ठेकेदार से आटे के कारोबार के नाम पर 65 लाख रुपये हड़पे
Meerut News - मवाना के ठेकेदार नईम अहमद से आटे के व्यापार के नाम पर 65 लाख रुपये की ठगी की गई। मेरठ के राजीव कुमार और उसके पुत्र निखिल गुप्ता ने साझेदारी का झांसा देकर पैसे लिए। नईम ने कोर्ट में शिकायत की, जिसके...

मवाना निवासी एक ठेकेदार से आटे का कारोबार कराने के नाम पर मेरठ के एक फ्लोर मिल मालिक पिता-पुत्र ने 65 लाख रुपये की ठगी कर ली। पीड़ित ने कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई तो कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। वहीं, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। नगर पालिका में ठेकेदारी करने वाले मोहल्ला कल्याण सिंह निवासी नईम अहमद ने न्यायिक मजिस्ट्रेट मवाना की अदालत में वाद दायर कर बताया कि मेरठ सदर कैंट के गंज बाजार निवासी राजीव कुमार व उसके पुत्र निखिल गुप्ता ने उन्हें मवाना क्षेत्र में आटे के व्यापार में साझेदारी का झांसा दिया।
आरोप है कि आरोपियों ने उन्हें मवाना क्षेत्र में आटे के व्यापार की संभावनाएं गिनाकर अपनी बातों में फंसा लिया। कहा कि मवाना क्षेत्र में आटा मिलें कम हैं, इसलिए मुनाफा अच्छा होगा। झांसे में आकर नईम अहमद ने 6 मार्च 2024 को पंजाब नेशनल बैंक मवाना शाखा से आरपी एग्रो इंडस्ट्रीज के खाते में 65 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए। बार-बार पैसा वापस मांगने पर पिता-पुत्रों ने कहा कि 65 लाख रुपये उनके बैंक खाते में वापस डाल दिए जाएंगे लेकिन उन्होंने धनराशि नहीं लौटाई। आरोप है कि कुछ दिनों बाद उसने आरोपियों के मोबाइल नंबरों पर वार्ता की तो उक्त दोनों आरोपी झगड़ा करने पर आमदा हो गए और फोन पर ही उसके साथ गाली गलौज करने लगे। दोबारा पैसे मांगने पर जान से मारने की धमकी दी। न्यायालय ने रिपोर्ट दर्ज के दिये आदेश ठेकेदार नईम अहमद के अधिवक्ता असलम खां ने यह मामला मवाना के न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रस्तुत किया। इस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रशांत मौर्य ने थानाध्यक्ष मवाना को दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। थाना प्रभारी ने इस मामले की जांच उप निरीक्षक राजेश यादव को सौंप दी है। पुलिस आरोपियों की भूमिका की गहराई से जांच करेगी। गलत मामला बनाकर नईम ने रिपोर्ट दर्ज कराई रिपोर्ट में नामजद मेरठ सदर कैंट के गंज बाजार निवासी राजीव कुमार का कहना है कि उन्हें नईम के माध्यम से जमीन खरीदनी थी। वह जमीन आबादी में दर्ज थी, जबकि उन्हें कृषि में दर्ज जमीन की बात हुई थी। काफी दिनों बाद नईम ने वह जमीन कृषि में दर्ज नहीं कराई तो उन्होंने आबादी वाली जमीन का बैनामा करा लिया। इस सौदे के दौरान नईम के पास ज्यादा रुपये चले गये। वापस मांगे तो उसने कहा कि धीरे-धीरे उनके रुपये लौटा देगा। दवाब देने पर नईम ने उनकी दूसरी फर्म आरपी एग्रो इंडस्ट्रीज के खाते में रुपये वापस कर दिए। अब उसकी नीयत में खोट आ गया है, नईम ने गलत मामला बनाकर उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा ली है। पुलिस की जांच में सब साफ हो जाएगा।
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