बोले मेरठ : फ्रेंड्स कॉलोनी में कब होगी विकास की आहट, बने सड़कें तो मिले राहत
Meerut News - मेरठ की फ्रेंड्स कॉलोनी, जो 2004 में बनी थी, आज भी बदहाल है। यहां न सड़कें हैं, न नालियां, और लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। बारिश में कीचड़ और गंदगी से लोग घरों से नहीं निकल पाते। कॉलोनी के...
मेरठ। फ्रेंड्स कॉलोनी नाम सुनते ही लगता है कि यह कोई आधुनिक, सुव्यवस्थित क्षेत्र होगा लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरस रहे हैं। मेरठ शहर के नक्शे पर विकास की बाट जोह रहे इलाकों में फ्रेंड्स कॉलोनी भी शामिल है। यहां ना सड़कें हैं और ना ही नालियां बनी हैं। गड्ढों से भरी जिंदगी, अंधेरे से घिरी रातें और बदहाल गलियां इस कॉलोनी की असली पहचान बन चुकी है। यहां के लोग शहर में बह रही विकास की बयार में शामिल होना चाहते हैं। दिल्ली रोड पर मौजूद रैपिड और मेट्रो ट्रेन के स्टेशन से कुछ दूरी पर फ्रेंड्स कॉलोनी है।
सरस्वती लोक कॉलोनी वाली रोड पर मौजूद फ्रेंड्स कॉलोनी 2004 में बनी थी। धीरे-धीरे यहां लोगों के मकान बनते गए और आबादी 1500 से अधिक पहुंच गई। बीस साल बाद भी इस कॉलोनी की हालत एक गांव से भी बदतर है। इस कॉलोनी की सबसे बड़ी परेशानी है कि यहां सड़क का नामोनिशान तक ना होना है। बारिश हो या धूप, हर मौसम में यहां रहने वाले कीचड़ और गंदगी से जूझते हैं। नाला जहां तक बना है, बुरी तरह गंदगी से अटा पड़ा है। हिन्दुस्तान बोले मेरठ टीम ने इस कॉलोनी के लोगों से उनकी समस्याओं को लेकर संवाद किया। उनका कहना है कि वे टैक्स देते हैं, लेकिन उन्हें बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं। कम से कम गलियां तो बना दी जाएं। फ्रेंड्स कॉलोनी के लोग क्षेत्र की हालत दिखाते हुए कहते हैं कि यहां गलियों में सड़क तक नहीं बनी हैं। सड़क है या गड्ढे पता नहीं चलता, बरसात में तो लोग घरों से बाहर भी नहीं निकल पाते हैं। हालत ये हो जाती है कि गलियों कीचड़ और गंदगी इकट्ठा हो जाती है। एक भी गली ऐसी नहीं है, जहां सड़क बनी हो। लोगों ने खुद ही मिट्टी डालकर अपने निकलने की व्यवस्था कर रखी है। यहां रहने वाले लोग सालों से सड़क बनने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं इस कॉलोनी में पीने के पानी की भी लाइन नहीं है। आसपास पानी की टंकी नहीं है, जिसके चलते इस इलाके को पीने का पानी भी नहीं मिल पा रहा है। नगर निगम में भी कई बार समस्याओं को लेकर शिकायत पत्र दे चुके हैं। कूड़ा उठता नहीं, गंदगी का रहता है अंबार कॉलोनी के लोगों का कहना है, कि यहां हालात बहुत खराब है, गंदगी उठाने वाला भी कोई नहीं आता। लोग खाली जगहों पर कूड़ा करकट फेंक देते हैं, जो बहुत दिनों तक पड़ा रहता है। इससे इलाके में बदबू और संक्रमण का खतरा पैदा हो जाता है। गली में जाते हैं, तो यहां की बदहाली साफ दिखती है, जहां लोग चलते भी संभलकर हैं। यह पूरा इलाका ऊबड़-खाबड़ है, गड्ढे और गंदगी इस इलाके की हकीकत बन गई है। नालियां और सीवर लाइन कहीं नहीं इस पूरे क्षेत्र की हालत को दिखाते हुए लोग कहते हैं कि यहां कहीं भी नालियां नहीं हैं। लोगों ने खुद ही अपने घरों के आगे नालियां बना ली हैं, जिनकी निकासी का कोई साधन नहीं है और गंदगी गलियों में ही भरती रहती है। कुछ लोगों ने पाइप लगाकर पानी की निकासी नाले में की, लेकिन नाला ही पूरी तरह गंदगी से अटा हुआ है। इस कारण पानी लोगों के घरों में वापस लौट रहा है। नालियों के गंदे पानी के कारण इलाके में मच्छर और कीड़े मकोड़ों का डर लोगों को सताता है। नाले में खंभे दे रहे हादसों को दावत इस इलाके की एक विचित्र और बेहद खतरनाक समस्या है, हाईटेंशन लाइन के लिए लगाए गए बिजली के खंभे। जिनको दिखाते हुए लोग कहते हैं कि नाले के बीचोंबीच बिजली के खंभे लगे हुए हैं। न तो नाला साफ होता है, न ही खंभे नाले से दूसरी जगह शिफ्ट किए जा रहे हैं। पिछले तीन साल से नाला गंदगी से अटा पड़ा है जिसको साफ करने कोई नहीं आया है। आसपास की सड़क भी पूरी तरह टूट गई, क्योंकि इसके ऊपर नाले का गंदा पानी भर जाता है। बरसात के मौसम में खंभों की यह स्थिति जानलेवा बन जाती है। करंट का खतरा, जलजमाव और आवागमन में दिक्कतें होती हैं। नाला पूरा नहीं बनने के कारण निकासी नहीं लोगों का कहना है, कि यह नाला आगे से बना नहीं है। जिसका लिंक दिल्ली रोड पर नाले से होना है। बारिश के बिना ही नाले का पानी बाहर बहता रहता है और सड़कों पर भर जाता है। गंदगी से अटा यह नाला आगे से बंद है, जिसकी निकासी की व्यवस्था सही नहीं है। इसकी सफाई भी पिछले तीन साल से नहीं हुई है। आसपास मौजूद अन्य कॉलोनियों में भी इस नाले का पानी भर जाता है। इसके कारण ही सरस्वती लोक वाली रोड खराब हो गई है, जिसमें गहरे गड्ढे हो चुके हैं, आए दिन एक्सीडेंट होते रहते हैं। नाले की निकासी सही हो जाए तो जलभराव से राहत मिल जाएगी। अंधेरे में डूबी गलियां और सड़क इस क्षेत्र में खंभों पर स्ट्रीट लाइट ही नदारद हैं। रात होते ही कॉलोनी में अंधेरा पसर जाता है। मुख्य सड़क पर अंधेरे के कारण आने जाने वालों को खतरा रहता है। एक तो सड़क टूटी पड़ी है, ऊपर से गंदगी का अंबार रहता है। नाले का पानी सड़क पर बहता है, फिसलकर गिरने का डर रहता है। वहीं अंधेरे में डर, असुरक्षा और हादसों का खतरा हमेशा मंडराता रहता है। यहां रहने वाले फरीद अहमद का कहना है कि हमने बार-बार नगर निगम से गुहार लगाई, पार्षद से भी कहा, लेकिन आजतक कुछ नहीं हुआ। समस्या - पूरी कॉलोनी में कहीं भी गली में सड़क नहीं बनी है - नालियां कहीं नहीं बनी हैं, नाले तक पाइप लगाए हैं - नाला पूरी गंदगी से अटा पड़ा है, सीवर लाइन नहीं है - सफाई करने वाला इस इलाके में कोई नहीं आता है - क्षेत्र में सरकारी पानी की पाइप लाइन ही नहीं है सुझाव - फ्रेंड्स कॉलोनी में गलियों के अंदर सड़क बननी चाहिएं - क्षेत्र में गंदे पानी की निकासी के लिए नालियां बनें - सीवर लाइन डाली जाए और नाले की सफाई हो - क्षेत्र में सफाई करने वालों की व्यवस्था होनी चाहिए - कॉलोनी में पीने के पानी की व्यवस्था दुरुस्त की जाए इनका कहना है इस इलाके में गंदे पानी की निकासी ठप पड़ी है, नाला गंदगी से भरा पड़ा है, पिछले तीन साल से सफाई नहीं हुई। - हाजी फरीद मलिक गलियों में नाली कहीं भी नहीं हैं, लोगों के घरों का गंदा पानी गली में बहता है, कुछ लोगों ने पाइप लगाए हुए हैं। - शाबिर मलिक यहां कॉलोनी के लोग नरक में रह रहे हैं, गलियों में खड़ंजे तक नहीं हैं, गहरे-गहरे गड्ढे हुए पड़े हैं, सुधर हो। - कल्लू मलिक नालियां हैं नहीं और नाला अटा पड़ा हुआ है, कई बार नाले में बच्चे गिर चुके हैं, जिसकी सफाई तक नहीं होती। - इकरामुद्दीन अंसारी नाले का पानी सड़कों पर भर जाता है, लोगों का निकलना भी मुश्किल होता है, नाले की सफाई जल्दी होनी चाहिए। - सुहैल मलिक गलियों की हालत बहुत खराब है, लोग बस गंदगी और बदबू में जी रहे हैं, सफाई की व्यवस्था कहीं भी नहीं है। - इस्लामुद्दीन मेवाती सफाई करने वाला कोई नहीं आता, कूड़ा और गंदगी जगह-जगह पड़ी रहती है, जिसकी व्यवस्था होनी चाहिए। - मोहम्मद सारिक गली बन जाए और साथ ही नालियां बन जाएं, निकासी के लिए लोगों को खुद ही नालियां बनवानी पड़ रही हैं। - ताहिर पीने के पानी की लाइन भी नहीं है, सीवर तो दूर-दूर तक नहीं हैं, इसलिए जलभराव से लोग परेशान रहते हैं। - दिलशाद बरसात में तो इलाका तालाब बन जाता है, कीचड़ और गंदगी गलियों में भर जाती है, लोग घरों से नहीं निकलते। - अशफाक सैफी गलियों में सड़क और नालियां बन जाएं तो राहत मिले, यहां निकासी की कोई व्यस्था नहीं है, समाधान तो हो। - दीन मोहम्मद नाले की सफाई बहुत जरूरी है, बारिश होते ही नाले का पानी गलियों में भर जाता है, गंदगी बहुत ज्यादा हो जाती है। - फिरोज यहां ना तो सीवर लाइन है, ना ही पीने के पानी की लाइन, नालियां और सड़क भी नहीं बनी है, लोग बहुत परेशान हैं। - दानिश सरस्वती लोक वाली सड़क में गड्ढे हुए पड़े हैं, इसके किनारे नाले के बीच में खंभे लगे हुए है, जो बहुत खतरनाक हैं। - अलीशान नाले के बीच खंभे लगे हुए, जो बहुत खतरना हैं, इनमें कभी भी करंट आ सकता है, कोई यहां देखने वाला ही नहीं है। - नजाकत किसी तरह कॉलोनी में सड़क बन जाएं, नालियां बन जाएं तो इसकी दुर्दशा सुधर जाए, यहां हालत बहुत खराब हुई पड़ी है। - दानिश खान
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