Hindi NewsUttar-pradesh NewsMeerut NewsNCTE Revokes Recognition of 1059 B Ed Colleges in Uttar Pradesh Students Advised to Check Valid Options

मेरठ : बीएड में प्रवेश से पहले जांच लें यह वेबसाइट

Meerut News - सत्र 2025-26 में बीएड में प्रवेश के लिए छात्र एनसीटीई की वेबसाइट पर ध्यान दें। एनसीटीई ने 1059 कॉलेजों की मान्यता रद्द की है, जिसमें सभी विश्वविद्यालयों के कॉलेज शामिल हैं। छात्रों को मान्यता प्राप्त...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठSun, 29 June 2025 03:14 AM
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मेरठ : बीएड में प्रवेश से पहले जांच लें यह वेबसाइट

सत्र 2025-26 में बीएड में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग या सीधे कॉलेज स्तर पर प्रवेश की तैयारी में जुटे छात्र नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) की वेबसाइट को अवश्य देख लें। परफोर्मेंस एनुअल रिपेार्ट (पीएआर) नहीं देने पर एनसीटीई ने प्रदेश के 1059 कॉलेजों की मान्यता खत्म कर दी है। इसमें चौधरी चरण सिंह विवि सहित प्रदेश के सभी विवि के कॉलेज भी हैं। यदि कॉलेजों को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो छात्र प्रवेश के लिए केवल मान्यता प्राप्त कॉलेजों को ही विकल्प चुनें तो बेहतर होगा। सीसीएसयू में 340 से अधिक कॉलेज चौधरी चरण सिंह विवि से संबद्ध मेरठ मंडल के छह जिलों में 340 बीएड कॉलेज हैं और इनमें 37 हजार सीटें हैं।

उक्त सत्र में झांसी विवि प्रवेश प्रक्रिया करा रहा है। विवि कॉलेजों के नाम भेज चुका है। चूंकि मान्यता खत्म करने का निर्णय शुक्रवार देर रात जारी हुआ है और अभी विवि को एनसीटीई से भी सूची आनी है, ऐसे में सीसीएसयू स्तर पर आधिकारिक रूप से कोई आदेश जारी होने में समय लग सकता है। तब तक छात्र एनसीटीई वेबसाइट को देख अपने विकल्प को जांच सकते हैं। यहां देखें कॉलेजों की सूची उत्तर प्रदेश में जिन कॉलेजों की मान्यता खत्म की गई है उन्हें https://share.google/llagyvTPDcWmZY2zm पर देखा जा सकता है। इस लिंक पर 1059 कॉलेजों के नाम हैं। पाठ्यक्रवार भी कॉलेजों के नाम देखे जा सकते हैं। https://ncte.gov.in/ncte_new/ से भी अधिक जानकारी हासिल की जा सकती है। कहना इनका... सत्र शुरू होने पर एनसीटीई ने जिस तरीके से कॉलेजों की मान्यता रद्द की है वह उचित नहीं। अनेक कॉलेजों को अपना पक्ष रखने का मौका भी नहीं दिया गया और उनकी मान्यता समाप्त कर दी गई। एक पक्षीय कार्रवाई से कॉलेज की स्वायत्तता में हस्तक्षेप हुआ है। फेडरेशन कॉलेजों के साथ है और एनसीटीई से भी मुद्दे पर वार्ता कर रही है। राहत नहीं मिलती तो न्यायालय जाएंगे। केवल पीएआर नहीं भरने मात्र से किसी भी कॉलेज की मान्यता रद्द करना उचित नहीं है। मान्यता रद्द होने से वहां कार्यरत शिक्षक-कर्मचारियों के लिए संकट पैदा होगा। -नितिन यादव, एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट, रा.अ.सेल्फ फाइनेंस कॉलेज फेडरेशन

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