बोले मेरठ : न्यू भोपाल विहार तक पहुंचना मुश्किल, पीने का पानी न सफाई की व्यवस्था
Meerut News - मेरठ के न्यू भोपाल विहार में दो हजार से अधिक लोग रहते हैं, लेकिन उन्हें बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। सड़कें टूटी हुई हैं, सफाई व्यवस्था खराब है, और पीने के पानी की गुणवत्ता भी दयनीय है। लोग आए दिन...

मेरठ। गढ़ रोड स्थित न्यू भोपाल विहार की आबादी दो हजार से ज्यादा है, आठ सौ के करीब घर हैं और बड़ी संख्या में मतदाता हर चुनाव में अपनी भागीदारी निभाते हैं लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि यहां के लोगों को आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझना पड़ रहा है। इलाके में रहने वाले लोग सड़क, सफाई, पीने का पानी और गंदे पानी की निकासी जैसी बुनियादी जरूरतों से वंचित हैं। जो सड़क निर्माण जैसी अपनी जन समस्याओं से छुटकारा चाहते हैं। मेडिकल कॉलेज से थोड़ा आगे चलते हैं तो गढ़ रोड स्थित एक हॉस्पिटल के साइड से न्यू भोपाल विहार की तरफ सड़क जाती है।
इस इलाके में दो हजार से अधिक लोग निवास करते हैं, लेकिन क्षेत्र में राधा गोविंद कॉलेज के साइड से जाने वाली सड़क आजतक बनी ही नहीं है। यह सड़क गढ़ रोड को काली नदी वाली सड़क से जोड़ती है। गेसूपुर और राली चौहान गांव में पहुंचने के लिए यह रास्ता सुरक्षित और आसान है, लेकिन अब इसकी हालत चलने के लिए कतई नहीं है। लोग आए दिन इस रास्ते पर गिकर चोटिल होते हैं। इसके साथ ही पीने के पानी और सफाई जैसी बुनियादी सुविधाओं के कारण लोग परेशान हैं। लोगों की दरकार है कि जल्द उनकी समस्याओं का समाधान हो। जल्द बने सड़क, बरसात में हो जाती है बदहाल न्यू भोपाल विहार के लोगों का कहना है कि यह सड़क गढ़ रोड से काली नदी की ओर जाती है, इसकी हालत इतनी बदतर है कि इस पर चलना भी मुश्किल है। सालों से आजतक यह सड़क बनी ही नहीं है। प्रतिनिधियों और अधिकारियों से इसे बनाने की मांग कर चुके हैं। जगह-जगह गड्ढे, कीचड़ और उबड़-खाबड़ है। यह हाल तब है, जब यह इलाका शहर में आता है। नगर निगम का क्षेत्र है और लोग हाउस टैक्स भी देते हैं। बारिश होते ही सड़क पर कीचड़ और फिसलन हो जाती है। आम जन जीवन मानों थम सा जाता है। बच्चों को स्कूल जाना और लोगों का अपने काम पर पहुंचना होता है। रोज लोग गिरते हैं और चोट खाते हैं। इस सड़क का निर्माण हो जाए तो लोगों को राहत की सांस मिल जाएगी। साफ हों सीवर और नालियां लोगों का कहना है कि इलाके में सीवर व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। आए दिन सीवर लाइन चोक हो जाती है और गंदा पानी सड़क पर बहने लगता है। नालियों की हालत यह है कि कई जगहों पर तो वे बनी ही नहीं हैं। जहां हैं वहां सफाई महीनों से नहीं हुई। राधा गोविंद मेडिकल कॉलेज के पास से गुजरने वाली मुख्य सड़क लोगों की जान की दुश्मन बनी हुई है। बुजुर्ग महिला सावित्री देवी कहती हैं कि इस सड़क पर कई बार गिर चुकी हूं, बच्चे भी गिरकर घायल हो जाते हैं। पीने के पानी की व्यवस्था खराब लोगों का कहना है कि न्यू भोपाल विहार में जल आपूर्ति की स्थिति भी बेहद दयनीय है। पानी की टंकी में कुछ समय के लिए ही पानी आता है, वह भी कई बार इतना गंदा होता है कि पीना तो दूर, इस्तेमाल भी खतरे से खाली नहीं। किसी जगह पानी की पाइप लाइन फटी हुई है, जिसे सही नहीं कराया गया है। बरसात के मौसम में तो हालात और भी खराब हो जाते हैं, जब पीने के पानी में सीवर का पानी मिल जाता है, बदबू के कारण वह किसी इस्तेमाल का नहीं रहता। इसका नतीजा यह होता है कि लोग बीमारियों में जकड़ जाते हैं। इलाके में डायरिया, स्किन इंफेक्शन और पेट के रोग आम हो चुके हैं। सफाई के लिए कोई नहीं आता रामरती देवी, पूजा, सविता और निर्मला का कहना है कि पूरे इलाके में कोई सफाई वाला नहीं आता। जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा रहता है। कूड़ा उठाने वाली गाड़ी भी इधर से नहीं गुजरती। जहां देखो लोग वहीं कूड़ा फेंक देते हैं, खाली जगह की ये हालत है कि वहां कूड़ाघर बन गया है। पूरे इलाके में सफाई की व्यवस्था खराब है। कई बार घरों के पास ही कूड़ा फेंक दिया जाता है, उसे कोई उठाता नहीं और उसमें से बदबू आती रहती है। यहां मंगलवार की पैठ भी लगती है, जिसके बाद गंदगी और ज्यादा हो जाती है। सफाई की व्यवस्था सुधारनी चाहिए। मच्छरों की भरमार, नहीं होती फॉगिंग भोपाल विहार के लोगों का कहना है कि पूरे इलाके में गंदगी और साफ सफाई नहीं के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। मच्छरों के कारण रातभर लोग सो भी नहीं पाते। मच्छरों के काटने पर लोगों को मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों ने घेर रखा है। नगर निगम वाले ना तो सफाई करने आते हैं और ना ही इलाके में फॉगिंग करते हैं। अगर यहां दवाई का छिड़काव हो और फॉगिंग की जाए तो बीमारी से राहत मिलेगी। इलाके में मच्छरों के साथ बड़ी समस्या सड़क निर्माण, पानी की निकासी और पीने के पानी की है, जिसका समाधान होना चाहिए। स्ट्रीट लाइटों की समस्या, रहता है अंधेरा लोगों का कहना है कि एक तो सड़क टूटी पड़ी है, ऊपर से स्ट्रीट लाइटें नहीं जलती हैं। ये स्ट्रीट लाइटें या ता जलती नहीं हैं और अगर जलती हैं तो बंद नहीं होतीं। कई गलियां पूरी तरह अंधेरे में डूबी रहती हैं, जिससे डर भी बना रहता है और महिलाएं व बुजुर्ग खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। सभी खंभों पर स्ट्रीट लाइटों का सही से प्रबंध हो ताकि लोग चल सकें। सड़क, गंदगी और अन्य समस्याओं को लेकर लोगों ने कई बार शिकायतें कीं, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन मिले हैं, काम नहीं हुआ। समस्या - इलाके में कॉलेज के बराबर से जाने वाली सड़क टूटी पड़ी है - नालियों की स्थिति खराब है, कहीं तो हैं ही नहीं - सीवर लाइन की निकासी और सफाई व्यवस्था नहीं - इलाके में साफ और पर्याप्त पीने का पानी नहीं है - सफाई कर्मचारी और कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था नहीं सुझाव - क्षेत्र में खराब हो चुकी सड़क का तत्काल निर्माण हो - नालियों की मरम्मत और नई नालियों का निर्माण हो - सीवर लाइन की पूरी सफाई और स्थायी समाधान हो - साफ और पर्याप्त पीने के पानी की व्यवस्था की जाए - नियमित सफाई कर्मचारी और कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था। ---------------------------------------- न्यू भोपाल विहार में यह सड़क सालों से नहीं बनी है, इस पर चलना भी मुश्किल रहता है, रोज लोग गिरते हैं। - सावित्री देवी यहां से लेकर यह सड़क काली नदी पर जाकर निकलती है, पूरी सड़क खराब पड़ी हुई है, सड़क चलने लायक नहीं है। - रामरती देवी पानी की टंकी में कई बार बहुत गंदा पानी आता है, पीने लायक तो कतई नहीं रहता, इससे लोग बीमार हो रहे हैं। - पूजा बरसात में तो सड़क के हालात और भी खराब हो जाते हैं, बुरी तरह कीचड़ हो जाती है, लोग कई बार फिसल जाते हैं। - सविता सड़क वर्षों से बेकार है, गढ्ढों से भरी पड़ी है, बरसात में सड़क तालाब बन जाती है, कीचड़, पानी में लोग गिरते रहते हैं। - निर्मला कई जगहों पर नालियां बनी ही नहीं हैं, और जहां बनी हैं, वहां साफ नहीं होतीं, साफ सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। - ममता कोई कूड़ा तक उठाने नहीं आता, लोग जहां देखो वहां कूड़ा फेंक देते हैं, खाली प्लॉट गंदगी से भरे पड़ हैं, बदबू आती है। - बाला देवी कोई कूड़ा भी उठाने इस ओर नहीं आता, खाली जगहों पर गंदगी भरी पड़ी रहती है, इससे मच्छर, कीड़े मकौड़े पनपते हैं। - संतोष यह सड़क इस इलाके के लिए बहुत जरूरी है, अगर इसका निर्माण हो जाएगा, तो हजारों लोगों को राहत मिल जाएगी। - रामेंद्र सिंह बरसात में इस सड़क के हालात बुरे हो जाते हैं, इस पर लोग चल भी नहीं पाते, जलभराव और गंदगी से लोग जूझते रहते हैं। - सुमित कुमार इलाके में सफाई की व्यवस्था एकदम खराब है, जगह-जगह गंदगी पड़ी रहती है, खाली जगह पर लोग कूड़ा फेंक देते हैं। - रकम सिंह बरसात होते ही पूरा इलाका नरक बन जाता है, इस सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है, ऊपर से मच्छरों की दिक्कत। - शिव कुमार शर्मा सड़क पर स्कूल के बच्चे और बुजुर्ग लोग कई बार गिरकर चोट खा जाते हैं, यह सड़क सही हो जाए तो राहत मिलेगी। - परवेश कुमार टंकियों में पीने के पानी में कई बार बदबू आती है, शायद कहीं से पाइप फटा पड़ा है, जिसे आजतक सही नहीं किया गया। - रवि कुमार इस इलाके में सफाई की व्यवस्था सही होनी चाहिए, कूड़े की गाड़ी रोज आनी चाहिए, ताकि कूड़ा इधर-उधर ना फेंका जाए। - नितिन गर्ग पूरे इलाके में मच्छरों की भरमार है, लोग बीमार हुए पड़े हैं, नगर निगम के लोग यहां फॉगिंग करने ही नहीं आते हैं। - प्रेम सिंह खाली प्लॉटों में कूड़े के ढेर पड़े हुए मिलेंगे, जहां कभी सफाई नहीं होती है, कोई सफाई कर्मी इलाके में नहीं आता है। - कुलदीप सिंह सीवर लाइन की निकासी की व्यवस्था भी खराब है, आए दिन चोक हो जाते हैं और गंदा पानी ओवरफ्लो हो जाता है। - मनोज कुमार पूरी सड़क टूटी पड़ी है, सालों से यह बनी ही नहीं है, लोग इस पर चलते हैं तो डर लगता है, कब स्कूटी फिसल जाए। - सैंकी नागर सड़क नहीं बनने से लोग परेशान हैं, घरों में पानी कभी आता है, कभी नहीं, और कभी तो बहुत ही गंदा पानी आता है। - माया देवी
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