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अब 65 वर्ष तक मिलेगा एफआरसीटी योजनाओं का लाभ

Maharajganj News - महराजगंज में एफआरसीटी की योजनाओं का लाभ अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए नियमावली में संशोधन किया गया है। अब सदस्यता की उम्र सीमा 18 से 60 वर्ष है, और 65 वर्ष की उम्र तक सदस्यता मान्य रहेगी। इसके अलावा,...

Newswrap हिन्दुस्तान, महाराजगंजSat, 28 June 2025 12:01 PM
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अब 65 वर्ष तक मिलेगा एफआरसीटी योजनाओं का लाभ

महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। अब एफआरसीटी की योजनाओं का लाभ अधिक लोग उठा सकेंगे। योजना का लाभ अधिक से अधिक लोग उठा सकें। इसके लिए एफआरसीटी प्रदेश टीम ने नियमावली में संशोधन किया है। संस्थापक महेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि संशोधित नियमावली के अनुसार अब एफआरसीटी सदस्यता प्राप्त करने की उम्र सीमा न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 60 वर्ष किया गया है। एक बार सदस्य बन जाने के बाद 65 वर्ष की उम्र तक सदस्यता मान्य रहेगी। सदस्यों की 65 वर्ष उम्र पूरा होते ही सदस्यता खुद समाप्त हो जाएगी। उन्होंने बताया कि यदि एफआरसीटी का कोई वैधानिक सदस्य अपनी उम्र सीमा 65 वर्ष आयु सफलतापूर्वक पूरा कर लेता है और इस कारण से उसकी एफआरसीटी की सदस्यता स्वतः समाप्त होती है।

लेकिन सदस्य की 65 वर्ष उम्र के बाद जब भी (उम्र की कोई बाध्यता नहीं) निधन होता है तो ट्रस्ट के खाते से 20000 उनके नॉमिनी को अंतिम संस्कार के लिए आर्थिक सहयोग दिया जाएगा। सह संस्थापक चन्द्र शेखर सिंह कहा कि 22 अप्रैल 2025 से सदस्यता लेने वाले नए सदस्यों के लिए बेटी विवाह शगुन योजना में लॉक इन पीरियड 4 वर्ष किया गया था। लेकिन अब इसमें दो वर्ष की सीमा को घटा दिया गया है। अर्थात 21 मार्च 2025 से सदस्यता लेने वाले समस्त सदस्यों के लिए बेटी विवाह शगुन योजना में लॉक इन पीरियड दो वर्ष कर दिया गया है। सह संस्थापक चरण सिंह ने कहा कि यदि बेटी की माता-पिता दोनों जीवित नहीं हैं तो बेटी की जैविक भाई (न्यूनतम उम्र 18 वर्ष) खुद एफआरसीटी में रजिस्ट्रेशन करेगा और निर्धारित लॉक इन पीरियड पूरा करके सदस्यता तिथि से विवाह तिथि तक बेटी विवाह शगुन योजना में 90 प्रतिशत अवसरों पर सहयोग करके अपनी बहन की विवाह में सहयोग प्राप्त करने के लिए पात्र माने जाएंगे। यदि उस अनाथ बेटी की उम्र यदि 18 वर्ष पूरा नहीं है तो 18 वर्ष पूरा होते ही सदस्य बनना और बेटी विवाह शगुन योजना में 90 प्रतिशत अवसरों पर सहयोग करना दोनों अनिवार्य रहेगा। विवाह में सहयोग के लिए आवेदन के समय जैविक भाई-बहन होने का प्रमाण व माता-पिता दोनों के मृत्यु का प्रमाण देना होगा।

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