बोले मेरठ : कसेरूखेड़ा को कब मिलेगी कूड़ा और आवारा पशुओं से निजात
Meerut News - मेरठ के कसेरूखेड़ा क्षेत्र के लोग सफाई और बुनियादी सुविधाओं की कमी से परेशान हैं। क्षेत्र में कूड़े के ढेर और अंधेरे में महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं। लोग नगर निगम से शिकायत कर रहे हैं कि कूड़े का...

मेरठ शहर में नगर निगम का क्षेत्र कसेरूखेड़ा, गंगानगर के सामने से रक्षापुरम की ओर चलते ही कुछ दूरी पर सड़क किनारे एक बोर्ड लगा दिखता है, "मेरठ की ब्यूटी हम सबकी ड्यूटी", लेकिन इसी बोर्ड के नीचे कूड़े का अंबार लगा दिखता है। थोड़ा और आगे बढ़िए, तो पुलिया के पास एक और कूड़े का ढेर नजर आता है, जहां आवारा पशु पन्नियां और सड़ी-गली चीजें खा रहे होते हैं। क्षेत्र के लोग बुनयादी सुविधाएं और समस्याओं को लेकर परेशान हैं, जिनका निस्तारण चाहते हैं। कसेरूखेड़ा, जहां करीब 10 हजार की आबादी रहती है। इस क्षेत्र में 8 हजार से अधिक वोटर हैं और यह नगर निगम के 20 नंबर वार्ड का हिस्सा है।
कसेरूखेड़ा पहुंचने के लिए जब मवाना रोड पर गंगा नगर के सामने से रक्षापुरम की ओर चलते हैं, तो नाले के किनारे और मुख्य रास्ते के आसपास कूड़े का ढेर पड़ा हुआ है। वहीं एक बोर्ड भी लगा है, जिस पर सुंदर सा वाक्या लिखा है, लेकिन अफसोस, बोर्ड के नीचे ही कूड़े का अंबर लगा है। मानो नगर निगम ने आंख मूंद रखी हों। पुलिया पार करते ही कसेरूखेड़ा शुरू होता है। इस पुलिया के किनारे रोज कूड़ा फेंका जाता है और उस पर आवारा पशु पिन्नियां खाते दिखाई देते हैं। साफ-सफाई और जल निकासी जैसी समस्याओं से जूझ रहे कसेरूखेड़ा के लोगों से हिन्दुस्तान बोले मेरठ की टीम ने संवाद कर उनका दर्द जाना। जो गंदगी से छुटकारा और रात में सड़क पर रोशनी चाहते हैं, ताकि लोग संक्रमण से दूर रहें और कामकाजी महिलाएं सुरक्षित अपने घर पहुंच सकें। एक कूड़ाघर रोका, दूसरा तैयार हो गया कसेरूखेड़ा के लोगों का कहना है कि पहले रक्षापुरम और कसेरूखेड़ा के मुख्य रास्ते के बराबर में कूड़ा घर बनाया हुआ था। जिससे कूड़ा सड़क तक आ जाता था और गंदगी व बदबू की भरमार रहती थी। आवारा पशु भी खड़े रहते थे, जो किसी को भी टक्कर मार दिया करते थे। यह कूड़ाघर किसी तरह खत्म करने की बात की गई, और कूड़ा उठाने वाली कंपनी की तरफ से यहां एक बोर्ड लगवा दिया। इसके बाद भी यहां कूड़ा डलना आजतक बंद नहीं हुआ, बल्कि नाले की पुलिया के पास कसेरूखेड़ा जाने वाले रास्ते पर कूड़ा डाला जाने लगा। अब गाड़ी मोहल्लों से कूड़ा उठाती है और यहां डाल देती है। एक कूड़ाघर रोकने की तैयारी हुई तो दूसरा कूड़ा घर इलाके में बन गया। इलाके में रहती है बदबू, संक्रमण का खतरा क्षेत्र के लोगों का कहना है, कि यहां रास्ते के शुरू में ही कूड़ा डाला जाता है, पास में एसटीपी भी है। रास्ते में कूड़ा पड़े होने के कारण लोगों को आवागमन में भी दिक्कत आती है। साथ ही नाले के किनारे जाने वाला रास्ता भी पूरी तरह ब्लॉक हो चुका है। इस कूड़े के ढेर पर पशुओं का झुंड रहता है। जिसके कारण लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आए दिन आवारा पशु किसी ना किसी को टक्कर मारते रहते हैं। कूड़ा निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे संक्रमण का खतरा बना रहता है। वहीं जब लोग कूड़ा डालने वालों को रोकते हैं, तो इससे झगड़ा होता है। नगर निगम इस कूड़े के ढेर का निस्तारण करे तो लोगों को राहत मिले। खंभों पर नहीं लाइट, रात में डराता है अंधेरा लोगों का कहना है, कि सबसे चिंता वाली बात महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हैं। जहां मवाना रोड से कसेरूखेड़ा तक मुख्य मार्ग पर एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं है। जब महिलाएं रात के समय काम से लौटती हैं, तो अंधेरे के कारण रास्ते में डर बना रहता हैं। क्योंकि इसी मार्ग पर कसेरूखेड़ा के सामने शराब का ठेका भी है, जहां अक्सर नशे में धुत लोग खड़े रहते हैं। कई बार महिलाओं ने इसका विरोध किया, ज्ञापन दिए, लेकिन ठेका आज भी वहीं है। इस पूरी सड़क पर स्ट्रीट लाइटें लगें और शराब का ठेका हटाया जाए, ताकि महिलाओं में असुरक्षा का भाव कम हो। नालियों की दुर्दशा के कारण जलभराव यहां के लोगों का कहना है कि क्षेत्र में नालियां चोक हैं, जिनकी सफाई समय पर नहीं होती, जो गंदगी से अटी पड़ी रहती हैं। वहीं एसटीपी के पास सड़क के किनारे एक तरफ नाली ही नहीं बनी है। जिससे क्षेत्र में दो नालियां एक में तब्दील जो जाती हैं। जब भी बारिश होती है, तो क्षेत्र में गंदे पानी की निकासी नहीं हो पाती और सड़कों पर जलभराव हो जाता है। घुटनों तक सड़कों पर पानी भर जाता है, जिसमें से निकलकर लोग अपने घरों तक पहुंचते हैं। अगर नाली बन जाएं और निकासी की व्यवस्था सही हो तो जलभराव ना हो। सीवर लाइन डले, समस्याओं का हो निदान कसेरूखेड़ा के लोगों का कहना है, कि क्षेत्र में कहीं भी सीवर लाइन नहीं है। जिसके कारण लोगों ने सेप्टिक टैंक अपने घरों में बना रखे हैं। अगर सीवर लाइन डल जाए तो गंदे पानी की निकासी बेहतर हो जाए। क्षेत्र में सफाई कर्मचारी भी नहीं आते हैं, गली मोहल्ले में कूड़ा पड़ा रहता है। क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण, साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था, शराब के ठेके को हटाने की व्यवस्था हो, तो लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। बहुत बार शिकायत की गई, लेकिन समाधान नहीं हो पा रहा है। सुझाव - क्षेत्र में सड़क किनारे मुख्य मार्ग पर स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं - कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था सही नहीं है, रास्ते में फेंकते हैं - क्षेत्र में नालियों की सफाई नहीं होती है, कहीं नाली ही नहीं है - शराब के ठेके से महिलाओं में असुरक्षा का भाव रहता है - कसेरूखेड़ा क्षेत्र में कई जगह सड़क और पुलिया टूटी पड़ी है सुझाव - क्षेत्र में सभी गलियों और मुख्य मार्ग पर स्ट्रीट लाइट लगें - कूड़ा फेंकने के लिए क्षेत्र से दूर कहीं ओर व्यवस्था हो - नालियों की सफाई लगातार हो, टूटी नालियों का निर्माण हो - शराब के ठेके को दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाए - कसेरूखेड़ा क्षेत्र में टूटी पुलिया और सड़कों की मरम्मत हो लोगों का कहना है नाली भरी पड़ी रहती है, कोई साफ करने नहीं आता, कई-कई दिन हो जाते हैं, सप्ताह में एक दिन तो सफाई हो। - नीतू यादव सामने ठेका खोल दिया, शराब पीने वाले लोग पुलिया पर बैठे रहते हैं, महिलाओं को निकलते हुए डर लगता है। - लक्ष्मी देवी नाले की पुलिया के पास कूड़ाघर बना दिया है, एक कूड़ाघर बंद हुआ तो दूसरा यहां बना दिया, इसे खत्म किया जाए। - रमेशचंद यहां इलाके में घुसते ही कूड़े का ढेर पड़ा दिखता है, कोई देखने वाला ही नहीं है, इसकी बदबू से लोग परेशान रहते हैं। - हरीशचंद रात होते ही सड़क पर अंधेरा हो जाता है, यहां बहुत ही डर लगता है, सामने शराब का ठेका है, शराबी बैठे रहते हैं। - डिम्पी यहां कूड़ा डलना एकदम बंद हो, नगर निगम वाली गाड़ी भी यहीं कूड़ा डालकर चली जाती है, बदबू आती रहती है। - गुलशन क्षेत्र में सभी जगहों पर नालियों की मरम्मत होनी चाहिए, साफ सफाई समय पर हो, तो लोगों को राहत मिले। - कमलेश नालियां कूड़े से अटी रहती हैं, बरसात में तो सड़कों पर पानी भर जाता है, जिससे लोग सड़कों पर नहीं चल पाते। - पूनम शाक्य यहां कूड़े की समस्या सबसे ज्यादा है, एक जगह कूड़ा डालना रोका तो दूसरी जगह पर कूड़ाघर बना दिया गया है। - हर्षित नाले के किनारे पड़े कूड़े के ढेर पर आवारा पशु इकट्ठा रहते हैं, जिससे आने-जाने वालों को टक्कर मारने का डर रहता है। - मीनाल शाक्य सभी खंभों पर स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं, रात में सड़क पर अंधेरा हो जाता है, महिलाओं को आने-जाने में डर लगा रहता है। - गौरव शर्मा यहां नाला भी गंदगी से अटा पड़ा रहता है, नगर निगम वाले कूड़ा यहीं डालते हैं, जो नाले में भरता है, कूड़ा डालना बंद हो। - जुगल शाक्य रास्तों पर स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएं, ताकि अंधेरे में महिलाओं को घर पहुंचने में परेशानी ना हो, शराब का ठेका भी हटे। - मुनेश यहां कूड़ा डलना बंद होना चाहिए, नाले की सफाई समय पर हो, लाइट की व्यवस्था हो और शराब का ठेका हटाया जाए। - अभिनव बोले जिम्मेदार अगर कूड़ा यहां फेंका जाता है, तो इसके लिए कूड़ा उठाने वाली कंपनी से बात की जाएगी, क्योंकि गाड़ियां कूड़ा लोहिया नगर में डंप किया जाता है। जल्द ही लाइटों की व्यवस्था की जाएगी, निगम से मांग रखी गई है। - श्रीमति शालू यादव, पार्षद, वार्ड 20
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