मरीजों को राहत: जिला अस्पताल में एंटी रेबीज सीरम वैक्सीन लगाने की सुविधा शुरु
Meerut News - दिल्ली में अब कुत्ते और बंदर के काटने पर मरीजों को एंटी रेबीज सीरम लगाने के लिए एम्स या राम मनोहर लोहिया अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा। जिला अस्पताल में यह सुविधा शुरू हो गई है। रोजाना चार से पांच लोग इस...

अब कुत्ते, बंदर के काटने पर मरीजों को एंटी रेबीज सीरम लगवाने के लिए दिल्ली एम्स, राम मनोहर लोहिया अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा। जिला अस्पताल में ही एंटी रेबीज सीरम लगना शुरू हो गया है। रोजाना चार से पांच लोग कुत्ते, बंदर के हमले से ज्यादा जख्मी पहुंच रहे हैं। चिकित्सक इन्हें एंटी रेबीज सीरम लगवाने की सलाह देते हैं। इसको इंजेक्शन के माध्यम से जख्म के आसपास लगाया जाता है। इस सुविधा के शुरू होने से कुत्ते, बंदर के काटे मरीजों को राहत मिल गई है। पहले चरण में जिला अस्पताल को एंटी रेबीज सीरम स्वास्थ्य विभाग ने उपलब्ध कराया है।
रेबीज ओपीडी में रोजाना चार से पांच मरीज एंटी रेबीज सीरम लगवाने पहुंच रहे हैं। ये मरीज शहर ही नहीं आसपास के गांवों से सीरम लगवाने के लिए रेफर होकर आ रहे हैं। सीरम वेक्सीन की सुविधा जल्द से जल्द शुरू कराई जाए। इसकी खबर प्रमुखता से आपके प्रिय हिन्दुस्तान अखबार ने अप्रैल माह में प्रकाशित की थी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यालय से सम्पर्क किया और अब सीरम जिले में उपलब्ध हो गया है। जख्म गहरा, बड़ा होने पर सीरम लगवाना जरूरी जिला अस्पताल की एंटी रेबीज वैक्सीन ओपीडी की चिकित्सक डॉ. अनु गुप्ता ने बताया कि सीरम उन मरीजों लगाया जाता है जो कुंत्ते, बंदर के काटने से उनका जख्म गहरा और बड़ा होता है। ऐसे मरीजों में रेबीज वायरस को पूरी तरह से खत्म करने के लिए सीरम बहुत कारगर है। सीरम के बाद रेबीज इंफेक्शन होने की संभावना बहुत कम रह जाती है। इंजेक्शन के बाद तीन एंटी रेबीज वैक्सीन और लगाई जाती है। ------------------------------------ जिले में पहले चरण में जिला अस्पताल को एंटी रेबीज सीरम के लिए नामित किया गया है। दूसरे चरण में स्वास्थ्य केंद्रों को शामिल किया जाएगा। अब सीरम के लिए लोगों को दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। -डॉ. अशोक कटारिया, सीएमओ
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