Hindi NewsUttar-pradesh NewsMirzapur NewsMirzapur Roadways Faces Severe Issues Despite High Revenue

बोले मिर्जापुर : जिनसे लाखों कमाएं, उन्हें ही तरसाएं!

Mirzapur News - मिर्जापुर रोडवेज के बस अड्डे पर यात्रियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बरसात में जलजमाव, शुद्ध पेयजल की कमी और साफ-सुथरे शौचालयों का अभाव है। यात्री खुले में बसों का इंतजार करते हैं। सरकारी...

Newswrap हिन्दुस्तान, मिर्जापुरThu, 26 June 2025 07:40 PM
share Share
Follow Us on
बोले मिर्जापुर : जिनसे लाखों कमाएं, उन्हें ही तरसाएं!

विंध्यधाम बनने के बाद मिर्जापुर की ख्याति बढ़ी है तो श्रद्धालुओं-और तीर्थयात्रियों की अपेक्षाएं भी। अपेक्षा का एक बड़ा केन्द्र रोडवेज बस अड्डा भी है। वजह चाहे जो हो, यहां से यात्रा करने वालों को कई तरह की दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। बरसात में परिसर जलजमाव से घिरा रहता है। शुद्ध पेयजल, स्वच्छ शौचालय एवं विश्राम गृह की कमी अखरती है। बसों का इंतजार खुले आसमान के नीचे करना पड़ता है। रोडवेज की आय कम नहीं है। कमी है उन इंतजामों की जो यात्रा को सुगम और यादगार बनाते हैं। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। मिर्जापुर रोडवेज की बसों से प्रतिदिन लगभग 10 हजार लोग सफर करते हैं।

कोई नौकरी के लिए, कोई तीर्थ यात्रा पर, कोई इलाज कराने, कोई पढ़ाई के लिए। 13845 वर्ग मीटर में फैले रोडवेज परिसर में सुविधाओं का ऐसा टोटा है कि यात्रियों को हर कदम पर परेशानी झेलनी पड़ती है। ये बातें रोडवेज परिसर में ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान यात्रियों ने कहीं। रमेशचंद ने कहा कि बस अड्डे पर कदम रखते ही सबसे पहले बदबूदार नाली स्वागत करती है। बस चलने के इंतजार से ज्यादा यात्री इस बात से परेशान होते हैं कि घंटे-दो घंटे उनके बैठने का कोई ठिकाना नहीं। शिवलाल सोनकर ने कहा कि रोडवेज परिसर के पिंक शौचालय पर ताला लटक रहा है। महिलाओं को बहुत समस्या होती है। ब्रह्मेन्द्रनाथ मिश्रा ने कहा कि यात्रियों को हर मौसम की मार झेलनी पड़ रही है। जिला मुख्यालय से कस्बा और प्रमुख बाजारों तक परिवहन निगम की कोई बस यात्रियों को सुगम सफर का एहसास नहीं करा पा रही है। प्रभात ने कहा कि अगर इसे मॉडल बस स्टैंड के रूप में विकसित कर सुविधाएं बढ़ाईं जाए तो यात्रियों की संख्या के साथ सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी। बस अड्डे का निर्माण लंबित: नरेश ने ध्यान दिलाया कि कई साल पहले मिर्जापुर रोडवेज को पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत आधुनिक बस अड्डा बनाने की बात हुई थी। स्टेशन, वर्कशॉप, कार्यालय और आठ भवनों के साथ नया ढांचा खड़ा होना है, लेकिन योजना अब तक शुरू नहीं हो पाई। इस स्थिति में यात्रियों को न सुविधाएं मिल रही हैं और न ही कोई स्पष्ट योजना नजर आती है। रोडवेज तिराहा आए दिन जाम का कारण बनता है। परिसर बन जाता है तालाब: दयाशंकर ने कहा कि रोडवेज परिसर बरसात में यह एक छोटे तालाब का रूप ले लेता है। नालियों में गंदगी जमा है। रोडवेज के बाहर कूड़े का ढेर लगा है। अगर आप जुलाई-अगस्त में रोडवेज परिसर आएं तो आपको जूते उतारकर चलने की जरूरत पड़ सकती है। क्योंकि पूरे परिसर में जलभराव रहता है। जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। गंदगी से पटा विश्राम गृह: जितेंद्र ने ध्यान दिलाया कि स्टेशन परिसर में बैठने के लिए पर्याप्त बेंच नहीं हैं। गर्मी हो या बरसात, यात्री खुले आसमान के नीचे बस का इंतजार करते हैं। यात्री विश्राम गृह में टिकना भी मुश्किल है। वह गंदगी से भर गया है। बसें पुरानी हो गई हैं। कभी-कभी तकनीकी खराबी या स्टाफ की कमी से यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। बस स्टैंड पर अनाउंसमेंट व्यवस्था भी पुराने ढर्रे पर है। पेयजल का इंतजाम नहीं: दयाशंकर ने बताया कि यहां जब अधिकारियों का दौरा होता है, तब दो-चार घंटे सफाई होती है। जब प्यास से गला सूख रहा हो, तब रोडवेज में पानी पीने की कोई व्यवस्था नहीं है। जो नल लगे हैं, वे गंदगी से घिरे हैं। यात्री बोतलबंद पानी खरीदने को मजबूर हैं। धार्मिक स्थलों के लिए बसें बढ़ें: रमई यादव ने बताया कि मिर्जापुर से अयोध्या, प्रयागराज, काशी जैसे धार्मिक शहरों के लिए बस सेवा है तो, लेकिन पर्याप्त नहीं। मिर्जापुर रोडवेज से अयोध्या के लिए एकमात्र बस सुबह 6:30 बजे चलती है। श्रद्धालुओं के पास शाम की यात्रा का कोई विकल्प नहीं है। तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कम से कम एक बस शाम को भी चलनी चाहिए। प्रस्तुति : कमलेश्वर शरण/गिरजाशंकर मिश्र कई रूट ठप, बसों की हालत खस्ता मिर्जापुर रोडवेज से वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, सोनभद्र, औराई, घोरावल, मड़िहान, लालगंज, हलिया और राजगढ़ रूट पर कुल 80 बसें चल रही हैं। इनसे प्रतिदिन लगभग 10 हजार यात्री सफर करते हैं, लेकिन कुछ प्रमुख रूट-कछवां, सीखड़ और चुनार के लिए अब बसें नहीं चलतीं। मदन पांडेय ने कहा कि पहले ये रूट चालू थे। अब यात्रियों को ऑटो या महंगे प्राइवेट सवारी वाहनों का सहारा लेना पड़ता है। वहीं, रोडवेज की कई बसें बहुत पुरानी हो चुकी हैं। न सीट सही, न खिड़कियां बंद होती हैं। हर कदम पर खतरा: अनिल ने कहा कि रोडवेज परिसर में रोशनी की समुचित व्यवस्था न होने से यात्रियों को रात में असुविधा होती है। कई स्थानों पर लाइटें या तो जलती नहीं या खराब पड़ी हैं। चोरी, छिनैती और महिलाओं के साथ अभद्रता जैसी घटनाओं की आशंका लगातार बनी रहती है। यात्रियों ने कहा कि जब हर दिन अच्छी कमाई हो रही है तो सुरक्षा और प्रकाश जैसी बुनियादी सुविधाओं में लापरवाही समझ से परे है। कमाई भरपूर और हालत जर्जर मिर्जापुर रोडवेज हर दिन 10 लाख रुपये का राजस्व अर्जित करता है। सालाना लगभग 36 करोड़ रुपये। रमाशंकर ने कहा कि इतनी कमाई के बाद भी शुद्ध पानी-सफाई, स्वच्छ शौचालय का अभाव खलता है। रोडवेज परिसर में बसों का प्रवेश और निकास एक ही रास्ते से होता है। रोडवेज तिराहा शहर के सबसे अधिक जाम वाले इलाकों में शुमार हो चुका है। सुझाव और शिकायतें 1. पीपीपी मॉडल पर निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाए। सुविधाएं बहाल हों। यात्रियों को अच्छा वातावरण मिले। 2. पिंक शौचालय को चालू किया जाए। सफाईकर्मी नियुक्त हों और हर दिन सफाई की निगरानी की जाए। 3. कछवां, सीखड़ और चुनार के लिए दोबारा बसें चलाई जाएं। कस्बाई यात्रियों को राहत मिले और किराया भी किफायती हो। 4. अयोध्या के लिए एक अतिरिक्त बस सेवा शाम को भी शुरू की जाए। श्रद्धालुओं को वापसी का भी विकल्प मिले। 5. जलभराव और जाम की समस्या के स्थायी समाधान के लिए रोडवेज परिसर में अलग-अलग प्रवेश एवं निकास द्वार बनाए जाएं। 1. रोडवेज परिसर में टूटी-फूटी बेंचों पर यात्री बैठने की बजाय जमीन या छांव की तलाश में भटकते हैं। कई बार शिकायत करने के बाद भी समस्या दूर नहीं की गई, जिससे परेशानी होती है। 2. पिंक शौचालय में ताला लटका है। महिलाओं को शौच के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। 3. बरसात में रोडवेज परिसर में जलभराव इतना अधिक हो जाता है कि यात्रियों को जूते उतारकर पानी में चलना पड़ता है। 4. कई प्रमुख रूटों पर बसें बंद कर दी गई हैं। यात्रियों को अब निजी वाहनों का अधिक किराया देना पड़ता है। 5. गर्मियों में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। जो नल लगे हैं, वे गंदे या सूखे पड़े हैं। यात्रियों को पानी की बोतलें खरीदनी पड़ती हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें