शा स्वीकृत है बावजूद निर्माण कार्य पर रोक समझ से परे है। कालोनीवासियों का कहना है कि जब कालोनी प्राधिकरण से स्वीकृत है और नक्शा भी,फिर इस पर रोक लगाना उचित नहीं है।उन्होंने इस मामले में आगामी रविवार को सोसाइटी की कालोनी में ही जनरल हाउस की बैठक बुलाई है। जिसमें प्राधिकरण एवं प्रशासन के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। --- एमडीए वीसी का फोन नहीं रिसीव नहीं होता एमडीए वीसी कविता मीणा का अक्सर फोन नहीं उठता।खासतौर से जब से द्वारिका सिटी का विवाद शुरू हुआ है वह मीडिया से दूरी बना रखी है। कालोनीवासी भी उनसे कई बार मुलाकात कर समस्या का निदान कराने की मांग की लेकिन आश्वासन के अलावा उन्हें और कुछ नहीं मिलता। शुक्रवार को कई बार उनसे फोन मिलाकर बातचीत करने की कोशिश की गई लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। ---- कोट द्वारिका सिटी का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। खसरा संख्या 21 या फिर उससे कोई और मामला हो, इस पर कुछ भी टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। कोर्ट के नियमानुसार ही कार्यवाही की गई है। कुंवर बहादुर सिंह सचिव ,मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण
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