बोले मेरठ : नूरनगर में पाइप लाइन तो बिछी, पानी आज तक नहीं आया
Meerut News - मेरठ के नूरनगर इलाके में बुनियादी सुविधाओं की कमी है। यहां गंदे पानी की निकासी की समस्या गंभीर है, और कई सालों से पाइप लाइन में पानी नहीं आया है। लोग सफाई की व्यवस्था और सीवर लाइन की मांग कर रहे हैं।...
मेरठ। नूरनगर एक ऐसा इलाका जिसके नाम से लगता है कि यह शहरी सुविधाओं से सुसज्जित होगा पर हकीकत इसके उलट है। यह इलाका आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है। यहां लोगों की अच्छी आबादी है, जिनकी समस्याओं का कोई हल नहीं निकल पा रहा। सबसे बड़ी समस्या लोगों के घरों से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी की है। वहीं सालों पहले बिछी सरकारी पाइप लाइन में आज तक पानी नहीं आया। बुनियादी सुविधाओं के अभाव में समस्याओं से जूझते क्षेत्र के लोग अब निदान चाहते हैं। नूरनगर क्षेत्र में लगभग 8,000 की आबादी निवास करती है, जिनमें से 2,000 से ज्यादा लोग मतदान करते हैं।
नगर निगम के वार्ड नंबर आठ के इस क्षेत्र की हालत गांव से भी बदतर है। इस इलाके की सबसे बड़ी समस्या सफाई की है, जहां नालियां चोक होने के कारण जलभराव की समस्या रहती है। पूरे इलाके का पानी झोड़ी में जाता है, जहां कूड़ा करकट इकट्ठा हुआ पड़ा है। इससे न केवल इलाके में गंदगी की स्थिति बनी रहती है, बल्कि लोगों की सेहत भी खतरे में रहती है। हिन्दुस्तान बोले मेरठ टीम ने इस इलाके में लोगों की समस्याओं के बारे में संवाद किया। लोगों का कहना है कि यह इलाका आज भी शहर का हिस्सा होकर विकास से बहुत दूर है। गंदे पानी की निकासी और पीने के पानी की बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। सरकारें बदलीं, प्रतिनिधि बदले लेकिन हालात आज भी बदतर ही हैं। निकासी का जरिया बनी झोड़ी नूर नगर के लोगों का कहना है कि इस पूरे इलाके में निकासी की व्यवस्था एकदम खराब है। नालियों में लोगों के घरों की गंदगी बहती है जो इलाके में मौजूद झोड़ी तक पहुंचती है। क्षेत्र की यह झोड़ी कभी तालाब हुआ करती थी, लेकिन पानी की निकासी का कोई साधन नहीं होने के कारण इलाके की नालियों का रुख इस तरफ कर दिया गया। आज आधे से ज्यादा क्षेत्र का गंदा पानी इस झोड़ी में आता है, साथ ही लोगों के घरों का कूड़ा-करकट भी यहीं फेंका जाता है। इससे यहां गंदगी का अंबार रहता है। स्कूल के सामने गंदगी का अंबार नूर नगर के लोगों का कहना है कि यहां प्राइमरी विद्यालय के सामने ही झोड़ी है। इसमें इलाके का गंदा पानी जाता है, कूड़ा-करकट और बड़े-बड़े पेड़ इसमें उग आए हैं। इसमें सांप, जहरीले कीड़े पनप रहे हैं। इस झोड़ी की लंबे अर्से से साफ-सफाई नहीं हो पाई है। यहां गंदगी इतनी हो गई है कि लोगों का जीना मुहाल हो गया है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को भी इस झोड़ी के कारण संक्रमण और बीमारी का खतरा बना रहता है। किसी तरह इसकी सफाई हो जाए और गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था बेहतर हो। सीवर लाइन आज तक नहीं बिछी लोगों का कहना है कि इलाके में आज तक सीवर लाइन नहीं बिछी है। यहां की सबसे बड़ी और पुरानी समस्या है सीवर लाइन नहीं होना। सालों से इस इलाके के लोग इस उम्मीद में हैं कि शायद एक दिन सीवर लाइन आएगी, लेकिन यह सपना अब तक पूरा नहीं हो सका, जबकि इसके बाद बने अन्य इलाकों में सीवर लाइन भी है और पानी की लाइन भी। इसलिए यहां निकासी की व्यवस्था खराब है। गंदगी नालियों में बहती है, जो बारिश होते ही ऊपर आ जाती है। थोड़ी सी बारिश में पूरा इलाका तालाब बन जाता है। यहां घरों से निकलना भी मुश्किल हो जाता है। पास में मौजूद झोड़ी का पानी भी उल्टा इलाके में भर जाता है। अगर सीवर लाइन डल जाए और निकासी की व्यवस्था सही हो तो लोगों को राहत मिल जाए। 18 साल पहले डली थी पाइप लाइन लोगों का कहना है कि 2007 में सरकारी पानी के लिए बिछाई गई पाइपलाइन का आज तक कुछ नहीं पता। आज तक किसी के घर में पानी की सप्लाई नहीं हुई। अब तो लोग ये भी भूल गए हैं कि कभी पानी की पाइप लाइन डाली गई थी। लोग आज भी यहां हैंडपंप का प्रयोग करते हैं या फिर सबमर्सिबल लोगों ने घरों में लगा रखे हैं। वहीं क्षेत्र में लगे हैंडपंप भी खराब हो चुके हैं। सामुदायिक केंद्र की दुर्दशा, बदहाल बिल्डिंग यहां मौजूद सामुदायिक केंद्र को लेकर लोग कहते हैं कि इलाके में इसे शादी समारोह के लिए बनाया गया था। इसकी स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। इमारत पूरी तरह जर्जर है, कमरों में गंदगी पसरी रहती है। हालात ये हैं कि कमरों में जा भी नहीं सकते। लाखों से बना यह सामुदायिक केंद्र कुछ लोगों के लिए शराब और गलत काम का अड्डा बन गया है। वहीं सामुदायिक केंद्र परिसर में एक हैंडपंप लगाया गया था, जो अब खराब हो चुका है। इसके अलावा, यहां एक सबमर्सिबल भी लगाया गया था, वह भी अब खराब हो चुका है और किसी काम का नहीं रहा। इन सभी समस्याओं के बावजूद, सामुदायिक केंद्र में न तो सफाई है और न ही कोई अन्य सुविधा। समाधान की उम्मीद में नूर नगर के लोग नूरनगर के लोगों का कहना है कि वे बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस गए हैं। इलाके में सीवर लाइन, पानी की आपूर्ति, सफाई की व्यवस्था, और स्वस्थ रहने के लिए जरूरी संसाधनों की बहुत जरूरत है। यहां कुछ गलियां तो इतनी खराब हैं कि उनमें नालियों का पानी ऊपर तक आ गया है। यहां नाली ही गायब हैं और सड़क पर गंदगी रहती है। नालियों का निकला कूड़ा भी नहीं उठता। गली नंबर एक में रहने वाले शिव अवतार कहते हैं कि नाली तो यहां गायब हैं। कई बार बनवाने के लिए कहा है, लेकिन कोई सुनता ही नहीं। समस्याएं - नूर नगर में नालियों की व्यवस्था खराब है - इलाके में मौजूद झोड़ी में गंदगी का अंबार है - पूरे इलाके में कहीं भी सीवर लाइन नहीं है - क्षेत्र में पानी की पाइप लाइन तो है पानी नहीं - पूरे इलाके में जलभराव की समस्या रहती है सुझाव - नूर नगर क्षेत्र में नालियों की व्यवस्था सही की जाए - इलाके में मौजूद झोड़ी की सफाई होनी चाहिए - क्षेत्र में सीवर लाइन बिछाई जाए, निकासी बेहतर हो - सरकारी पानी की टंकी बने, पाइप लाइन दुबारा डले - क्षेत्र के लोगों को जलभराव की समस्या से निजात मिले लोग कहते हैं इस पूरे क्षेत्र में कहीं भी निकासी की व्यवस्था नहीं है, घरों का गंदा पानी नालियों से होकर झोड़ी में जाता है। - गोपाल झोड़ी में गंदगी का अंबार लगा पड़ा है, गंदा पानी और गंदगी के कारण लोग परेशान रहते हैं, इसकी सफाई हो। - इकबाल सरकारी स्कूल के सामने ही गंदगी का अंबार लगा हुआ है, झोड़ी सामने होने के कारण बच्चों को परेशानी होती है। - सुंदरपाल इस इलाके की सबसे बड़ी समस्या पानी की निकासी नहीं होना और झोड़ी में भरी गंदगी है, झोड़ी की सफाई जरूरी है। - मोहित कंसल निकासी नहीं होने के कारण थोड़ी सी बारिश पड़ते ही पूरा इलाका तालाब बन जाता है, लोग बाहर भी नहीं निकल पाते। - अनिल गुर्जर क्षेत्र में सीवर लाइन की व्यवस्था कहीं भी नहीं है, जबकि नई बन रही कॉलोनियों में सीवर लाइन डाली जा रही हैं। - सुमित पाल कभी इस इलाके में पीने के पानी की पाइप लाइन डाली गई थी, जिसका आजतक ये ही नहीं पता कि वह कहा है। - महराज सिंह नालियां गंदगी से भर जाती है, निकासी कहीं है नहीं और बारिश में तो इलाके की गलियों में पानी भर जाता है। - टीटू राज यहां बहुत साल पहले पानी की पाइप लाइन डाली गई थी, लोगों के घरों में कनेक्शन भी हुए, मगर पानी नहीं आया। - लक्ष्मण पाल गंदगी और निकासी ना होने के कारण नालियों का पानी बाहर आ जाता है, जिससे लोगों को काफी दिक्कते होती हैं। - गौरव कुमार इलाके में कुछ जगहों पर नालियां भी नहीं हैं, इससे गंदा पानी बाहर आ जाता है, लोगों का चलना मुश्किल रहता है। - तनवीर आलम क्षेत्र में मौजूद सफाई व्यवस्था सही होनी चाहिए, नालियां साफ होती रहें, झोड़ी को सबसे पहले साफ किया जाए। - पवन कुमार सामुदायिक केंद्र खंडहर बन गया है, जिसमें गंदगी भरी रहती है, अंदर कमरों में बदबू आती है, इसकी मरम्मत हो। - सनोज पाल यहां हैंडपंप खराब पड़े हुए हैं, पीने के पानी की सरकारी व्यवस्था एकदम खराब है, पानी की लाइन डाली जाए। - राजबीर सैनी
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