मेरठ : अंकित कुश ने लद्दाख की चोटी पर फहराया तिरंगा
Meerut News - सरूरपुर के गांव भूनी के अंकित कुश ने लद्दाख के 6250 मीटर ऊँचे माउंट किंग यास्ते पर तिरंगा फहराकर देश का मान बढ़ाया। दो महीने की कठिन ट्रेनिंग के बाद 19 जून को लेह पहुंचे और 22 जून को अपने मिशन पर...
सरूरपुर। क्षेत्र के गांव भूनी के रहने वाले अंकित कुश ने लद्दाख की करीब 6250 मीटर ऊंची चोटी माउन्ट किंग यास्ते पर तिरंगा फहराकर देश और क्षेत्र का मान बढ़ाया है। अंकित इससे पहले भी देश का नाम रोशन कर चुके हैं। गांव भूनी निवासी अंकित कुश पुत्र विजेंद्र दत्त शर्मा ने लद्दाख की इस चोटी पर तिरंगा फहराने के लिए लगभग दो माह की कठिन ट्रेनिंग की। उसके बाद 19 जून को लेह के लिए निकले थे। बताया जाता है कि लेह काफी ऊंचाई पर स्थित है और जब भी कोई व्यक्ति समुद्र तल से ऊंचाई पर पहुंचता है तो उसे अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
इसके लिए अंकित ने तीन दिन तक खुद को लेह में रखकर शरीर को मौसम के अनुरूप ढाला। इसके बाद 22 जून को वह अपने मिशन के लिए निकल पड़े। करीब चार दिन का कठिन सफर तय करते हुए किंग यास्ते पर्वत के बेस कैंप पर पहुंचे। उन्हें ठंडी हवाओं और खराब मौसम का भी सामना करना पड़ा जहां से अंकित ने अपनी टीम और गाइड के साथ लगभग 5600 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचे और चोटी पर चढ़ने के लिए अपनी तैयारी की। इस दौरान प्रयोग किए जाने वाले संसाधनों की जांच की और 28 जून की रात में चोटी पर तिरंगा फहराने के लिए निकल पड़े। अंकित अपनी टीम के साथ ठंडी और बर्फीली हवाओं का सामना करते हुए पर्वत की चोटी पर आगे बढ़ते रहे। उन्होंने 29 जून की सुबह 6:30 बजे पहाड़ की चोटी पर पहुंचकर तिरंगा फहराकर देश और क्षेत्र का नाम रोशन कर लिया। बताया गया कि अंकित कुश 2 जुलाई को वापस गांव भूनी पहुंचेंगे। पहले भी कर चुके हैं देश का नाम रोशन अंकित कुश पहले भी हिमाचल की फ्रेंडशिप पीक, यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलबरस और अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर भी भारत का तिरंगा फहरा चुके हैं। अंकित का सपना सातों महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटियों पर अपने तिरंगे को फहराकर देश का गौरव बढ़ाना है।
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