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बोले मेरठ : चोक नाले बयां कर रहे बदहाली की दास्तां

Meerut News - मेरठ के पल्लवपुरम योजना में लोग जलभराव और खराब सड़कें होने से परेशान हैं। एच-ब्लॉक में सीवर लाइन चोक है, जिसके कारण गंदा पानी सड़कों पर बहता है। बुनियादी सुविधाओं की कमी और पार्क की खराब हालत ने लोगों...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठTue, 1 July 2025 11:55 AM
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बोले मेरठ : चोक नाले बयां कर रहे बदहाली की दास्तां

मेरठ। पल्लवपुरम योजना एमडीए द्वारा चार दशक से भी ज्यादा समय पहले शुरू की गई थी। शहर में विकास की रफ्तार तेज हुई और धीरे-धीरे क्षेत्र प्रगति करता गया। एमडीए ने इस क्षेत्र को नगर निगम को हैंडओवर भी कर दिया। इसके बावजूद इस इलाके का ड्रेनेज सिस्टम आज भी क्षेत्र के लोगों को रुला रहा है। थोड़ी सी बारिश के बाद ही यहां की सड़कें तालाब बन जाती हैं। बुनियादी सुविधाओं के अभाव में लोग परेशानी झेल रहे हैं, जो अब समाधान चाहते हैं। पल्लवपुरम फेज वन योजना एमडीए ने 1980 में शुरू की थी। इसके बाद धीरे-धीरे यहां लोग बसने लगे और आज इस क्षेत्र में अच्छी खासी आबादी रहती है।

फेस वन में मौजूद एच-ब्लॉक, जहां वर्तमान में करीब 1500 लोगों की आबादी है। यहां सड़कों पर भरा पानी, टूटी सड़कें और नालियों की कमी इलाके की दुर्दशा बयां करती है। सालों पहले यह क्षेत्र एमडीए द्वारा नगर निगम को सौंप दिया गया लेकिन इस क्षेत्र का ड्रेनेज सिस्टम, यानि सीवर लाइन का जिम्मा आज भी एमडीए के पास है। हिन्दुस्तान बोले मेरठ की टीम ने इस इलाके के लोगों से संवाद कर उनकी समस्याओं को जाना। जहां लोगों का कहना है कि सालों बाद भी इलाका जलभराव और गंदगी की मार झेल रहा है। पूरे इलाके में सड़कें जर्जर हो चुकी हैं। लोगों का चलना भी दूभर रहता है। नाले में गंदे पानी की निकासी का प्रवाह ही उल्टा है। यह समस्या इस क्षेत्र के लोगों की सबसे बड़ी परेशानी है। सड़कों पर बहता गंदा पानी एच-ब्लॉक में रहने वाले श्रीकृष्ण शर्मा, नितिन यादव और सुरेश अहलावत का कहना है कि हम लोग यहां नब्बे के दशक में आए थे। आज भी यहां सीवर लाइन की निकासी खराब है। पूरे इलाके में नालियां कहीं नहीं हैं। थोड़ी सी बारिश होते ही पानी सड़कों पर इकट्ठा हो जाता है। लोगों का आवागमन बाधित होता है। ड्रेनेज सिस्टम की बात करें, तो उसका बहाव जहां फ्रंट की तरफ होना चाहिए, वह पीछे की ओर नाले में कर दिया है। यह क्षेत्र नीचा है और नाला ऊंचा, वह नाला इतना भरा रहता है कि उसका गंदा पानी उल्टा कॉलोनी की तरफ आता है। इसके चलते क्षेत्र के सीवर चोक पड़े हैं। निकासी का कोई और साधन ही नहीं है । सड़कें हो गईं हैं जर्जर लोगों का कहना है कि पूरे क्षेत्र की सड़कें जर्जर हो चुकी हैं, सालों से मरम्मत नहीं हुई है। सड़क में इतने गड्ढे हो गए हैं कि लोग आए दिन गिरते रहते हैं। बच्चे और बुजुर्गों का चलना भी सड़कों पर भारी है। सड़कों की इस दुर्दशा के पीछे क्षेत्र में निकासी ना होना और जलभराव बड़ा कारण है। क्षेत्र की सभी सड़कें दोबारा बनाई जानी चाहिए। लोगों का कहना है कि यह इलाका पहले काफी नीचे था जबकि बाहरी सड़कें ऊंची होती रही, इस कारण क्षेत्र में जलनिकासी की व्यवस्था खराब हो गई, जिसमें आज तक कोई बदलाव नहीं किया गया। नाले में भरकर चलता है गंदा पानी एच ब्लॉक के लोग नाले को दिखाते हुए कहते हैं कि यह हमेशा ऊपर तक भरा रहता है। हमारा क्षेत्र नीचे है और इस नाले का पानी उल्टा सीवरों में जाता है। सीवर ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बहते हैं। नाले की एक दीवार ही गायब है, जिसका गंदा पानी खाली जगह पर भरा रहता है। आए दिन इस नाले में गाय और कुत्ते गिरते रहते हैं। नाले के अंदर से रात में सांप और जहरीले कीड़े-मकोड़े निकलकर सड़क पर घूमते रहते हैं। नाला चोक पड़ा है, जिसकी सफाई नहीं होती है। एच ब्लॉक ही नहीं, बल्कि नाले के आसपास की कॉलोनियां के लोग भी ड्रेनेज सिस्टम को लेकर परेशान हैं। पार्क में ना बच्चे खेलते हैं, ना ही बुजुर्ग आते हैं एच ब्लॉक में मौजूद पार्क की हालत पर लोग कहते हैं कि यहां गेल वालों की तरफ से ओपन जिम बनाया गया है। पूरे पार्क की दीवारें टूटी पड़ी हैं और झाड़-झूंड उग आए हैं। कोई सफाई करने वाला भी नहीं आता है। बच्चों के झूले भी पार्क में नहीं हैँ, जो हैं वह पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं। इस पार्क में ना तो बच्चे खेल पाते हैं और ना ही बड़े ओपन जिम में एक्सरसाइज कर पाते हैं। गंदगी और कीड़े मकोड़ों के डर से यहां कोई नहीं आता है। पार्क के गेट भी टूटे पड़े हैं, इनमें से निकलना काफी कठिन रहता है। पार्क का सौंदर्यकरण हो और बच्चों के लिए झूले लगाए जाएं। मंदिर तक पहुंचना कठिन, सफाई व्यवस्था खराब लोगों का कहना है कि यहां हरमिलाप मंदिर है। आसपास के सभी लोग मंदिर में पूजा करने जाते हैं। जलभराव और गंदगी के कारण लोगों को बहुत दिक्कतें होती हैं। सफाई वाला पूरे इलाके में कहीं नहीं आता है। सभी लोगों ने अपने प्राइवेट सफाईकर्मी लगा रखे हैं। इस क्षेत्र के लोगों में सफाई नहीं होने और ड्रेनेज सिस्टम को लेकर काफी रोष व्याप्त है। उनका कहना है कि प्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक सड़कें, ड्रेनेज सिस्टम और सफाई को लेकर शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई सुध लेने को तैयार नहीं हैं। हादसों को दावत देते बिजली के तार एच ब्लॉक में रहने वाले लोग यहां खंभों पर खुले तारों की स्थिति दिखाते हुए कहते हैं कि वन फेस को टू फेस बना रखा है। जर्जर हो चुके बिजली के तारों की स्थिति वैसे ही खराब है, ऊपर से एक तार में दूसरे तार को जोड़कर टू फेस कर दिया गया है। जिससे बिजली सप्लाई कम हो जाती है। आए दिन फाल्ट होते रहते हैं, पास में स्कूल भी है और उसके सामने तारों की स्थिति दयनीय है। बिजली विभाग को ध्यान देना चाहिए और यहां एबीसी लाइन बिछनी चाहिए ताकि बांस से बंधे ये तार हादसों का कारण ना बनें। सड़कों पर काटते हैं कुत्ते, डराते हैं बंदर लोगों का कहना है कि यहां कुत्तों के झुंड घूमते रहते हैं। आए दिन किसी ना किसी को काट लेते हैं। बच्चे और बुजुर्ग काफी परेशान रहते हैं। रात में कुत्ते भौंकते रहते हैं, लोगों का निकलना मुश्किल रहता है। कुत्तों के साथ बंदरों का आतंक भी पूरे इलाके में है। छतों पर बंदर परेशान करते हैं और नीचे सड़क पर कुत्ते काटने को दौड़ते हैं। नगर निगम को इनकी व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि लोगों को राहत मिल सके। समस्या - पूरे एच-ब्लॉक क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम खराब पड़ा हुआ है - सीवर लाइन चोक है और नालियां पूरे इलाके में नहीं हैं - इस क्षेत्र की सभी सड़के पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं - पार्क की स्थिति खराब है, दीवारे टूटी, घास खड़ी है - बिजली के तारों की स्थिति दयनीय है, हादसे का डर बना रहता है सुझाव - एच-ब्लॉक क्षेत्र का ड्रेनेज सिस्टम सही किया जाए - सीवरों की सफाई हो और नालियां बनाई जाएं - जर्जर हो चुकी सड़कों का दोबारा निर्माण किया जाए - पार्क की दीवारें सही कर सौंदर्यीकरण कराया जाए - बिजली के तारों को बदला जाए, व्यवस्था ठीक हो इनका कहना सड़कें पूरी तरह खराब पड़ी हुई हैं, सालों से यहां सड़कें बनी ही नहीं हैं, गड्ढे हो गए हैं, दुबारा बनें। - नितिन यादव यहां ड्रेनेज सिस्टम एकदम खराब है, सीवर चोक रहते हैं और निकासी की व्यवस्था कोई नहीं है। - श्रीकृष्ण शर्मा नालियां नहीं होने के कारण जलभराव की स्थिति रहती है, थोड़ी सी बारिश में जलभराव हो जाता है। - राजीव तिवारी बारिश होने के बाद सड़कों पर कई दिनों तक जलभराव रहता है, सड़कों पर चलना भी भारी पड़ता है। - सलीम अहमद यह इलाका काफी पुराना है, जिसकी सड़कें बहुत नीची हो गई हैं, चारों तरफ से पानी इस जगह भरता है। - सुरेंद्र कुमार मंदिर के आसपास जलभराव की समस्या बहुत रहती है, जिससे लोगों को मंदिर पहुंचने में दिक्कत होती है। - रक्षित गुप्ता जिस नाले में यहां के सीवरों का कनेक्शन है उसकी हालत बहुत खराब है, ऊपर तक भरा पड़ा हुआ है। - राजपाल शर्मा क्षेत्र में सीवरों की निकासी की व्यवस्था सही होनी चाहिए, नालियां बनें, सड़कों का निर्माण होना चाहिए। - राजकुमार मौजूद पार्क की स्थिति बहुत ज्यादा दयनीय है, दीवारें टूटी पड़ी हैं, गंदगी भरी पड़ी है, सभी झूले टूटे पड़े हैं। - रमेशचंद इस क्षेत्र में जलभराव बड़ी समस्या है, नाले के ओवरफ्लो होने पर सीवरों से गंदा पानी बाहर आने लगता है। - अयूब खान पूरे इलाके में सफाई वाला कोई नहीं आता, सभी लोगों ने अपना प्राइवेट सफाई कर्मचारी रख रखा है। - अशोक शर्मा एमडीए की कॉलोनी है, नगर निगम को हैंडओवर है, लेकिन इसकी सुध लेने कोई नहीं आता, हालात खराब हैं। - सुदेश अहलावत सड़कें खुदी पड़ी हैं, गड्ढे हो चुके हैं और जलभराव के दौरान गिरने का डर बना रहता है, सड़कों का निर्माण हो। - एसएन झा बिजली के तारों की स्थिति दयनीय है, बहुत पुरानी लाइन है, वन फेस को टू फेस में बदला गया है, हादसे का डर रहता है। - शैलेंद्र सिंह --------------------------------------------

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