बोले मेरठ : मानसून आने से पहले ही उफन पड़े सिल्ट और कूड़े से अटे शहर के नाले
Meerut News - मेरठ में पहली बारिश के साथ ही शहर के नाले उफान पर आ गए। गंदगी से भरे नालों का काला पानी सड़कों और घरों में घुस गया। ओडियन, डीएन कॉलेज, ईदगाह और बच्चा पार्क के नालों की दुर्दशा ने नगर निगम की सफाई...

मेरठ। पहली बारिश में शहर भीगा जरूर, लेकिन इसके साथ ही वह दर्द भी सामने आ गया जो सालों से हर मानसून में लोगों को झेलना पड़ता है। जैसे ही पानी बरसा, वैसे ही शहर के नाले उफन पड़े। गंदगी से भरे इन नालों का काला पानी सड़कों पर ही नहीं, लोगों के घरों और दुकानों में भी घुस गया। शहर के सभी मुख्य नालों की स्थिति लगभग यही है। भले ही वह ओडियन नाला हो या फिर डीएन कॉलेज, ईदगाह या बच्चा पार्क का नाला। मेरठ शहर में अभी मानसून पहुंचा नहीं है, लेकिन इससे पहले हुई प्री मानसून की बारिश में शहर के नालों की दुर्दशा नजर आ गई।
जिसके साथ ही विभागों की नाले सफाई की पोल भी खुल गई। शहरभर के नाले बारिश के दौरान उफन पड़े, जिनका गंदा पानी लोगों के घरों में तो भरा ही साथ ही सड़क किनारे प्रतिष्ठानों में भी घुस गया। हिन्दुस्तान बोले मेरठ टीम ने शहर के बड़े नालों की स्थिति और उनके आपास रहने वाले लोगों से संवाद कर उनका दर्द जाना। शहर में ओडियन नाला, डीएन नाला, ईदगाह नाला, बच्चा पार्क, आबू नाला सहित शहर के दर्जनभर नालों की हालत दयनीय नजर आई। बारिश में फिर दिखी ओडियन नाले की पुरानी पीड़ा ब्रह्मपुरी क्षेत्र में रहने वाले लोग, जो ओडियन नाले की समस्या से वर्षों से जूझ रहे हैं, उनका कहना है कि आज भी लोगों के लिए यह नाला डर का कारण बना रहता है। इसमें कई लोगों की गिरकर मौत हो चुकी है। बरसात होते ही यह नाला सड़क से मिल जाता है। आसपास की गलियों में नाले का गंदा पानी घरों में घुस जाता है। नाले के पास रहने वाले चतर सिंह का कहना है कि बरसात होते ही नाले का पानी गलियों में घुसने लगता है। अभी मानसून से पहले हुई इस बारिश में भी नाले का गंदा पानी गली में भर गया। जिससे लोग घरों से बाहर ही नहीं निकल पाए। आज भी नाले की स्थिति जस की तस लोग ओडियन नाले को दिखाते हुए कहते हैं कि यह वही नाला है जिसमें कई दर्दनाक घटनाएं हो चुकी हैं। लोग इसमें गिरकर अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन इसकी व्यवस्था जस की तस बनी हुई है। ओडियन सिनेमा के सामने इसकी दीवार टूटी पड़ी हैं, जहां से पानी ऊपर तक आ जाता है और सड़क पर भर जाता है। सड़क और नाले का पता ही नहीं चलता। बारिश हुई तो नगर निगम को याद आ गई, कि इसकी सफाई करानी है जबकि पहले ही सफाई की व्यवस्था की जानी चाहिए। डीएन नाले से उठ रहा गोबर का गुब्बार और बीमारी शहर में दिल्ली रोड पर डीएन कॉलेज के बाहर नाले की हालत तो और भी दयनीय है। यहां बारिश के साथ नाले से गोबर और सड़ी गंदगी उभरकर ऊपर तक आ गई। इसका गंदा पानी कॉलेज के मैदान तक में भर गया। पास में मौजूद दुकानदार अमित गोयल और राजेंद्र प्रसाद गुप्ता कहते हैं कि नगर निगम वाले इस नाले की सफाई ढंग से नहीं करते। इसमें इतना गोबर आता है कि रोज ऊफना रहता है। बारिश हो जाए तो इसकी हालत और भी खराब हो जाती है। इसकी गंदगी और जलभराव के कारण पढ़ने वाले छात्रों को बदबू और मच्छरों का सामना करना पड़ता है। लोग इसकी बदबू से बीमार हो रहे हैं, लेकिन कोई सुध ही नहीं लेता। ईदगाह और बच्चा पार्क नाले का नारकीय हाल रेलवे रोड की तरफ ईदगाह नाले की स्थिति ज्यादा दयनीय है। जहां नाला और सड़क बारिश में एक साथ मिल जाते हैं। लोग नाले में गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं। ईदगाह रोड पर बरसात होते ही गंदा पानी लोगों के घरों तक पहुंच जाता है। वहीं बच्चा पार्क वाले नाले की स्थिति भी काफी खराब है। जिसमें गंदगी अटी पड़ी है, बारिश होते ही यह नाले सड़क के बराबर आ गए। सड़क और नाले में फर्क करना मुश्किल हो जाता है। लोगों का कहना है कि नालों का गंदा पानी बाहर आने के कारण सड़कें भी खराब हो चुकी हैं। जिसका कोई समाधान नहीं किया जाता। बारिश से पहले ही नालों की सफाई दुरुस्त की जानी चाहिए। अतिक्रमण है समस्या की असली जड़ लोगों का कहना है शहरभर के नालों की स्थिति खराब है। इन नालों की भयावह स्थिति के पीछे दो मुख्य कारण हैं, लोगों द्वारा किया गया अतिक्रमण और नगर निगम की लापरवाही। लोग नालों को कूड़ेदान समझते हैं और उसमें प्लास्टिक, घरेलू कचरा, मलबा तक फेंक देते हैं। नतीजा यह होता है कि नाले चोक हो जाते हैं और बारिश में सड़कों पर गंदगी बहने लगती है। दूसरी तरफ, नगर निगम हर साल दावा करता है कि मानसून से पहले नालों की सफाई की जाएगी। हकीकत में यह काम या तो होता नहीं या फिर बहुत बाद में शुरू होता है, जब पानी लोगों के घरों में घुस चुका होता है और बीमारी फैल चुकी होती है। लोगों की उम्मीदें और टूटता भरोसा शहर के लोगों ने बताया कि वे हर साल एक जैसे हालात में रहते हैं, लेकिन कोई सुधार नहीं होता। एक बुजुर्ग कहते हैं कि हमने सोचा था, कि इस बार कुछ बदलेगा, पर पहली ही बारिश में सब फिर से डूब गया। बारिश होते ही सड़क चलने लायक नहीं बची। दिल्ली रोड पर मोहकमपुर नाला, बच्चा पार्क नाला, कचहरी से नेहरू नगर होते हुए आबू नाला, ओडियन नाला जो ब्रह्मपुरी से होकर हापुड़ रोड होते हुए काली नदी में गिरता है, सभी की हालत खराब है। बरसात में इनकी असलियत सामने आती है। समस्या - नालों की सफाई निरंतर नहीं होती, गंदगी अटी रहती है - नालों में डेरियों का गोबर बहता है, जिससे नाले चोक हैं - नालों की दीवारें टूटी पड़ी हैं, गंदा पानी सड़कों तक बहता है - नालों की निकासी गंदगी के कारण बंद हो जाती है - बारिश में सभी नाले सफाई नहीं होने के कारण उफन जाते हैं -नालों पर लोगों ने कर रखा है अतिक्रमण सुझाव - नालों में गंदगी की सफाई निरंतर होती रहनी चाहिए - डेरियों का गोबर नालों ना बहाया जाए, उसकी व्यवस्था हो - शहर में सभी नालों की टूटी दीवारें सही करवाई जाएं - लोगों को नालों में कूड़ा करकट फेंकने से रोका जाना चाहिए - शहरभर के सभी नालों की सफाई मानसून से पहले हो -अतिक्रमण हटाकर नाले किए जाने चाहिए साफ अभी तो थोड़ी सी ही बारिश हुई और उसमें ही शहर के नाले उफन पड़े, ओडियन नाले का पानी लोगों के घरों में भर गया। - आकाश, ब्रह्मपुरी ओडियन नाले के बारे में सब लोग जानते हैं, इसमें कई लोगों की जान जा चुकी है, इसकी हालत आज तक नहीं सुधर पाई है। - विजय राठौर, भगवतपुरा घंटाघर से किशनपुरी तक नाले को ढक दिया है, लेकिन ब्रह्मपुरी रोड पर यह खुला है। बारिश में इसका पानी सड़क पर बहता है। - नरेंद्र, भगवतपुरा इस नाले की स्थति आज भी जस की तस बनी हुई है, जैसे ही बारिश होती है इसका गंदा पानी लोगों के घरों तक पहुंच जाता है। - चतर सिंह, हरि नगर बारिश होते ही ओडियन नाले का गंदा पानी गलियों में घुस जाता है। लोगों का घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है। - राहुल, भगवतपुरा इस नाले की स्थिति सुधरना मुश्किल है, बारिश होने के बाद तो इसमें सफाई शुरू होती है, इसकी दीवार तक टूटी पड़ी है। - आसू, ब्रह्मपुरी बारिश होते ही ओडियन नाले का पानी सड़कों पर आ जाता है, यह पता नहीं चलता कि सड़क है या नाला, कई बार हादसे भी हुए हैं। - भीमसेन, व्यापारी यहां डीएन कॉलेज है, नाले की स्थिति इतनी बुरी है, कि गोबर ऊपर तक भरा पड़ा है, बारिश हुई थी तो सड़क तक गंदगी आ गई। - राजेंद्र प्रसाद गुप्ता पास में कॉलेज है, ऊपर से गंदगी, लोग बहुत परेशान हैं, नाले में गंदगी से निकलने वाली गैस के कारण लोग बीमार हो रहे हैं। - अमित गोयल नालों की सफाई की पोल हर बारिश में खुलती है, जिसके बाद नालों की सफाई चालू होती है, इन नालों का कुछ नहीं हो सकता। - अंकित, बच्चा पार्क अभी तो हल्की सी बारिश हुई थी और ईदगाह नाला ऊपर तक आ गया, यहां पानी इतना भर जाता है कि पता नहीं चलता नाला भी है। - ईहान, ईदगाह ईदगाह नाले की स्थिति तो खराब हुई पड़ी है, थोड़ी सी बारिश में ही गंदगी सड़क पर आ जाती है, लोग गिरकर चोटिल हो जाते हैं। - पप्पू, ईदगाह शहर में सभी नालों की स्थिति खराब है, नालों में गंदगी अटी पड़ी रहती है, बारिश होने के बाद नगर निगम को याद आता है। - राजू नालों की स्थिति में सुधार होना नामुमकिन है, बच्चा पार्क का नाला बारिश होते ही ऊपर तक आ जाता है, गंदगी सड़क पर बहती है। - सियाराम, बच्चा पार्क
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