स्वतंत्रता के लिए स्वामी सहजानंद ने किया महत्वपूर्ण संघर्ष
Mau News - जननायक स्वामी सहजानंद सरस्वती की 75वीं पुण्यतिथि के अवसर पर स्वामी सहजानंद जनमंच के तत्वाधान में अस्तूपुरा में गुरुवार को कार्यक्रम आयोजित हुआ।
मऊ। जननायक स्वामी सहजानंद सरस्वती की 75वीं पुण्यतिथि के अवसर पर स्वामी सहजानंद जनमंच के तत्वावधान में अस्तूपुरा में गुरुवार को कार्यक्रम आयोजित हुआ। भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के समय स्वामी सहजानंद सरस्वती ने किसानों और मजदूरों को स्वतंत्रता आंदोलन से जोड़कर देश की स्वतंत्रता के लिए महत्वपूर्ण संघर्ष किया। धर्म, संस्कृति और समाज को लेकर उनके विचार अत्यंत तर्कपूर्ण थे, जो संपूर्ण मानव जाति के भलाई के लिए थे। जिसके कारण उन्हें भारतीय पुनर्जागरण का शलाका पुरुष कहा जाता है। विशिष्ट अतिथि विजय बहादुर पाल ने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती का समूचा जीवन किसानों और मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए समर्पित था।
विशिष्ट वक्ता अधिवक्ता राकेश सिंह ने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती ने भारत के इतिहास में प्रथम बार किसानों को संगठित करने और उनका शानदार नेतृत्व करने का ऐतिहासिक कार्य किया है। स्वामी सहजानंद जन मंच के संस्थापक अध्यक्ष समीर राय ने कहा कि किसानों का देश कहे जाने वाले भारत में राष्ट्रीयता का बीज बोने वाले जननायक के साथ इतिहासकारों ने न्याय नहीं किया। उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाना आज के युवा पीढ़ी का लक्ष्य होना चाहिए। अध्यक्षता समाजसेवी रामाश्रय राय और संचालन विद्यापति राय एडवोकेट ने किया। कार्यक्रम में रमेश राय ,योगेंद्र यादव, महेंद्र राजभर, लालचंद राजभर, विद्यापति राय, रामचंद्र राय , श्याम मोहन राय, राकेश सिंह ,मनोज राय, रमेश दुबे , अवधेश राय, अजय सिंह, मनीष भारती, माखनलाल प्रजापति, रामजी उपाध्याय आदि मौजूद रहे।
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