छात्रों ने जानी थ्रीडी आर्ट में रोजगार की संभावना
Meerut News - सीसीएसयू कैंपस में आयोजित वर्कशॉप में विद्यार्थियों ने थ्रीडी न्यूरल पेंटिंग का प्रशिक्षण लिया। विशेषज्ञों ने इस कला की बारीकियों को समझाते हुए रोजगार के अवसरों पर चर्चा की। थ्रीडी पेंटिंग तकनीक सपाट...

सीसीएसयू कैंपस में राज्य ललित कला अकादमी एवं ललित कला विभाग के संयुक्त तत्वाधान में जारी वर्कशॉप में मंगलवार को विद्यार्थियों ने थ्रीडी न्यूरल पेंटिंग का प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रो.ऋषिका पांडे, डॉ.वंदना शर्मा एवं शिप्रा शर्मा ने प्रतिभागियों को थ्रीडी पेंटिंग की बारीकियां बताते हुए इस क्षेत्र में रोजगारी की संभावनाएं बताई। प्रो.ऋषिका पानी के अनुसार थ्रीडी वॉल पेंटिंग एक तकनीक है जो सपाट सतह पर गहराई और आयाम का भ्रम पैदा करती है। विद्यार्थी इस कला को सीखकर अपने रोजगार की शुरुआत कर सकते हैं। युवा कलाकारों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में थ्रीडी पेंटिंग उपयोगी कला है। कलाकारों ने थ्रीडी में प्राकृतिक दृश्य, गणेश, घोड़ा, मोर, कमल के फूल, सूरज, शंख, बांसुरी, पशु-पक्षी की आकृतियां बनाईं।
डॉ.शालिनी धामा, डॉ.पूर्णिमा वशिष्ठ, दीपांजलि, शालिनी त्यागी मौजूद रही। सुभारती में मेंटर-मेंटी का सत्र मेरठ। सुभारती लॉ कॉलेज में 2020 बैच के विद्यार्थियों के लिए मेंटर-मेंटी मीटिंग का विशेष सत्र हुआ। प्रो.रीना बिश्नोई एवं डॉ.आफरीन अल्मास द्वारा हुए इस सत्र में विद्यार्थियों ने महाविद्यालय में पांच वर्ष के विद्यार्थी जीवन की यात्रा को साझा किया। विद्यार्थियों ने कहा कि कॉलेज में प्रचलित मेंटर-मेंटी व्यवस्था जरुरी है। पुरातन छात्र हैदर एवं प्रियंका ने कहा कि मेंटर्स के मार्गदर्शन से ही वह आज विधि क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सफल हुए हैं। डीन प्रो.वैभव गोयल भारतीय ने कहा कि विधि संकाय द्वारा मेंटर-मेंटी व्यवस्था में प्रत्येक छात्र का ध्यान अभिभावक के रूप में रखा जाता है।
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