कहिनौर-अल्लीपुर मार्ग के चौड़ीकरण की उठी मांग
Mau News - कुशमौर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय बीज विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों और छात्रों का आवागमन होता है, लेकिन कहिनौर-अल्लीपुर मार्ग काफी सकरा और जर्जर है। स्थानीय ग्रामीणों और वैज्ञानिकों...
मऊ। परदहां ब्लाक क्षेत्र अंतर्गत कहिनौर-अल्लीपुर मार्ग पर कुशमौर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय बीज विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी संस्थान के साथ ही राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्म जीव ब्यूरो स्थापित है। ब्यूरो में देश के विभिन्न हिस्सों और विदेश के वैज्ञानिक भी आकर शोध कार्य करते हैं। कहिनौर-अल्लीपुर सिंगल मार्ग से इन संस्थानों में वैज्ञानिक और शोध करने वाले छात्राओं के साथ ही क्षेत्रीय जनता का आवागमन होता है, लेकिन लगभग पांच किमी लम्बा मार्ग काफी सकरा और जर्जर होने से आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्षेत्रीय ग्रामीणों के साथ ही वैज्ञानिकों ने इस सिंगल मार्ग के चौड़ीकरण और सुंदरीकरण कराए जाने की मांग की है, ताकि चारपहिया वाहनों का आवागमन सुरक्षित तरीके से हो सके।
जनपद के परदहां ब्लाक क्षेत्र अंतर्गत कुशमौर में स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, जो भारत में कृषि अनुसंधान और शिक्षा के लिए एक प्रमुख निकाय है। राष्ट्रीय बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (भा.कृ.अनु.प) के तहत एक संस्थान है, जो बीज विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान, शिक्षा और प्रशिक्षण पर केंद्रित है। यहां पर देश के साथ ही विदेशों से वैज्ञानिक आते हैं। साथ ही शोध कार्य के लिए देश और विदेश के छात्र-छात्राएं अध्ययन करते हैं। राष्ट्रीय बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, कृषि, बागवानी, मत्स्य पालन और पशु विज्ञान में अनुसंधान का समन्वय, मार्गदर्शन और प्रबंधन करता है। राष्ट्रीय बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान बीज विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान, शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करता है। इन संस्थानों में देश विदेश से आने वाले वैज्ञानिकों और शोध करने वाले छात्र-छात्राओं के साथ ही क्षेत्रीय गांवों के हजारों लोगों का आवागमन कहिनौर-अल्लीपुर मार्ग पर प्रतिदिन होता है, लेकिन यह मार्ग काफी सकरा होने से आवागमन में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। वैज्ञानिकों की मानें तो इस संस्थान में देश के साथ ही विदेश के वैज्ञानिक और छात्र आते हैं, लेकिन इस सकरे और बदहाल मार्ग से गुजरना काफी कष्टकारी होता है। क्षेत्रीय लोगों के साथ ही वैज्ञानिकों की मांग है कि इस पांच किमी लम्बे कहिनौर-अल्लीपुर मार्ग का चौड़ीकरण करने के साथ ही पथ प्रकाश की व्यवस्था की जाए। एक साथ चारपहिया वाहनों का निकलना होता है मुश्किल मऊ। कुशमौर में स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय बीज विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी संस्थान, राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्म जीव ब्यूरो के वैज्ञानिकों की माने तो कहिनौर-अल्लीपुर मार्ग सकरा होने से आवागमन में तमाम परेशानी होती है। यदि रास्ते में आमने-सामने दो बड़े वाहन आ जाते हैं तो उनका निकलना काफी मुश्किल हो जाता है। सड़क किनारे बने गड्ढों में वाहनों के गिरने का भय बना रहता है। ऐसे में इस मार्ग का चौड़ीकरण किया जाना जनहित में आवश्यक है। हमारी भी सुनें कहिनौर-अल्लीपुर मार्ग काफी सकरा होने से आवागमन में काफी मुश्किल होती है। बड़े वाहन काफी मशक्कत के बाद एक दूसरे को पास कर पाते हैं। आए दिन इस मार्ग पर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। - डॉ. अंजनी कुमार सिंह कुशमौर में स्थित भा.कृ.अनु.प. और एनबीएआईएम में देश के साथ ही विदेशों के वैज्ञानिकों और छात्र-छात्राओं का आवागमन होता है। लेकिन इस सकरे मार्ग से अनेक प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ता है। - डॉ. विनेश बोले जिम्मेदार कहिनौर-अल्लीपुर मार्ग सिंगल होने की जानकारी नहीं है। अगर लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आता होगा तो जल्द ही चौड़ीकरण के लिए सर्वे कराया जाएगा। सर्वे कराकर प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। -सौरभ सिंह, लोक निर्माण विभाग, मऊ।
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