वेद ज्ञान का मूल, जीवन में संस्क़ृत जरूर सीखें
Meerut News - मेरठ में संस्कृत भारती और उप्र संस्कृत संस्थान द्वारा आयोजित क्षेत्रीय आवासीय प्रशिक्षण वर्ग का समापन हुआ। ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ. सोमेन्द्र तोमर ने संस्कृत को भारतीय संस्कृति की आत्मा और विश्व ज्ञान का...

मेरठ। संस्कृत में विश्व का सम्पूर्ण ज्ञान निहित है। वेद भी संस्कृत में है। यदि इस ज्ञान को जानना है तो जीवन में संस्कृत जरूर सीखें। संस्कृत ही संस्कारों का केंद्र बिंदु है। बालेराम ब्रजभूषण विद्यामंदिर में संस्कृत भारती मेरठ प्रान्त एवं उप्र संस्कृत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में जारी क्षेत्रीय आवासीय प्रशिक्षण वर्ग शुक्रवार को संपन्न हो गया। बतौर मुख्य अतिथि ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ. सोमेन्द्र तोमर ने कहा कि संस्कृत भारतीय संस्कृति की आत्मा है और इसमें विश्व का सम्पूर्ण ज्ञान निहित है। योग का मूल भी संस्कृत में है। संस्कृत भारती के अखिल भारत प्रशिक्षण प्रमुख श्रीराम महादेवन ने कहा कि संस्कृत भारती देशभर में लाखों लोगों को संस्कृत बोलना सिखा चुकी है।
भारत के साथ दुनियाभर के 18 देशों में भी संस्कृत सिखाने का काम किया जा रहा है। राजेश सेठी ने कहा कि वेद समस्त ज्ञान का आधार हैं। ये वेद भी संस्कृत में ही ईश्वर ने प्रदान किए हैं। राजगोपाल कात्यायन ने कहा कि संस्कृत में बातचीत करना ही इस शिविर की विशेषता है। डॉ. विश्वजीत बैम्बी ने विद्यार्थियों से संस्कृत सीखने का आह्वान किया। छात्रों ने संस्कृत में ‘स्वतन्त्रतायाः प्राप्ति: विषय पर नाटिका प्रस्तुत की। आखिरी दिन लगी प्रदर्शनी में संस्कृत में विज्ञान को प्रदर्शित किया गया। इसमें आधुनिक विज्ञान के उन आविष्कार एवं खोजों को प्रस्तुत किया गया जो सदियों पहले संस्कृत के प्राचीन ग्रंथों में ऋषियों द्वारा लिखी जा चुकी हैं। उप्र संस्कृत संस्थान के पूर्व अध्यक्ष प्रो. वाचस्पति मिश्र, देवेन्द्र पंड्या, डॉ. सन्दीप कुमार, प्रभाकर मणि त्रिपाठी, योगेश विद्यार्थी, गौरव नायक, गौरव शास्त्री, डॉ. भूपेन्द्र प्रताप एवं डॉ. अरविन्द मौजूद रहे।
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