हजरत इमाम हुसैन के कर्बला पहुंचने का जिक्र सुन आजादारों की आंखे हुईं नम
Moradabad News - दो मोहर्रम पर मजलिसों में हजरत इमाम हुसैन के मदीने से कर्बला पहुंचने का जिक्र हुआ। शिया समुदाय के इमामबाडों में देर रात तक मजलिसों का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने बताया कि इमाम हुसैन ने इंसानियत के लिए...

दो मोहर्रम को मजलिसों में हजरत इमाम हुसैन के मदीने से कर्बला पहुंचने का जिक्र सुनाया गया, तो आजादारों की आंखें नम हो गई। शनिवार को दो मोहर्रम पर शिया समुदाय के इमामबाडों और आजाखानों में मजलिसों का आयोजन किया गया जोकि देर रात तक चला। मजलिस को खिताब करते हुए अख्तर रजा रिजवी, गुलाम मेहंदी नकवी, मोहम्मद हाशिम नकवी, काशिफ अब्बास काजमी कहा कि नवासे रसूल हजरत इमाम हुसैन ने इंसानियत और इस्लाम को बचाने के लिए अपने प्यारे नाना का वतन छोड़ दिया और ज़ब हजरत इमाम हुसैन मदीने से मक्का पहुंचे तो हाजियो के भेष में यजीदी फौज वंहा पहुंच गईं।
तब हजरत इमाम हुसैन ने हज को उमरे में तब्दील करके वहां से रवाना हो गए, और आपने हिंदुस्तान आने का इरादा कर लिया, लेकिन यजीदी फौज उनको घेर कर क़र्बला इराक ले आई। हजरत इमाम हुसैन का काफिला दो मोहर्रम को क़र्बला ( इराक ) पहुंच गया, तो यजीद ने हजरत इमाम हुसैन को शहीद करने के लिए अपनी फौज की तादत बड़ा दी। मजलिसों में अमन हैदर नकवी, गुलाम अब्बास रिज़वी, कमर अब्बास काजमी आदि ने मरसिया पढ़ा। महिलाओ के आजाखानो में देर रात तक मजलिसे हुई उधर एहले सुन्नत के आजाखानो में देर रात तक शहादत नामों की महफ़िले हुई।
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