बोले मेरठ : खुशियों का इंतजार कर रहे खुशहाल नगर के लोग
Meerut News - मेरठ के खुशहाल नगर में लोग गंदगी, टूटी सड़कों और जल निकासी की समस्याओं से जूझ रहे हैं। 15,000 की आबादी वाला यह क्षेत्र पिछले 20 वर्षों से विकास की उम्मीद में है, लेकिन यहां की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती...

मेरठ। खुशहाल नगर नाम सुनते ही एक सुंदर बस्ती की तस्वीर जेहन में बनती है। लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है, बल्कि एकदम उलट है। नगर निगम के दो वार्डों के बीच फंसे खुशहाल नगर के लोग अपनी बदहाली पर रो रहे हैं। सालों पहले बसे इस इलाके की व्यवस्था मानों कोई देखने वाला नहीं है। गंदगी, टूटी सड़कें और उफनती नालियां यहां की कहानी बयां करती हैं। जहां शहर में विकास गति पकड़ रहा है, वहीं यह इलाका दूर तक इस दौड़ में नजर नहीं आता। यहां रहने वाले लोग बुनिदयादी सुविधाओं की आस लिए स्थिति बदलने का इंतजार कर रहे हैं।
लिसाड़ी रोड पर स्थित खुशहाल नगर इलाके में रहने वाले लोग पिछले कई वर्षों से बदहाली की मार झेल रहे हैं। बुनियादी सुविधाओं से वंचित यह क्षेत्र विकास की दौड़ में कहीं पीछे छूट गया है। लगभग पंद्रह हजार की आबादी वाला खुशहाल नगर आज भी साफ-सफाई, सीवर, जल निकासी और पक्की सड़कों के लिए तरस रहा है। कागजों में यह इलाका वार्ड 76 का हिस्सा है। पांच महीने पहले हुए उपचुनाव में इस क्षेत्र में पार्षद भी बदल गईं। इस क्षेत्र की मुख्य सड़क ही गंदगी से जूझती नजर आती है। गंदगी से अटी नालियां, सड़क किनारे कूड़ों के ढेर इस इलाके की दुर्दशा दिखाते हैं। हिन्दुस्तान बोले मेरठ टीम ने इस इलाके लोगों से संवाद कर उनकी समस्याओं को जाना। जहां खुशहाल नगर को लेकर यहां के लोगों का दर्द सामने आया। गंदे पानी की निकासी नदारद इस क्षेत्र के लोगों का कहना है कि 20 साल से भी पुराना यह क्षेत्र अपने विकास की बाट देख रहा है। इस इलाके की हालत इतनी खराब है, कि थोड़ी सी बारिश होने पर यहां की गलियां तालाब बन जाती हैं। घरों में नालियों का गंदा पानी घुस जाता है, हालात ये होते हैं कि बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। पूरे इलाके में नालियां या तो टूटी पड़ी हैं या फिर कुछ जगह हैं ही नहीं। खुले में बहता गंदा पानी बीमारियों का घर बन चुका है। सभी नालियां गंदगी से अटी पड़ी हैं, जो सालों से साफ ही नहीं हुई हैं। इनकी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। नालियों में बहता कूड़ा-करकट क्षेत्र के लोग नालियों की दुर्दशा दिखाते हुए कहते हैं, कि इन नालियों की सफाई हो जाए तो थोड़ी बहुत राहत मिल जाए। लेकिन सालों से यहां सफाई करने कोई नहीं आया है। इलाके की सभी नालियों में कूड़ा-करकट भरा पड़ा है। जिसके कारण नालियां चोक हो जाती हैं और आए दिन गंदा पानी सड़कों पर बहता है। सफाई नहीं होने से नालियां चोक हो चुकी हैं, जिसके कारण स्थिति बदतर हो गई है। मुख्य नाला भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है और वह भी चोक है। दो वार्डों के बीच फंसा इलाका खुशहाल नगर के नदीम, शाहरुख अल्वी, मुजाहिद और जुबैर का कहना है कि यह इलाका दो नगर निगम वार्डों के बीच फंसा हुआ है। जिसे वार्ड 76 और 81 का हिस्सा बताते हैँ, जब भी यहां के लोग किसी जनप्रतिनिधि से मिलते हैं, तो जवाब मिलता है, ये हमारा वार्ड नहीं है। दूसरे प्रतिनिधि भी यही जवाब देते हैं। ऐसे में यहां के लोग सिर्फ उम्मीदों के साथ सालों से इंतज़ार कर रहे हैं, कि यहां भी विकास होगा। साफ-सफाई होगी और नालियों के गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी। त्योहारों पर भी नहीं होती सफाई लोगों का कहना है कि यहां की सबसे बड़ी समस्या है, गंदगी और जलभराव की। जरा सी बारिश होती है, और पूरा क्षेत्र तालाब में तब्दील हो जाता है। त्योहार पर भी इस बार सफाई नहीं हुई, अगर नालियों की सफाई हो जाती तो इलाके में ईद के मौके पर गंदगी ना होती। नालियां गंदगी से अटी पड़ी हैं, पूरा इलाका गंदगी से भरा रहता है, सफाई वाले भी इलाके में नहीं आते हैं। पास में ही मस्जिद है और मदरसा भी है, अगर नालियों की सफाई हो जाए और कूड़े की रोज सफाई हो तो लोगों को राहत मिल जाएगी। इलाके में नहीं सीवर लाइन, मच्छरों की भरमार लोगों का कहना है कि इस पूरे इलाके में कहीं भी सीवर लाइन की सुविधा आजतक यहां नहीं की गई है। घरों का गंदा पानी खुले में बहता है, जिससे क्षेत्र में दुर्गंध फैली रहती है। अगर सीवर लाइन होती तो गंदा पानी उसमें जाता। इस कारण नालियों में मच्छर पैदा हो रहे हैं और इलाके में बीमारियां आम बात हो गई हैं। नगर निगम द्वारा फॉगिंग तक नहीं की जाती, जिससे डेंगू, मलेरिया जैसे रोग यहां पनप रहे हैं। यहां मदरसा और मस्जिद भी मौजूद हैं, जहां प्रतिदिन सैकड़ों लोग आते हैं। लेकिन इन धार्मिक स्थलों के आसपास भी साफ-सफाई की हालत दयनीय है। नालियां ओवरफ्लो रहती हैं और गंदगी चारों तरफ फैली रहती है। समस्या - पूरे खुशहाल नगर क्षेत्र में गंदगी के कारण नालियां चोक हैं - सड़क किनारे गंदगी के ढेर लगे रहते हैं, कूड़ा नहीं उठता - इलाके में गलियां टूटी पड़ी हैं, जिनका निर्माण नहीं हो रहा - क्षेत्र में नालियां और नाले की निकासी व्यवस्था खराब है - सीवर लाइन पूरे इलाके में कहीं भी नहीं डाली गई है - दो वार्डों के कारण क्षेत्र में समस्यओं का समाधान नहीं होता सुझाव - खुशहाल नगर क्षेत्र की सभी नालियों की सफाई हो - गंदगी के ढेर उठाए जाएं और सफाई दुरुस्त की जाए - इलाके टूटी पड़ी सड़कों का निर्माण किया जाना चाहिए - नालियां और नाले की निकासी की व्यवस्था सही हो - सीवर लाइन बिछाई जाएं, ताकि निकासी सही हो - क्षेत्र की जिम्मेदारी कोई एक प्रतिनिधि जरूर ले क्या बोले लोग गलियों में गंदगी और जलभराव सबसे बड़ी समस्या है, जरा सी बारिश होते ही पूरा इलाका तालाब में तब्दील हो जाता है। - मो. नदीम गंदा पानी लोगों के घरों में घुस जाता है, सड़कों पर गंदगी इकट्ठा रहती है, जबकि यहां पास में मदरसा और मस्जिद हैं। - मो. शाहरुख अल्वी त्योहार के दौरान भी इलाके में सफाई नहीं हुई, किसी भी पार्षद को फोन करो, तो जवाब देता है कि ये मेरा क्षेत्र नहीं है। - मुजाहिद नालियां गंदगी से अटी पड़ी हैं, इनकी सालों से सफाई नहीं हो पाई है, कोई देखने वाला नहीं है, इलाका पूरी तरह परेशान है। - मो. जुबैर इलाके की नालियां चोक पड़ी हैं, बारिश होते ही इनका गंदा पानी बाहर आ जाता है और गंदगी लोगों घरों में घुस जाती है। - मो. हाजी चांद कई गलियां तो ऐसी हैं जो आजतक सही नहीं हुईं, इलाके में कच्चे मकान भी बने हुए हैं, जिनके गिरने का डर भी रहता है। - मो. सुहैल नालियां ओवरफ्लो हो जाती हैं, उनकी निकासी सही नहीं है और नाला भी पूरी तरह ठप पड़ा है, गंदगी चारों तरफ रहती है। - अली मोहम्मद लंबे समय से इन नालियों की सफाई नहीं हुई है, हालात ये हैं कि गंदगी से नालियां भरी पड़ी हैं, जिनका पानी यहां भरता है। - अब्दुल वहाब रोज कूड़ा नहीं उठता, सड़क किनारे ढेर लगा पड़ा है, हालात ये हैं कि कूड़े में कीड़े मकोड़े पैदा हो जाते हैं, मच्छर हो रहे हैं। - इकराम यहां सफाई की व्यवस्था एकदम खराब है, पूरे इलाके में सीवर लाइन नहीं है, सालों से इस इलाके का विकास नहीं हुआ। - मो. हारुन नालियों की सफाई ही होती रहे तो मच्छरों और गंदगी से थोड़ी बहुत राहत तो मिलेगी, लेकिन यहां कोई आता ही नहीं। - मो. तबरेज लोगों को खुद ही घर के सामने अपनी नालियों को साफ करना पड़ता है, निकला हुआ कूड़ा कई दिनों तक पड़ा रहता है। - फतेहखान क्षेत्र में सड़कें बनें, नालियों का निर्माण हो, साथ ही निकासी की व्यवस्था सही की जाए, ताकि जलभराव से राहत मिले। - सरफराज अहमद सबसे बड़ी समस्या यहां सफाई नहीं होने और नालियों में भरी गंदगी की है, जिससे लोगों का जीना मुश्किल हो जाता है। - मो. अल्ताफ इलाके में मच्छरों की बड़ी समस्या है, जिससे लोग बीमार हो जाते हैं, नगर निगम वाले यहां फॉगिंग भी करने नहीं आते। - समीर अल्वी बोली पार्षद यहां दो वार्डों की समस्या है, लेकिन हमें तीन साल का वक्त मिला है, जो काम पिछले तीस सालों में नहीं हुआ वह काम अब हम करके दिखाएंगे। जल्द ही टेंडर खुलेंगे तो क्षेत्र की समस्या का निदान किया जाएगा। - कहकशा जीशान शाहिद अब्बास, पार्षद वार्ड 76
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