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बोले लखनऊ : पटेल नगर में नाला निर्माण दो वर्ष से अधूरा, 8000 लोगों की बेचैनी बढ़ी

Lucknow News - इस्माइलगंज के पटेल नगर में जलभराव की समस्या हर साल बढ़ती जा रही है। 8000 की आबादी हर वर्ष बरसात में जलभराव का सामना कर रही है। नाले का निर्माण दो साल से रुका हुआ है और नगर निगम की सफाई व्यवस्था भी...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊWed, 18 June 2025 05:03 AM
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बोले लखनऊ : पटेल नगर में नाला निर्माण दो वर्ष से अधूरा, 8000 लोगों की बेचैनी बढ़ी

इस्माइलगंज प्रथम का पटेल नगर अयोध्या रोड के करीब ही है। हाइवे किनारे विकास तो हो रहा है लेकिन इस वार्ड का रुका पड़ा है। कारण चाहे जो भी हो लेकिन यहां की 8000 की आबादी साल दर साल जल भराव झेल रही है। जलभराव में उनकी लाखों की घर गृहस्थी हर वर्ष डूब जाती है। इस बार भी इसकी पूरी आशंका है। क्योंकि जलभराव रोकने के इंताजम नहीं किए गए। पटेलनगर में दो वर्षों से रुका पड़ा नाला आज भी नहीं बन पाया है। क्षेत्र के लोग लगातार शिकायत कर रहे हैं कि यह अधूरा नाला बरसात में पूरे मोहल्ले को टापू बना देता है।

लगभग 200 मीटर लंबे इस नाले का टेंडर दो वर्ष पहले ही हो गया था, लेकिन काम शुरू नहीं हो पाया। इसका कारण एक महिला को बताया जा रहा है जो अपने घर के पास नाले से बदबू आने की आशंका जताकर निर्माण रोकने की जिद पर अड़ी हुई है। सेक्टर-8 और वैशाली एनक्लेव का पानी लाने वाला नाला भी बदहाल पटेल नगर से लगे सेक्टर-8 और वैशाली एनक्लेव जैसे इलाकों का गंदा पानी सतुआ तालाब तक पहुंचाने वाला मुख्य नाला भी बदहाली का शिकार है। इस नाले की हालत ऐसी है कि वर्षों से सफाई नहीं हुई है। पूरा नाला सिल्ट से भर चुका है। बारिश के समय यह पानी वापस बस्तियों में घुस जाता है, जिससे जलभराव और बीमारी का खतरा लगातार बना रहता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम सिर्फ कागजों में सफाई दिखाता है। हकीकत यह है कि नाले में घुसकर सफाई करने वाले कर्मचारी तो दिखते ही नहीं हैं। मशीन लगाई गई है, लेकिन इससे बगल के नाले की दीवारें टूट गई। जिससे स्थिति और बिगड़ गई है। एक तरफ की नाले की दीवार गिर चुकी है। दूसरी तरफ की गिरने वाली है। -------------- 45 करोड़ का सतुआ तालाब बनकर भी बेकार पटेल नगर में लगभग 45 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया गया सतुआ तालाब आज उपेक्षा की तस्वीर बना है। तालाब के साथ एसटीपी सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाई गई थी ताकि बारिश और नाले का गंदा पानी फिल्टर होकर तालाब में पहुंचे, जिससे वह प्रदूषित न हो। लेकिन हकीकत यह है कि एसटीपी कभी चालू ही नहीं हो पाई। तालाब का मुख्य द्वार अक्सर बंद रहता है, जिससे आसपास बनाए गए पथ वॉकिंग ट्रैक पर लोग चल तक नहीं पाते। स्थानीय निवासी बताते हैं कि सफाई नहीं होने से दुर्गंध फैलती है। सरकार और नगर निगम ने करोड़ों रुपए खर्च कर जनता को एक और बेकार योजना थमा दी है, जिसका कोई लाभ आज तक नहीं मिला। -------- नाले से गोबर, गंदगी और टूटी पुलिया बनी समस्या मुलायम नगर का पानी भी पटेल नगर के नाले से घूमकर आता है जबकि सीधे आ सकता है, यदि नाले का निर्माण पूरा हो। लेकिन निर्माण अधूरा है। अन्नू गारमेंट्स एवं कॉस्मेटिक के पास बनी पुलिया टूट चुकी है। लोग किसी तरह बच बचाकर पार करते हैं। यह रास्ता पैदल चलने वालों के लिए भी बेहद खतरनाक बन चुका है। इसके अलावा पटेल नगर में तीन डेयरियां हैं, जिनका गोबर भी सीधे नाले में बहाया जाता है। इससे नाले से दुर्गंध उठती है और बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ गया है। नगर निगम ने इन डेयरियों पर कोई कार्यवाही नहीं की है। ----------- खाली प्लॉट बने कूड़े के ढेर पटेल नगर में मोहम्मद तासीर खान के घर के सामने वाला खाली प्लॉट अब कचरे का ढेर बन चुका है। यहां दिनभर गंदगी फैली रहती है, बदबू से जीना मुश्किल है। कोई सफाई कर्मी नहीं आता, कोई वाहन कूड़ा उठाने नहीं पहुंचता। इसी तरह लोकनाथ गेस्ट हाउस के पास वाला मोड़ भी कूड़े का पड़ाव स्थल बन गया है। यहां शाम होते-होते इतना कूड़ा जमा हो जाता है कि राहगीरों को निकलना मुश्किल हो जाता है। अक्सर लोग यहां मुंह पर रुमाल या मास्क लगाए बिना चल नहीं सकते। स्थानीय निवासियों ने कहा कि यहां की स्थिति पर कई बार पार्षद और सफाई निरीक्षक से बात की गई, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। नगर निगम के हेल्पलाइन पर शिकायत करने के बाद भी केवल एक बार गाड़ी आती है, फिर महीनों तक कोई पूछने नहीं आता। ---------- स्कूल के पास टूटी सड़क, 20 साल से नहीं हुआ निर्माण पटेल नगर के मौर्या प्ले स्कूल के पास की सड़क बीते 20 वर्षों से नहीं बनी है। यह सड़क पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। बरसात के मौसम में इस पर चलना नामुमकिन हो जाता है। स्कूल के अभिभावकों और स्थानीय निवासियों ने कई बार विधायक, पार्षद और निगम अधिकारियों से सड़क निर्माण की मांग की लेकिन हर बार उन्हें केवल आश्वासन ही मिला। बच्चे गिरते हैं, महिलाओं को तकलीफ होती है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा। --------- लोक सभा चुनाव में नाला नहीं तो वोट नहीं का बैनर लगवा चुके हैं लोग, फिर भी काम अधूरा बीते लोकसभा चुनावों में इस नाले को लेकर पटेल नगर में नाला नहीं तो वोट नहीं का बैनर लगाया गया था, जिसके बाद नगर आयुक्त, जिलाधिकारी और मंडलायुक्त सहित तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। महापौर सुषमा खर्कवाल ने भी मौके पर आकर लोगों को आश्वासन दिया था कि चुनाव खत्म होते ही काम शुरू कर दिया जाएगा। लेकिन चुनाव खत्म हुए महीनों बीत चुके हैं, और न तो निर्माण शुरू हुआ और न ही कोई ठोस कार्यवाही दिखी है। स्थानीय निवासी बताते हैं कि हर साल बरसात में यहां का जीवन नारकीय हो जाता है। गलियों में पानी भर जाता है, लोग घरों में कैद हो जाते हैं और बच्चों की पढ़ाई, लोगों की नौकरी, रोज़मर्रा का जीवन बुरी तरह प्रभावित होता है। लोगों की घर गृहस्ती का सामान भी पानी में डूब जाता है। लाखों रुपए का नुकसान होता है। जनप्रतिनिधियों के दौरे, लेकिन परिणाम शून्य लोकसभा चुनाव के दौरान पटेल नगर, मुलायम नगर और आसपास के इलाकों में बड़े अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का आना-जाना खूब रहा। कमिश्नर, डीएम और नगर आयुक्त ने नाले का निरीक्षण किया था। महापौर खुद जनता के बीच पहुंची थीं। सभी ने कहा था कि चुनाव खत्म होते ही काम शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन यह वादा भी महज कागजों तक ही सीमित रहा।आज न नाला बना, न सड़कें बनीं, न सफाई व्यवस्था सुधरी और न ही तालाब का कोई लाभ मिल पाया। हर तरफ गंदगी, दुर्गंध, जलभराव और टूटी सड़कें स्थानीय निवासियों के लिए एक स्थायी समस्या बन गई हैं। बोले जिम्मेदार:: स्थानीय निवासियों के विरोध की वजह से नाला नहीं बन पाया। कुछ लोग चाहते हैं नाला ना बने। इस बार मैं उन्हें समझा बूझकर इसे बनवाने का प्रयास करूंगा। जो सड़क खराब हैं वह भी जल्दी ही बनेगी। हमने इसका प्रस्ताव नगर निगम में दिया है। नाले की वजह से हर साल भीषण जल भराव होता है। इसका निदान हर हाल में कराया जाएगा। मुकेश सिंह चौहान, पार्षद, इस्माईलगंज प्रथम वार्ड -------- पटेल नगर में नाले का निर्माण शुरू कराया गया था। लेकिन कुछ स्थानीय निवासियों ने इसका विरोध किया था। वह नाला नहीं बनने दे रहे हैं। इसी वजह से इसका काम रुका पड़ा है। सड़क जल्दी बनाई जाएगी। बाकी नाले साफ किए गए हैं। महेश वर्मा, मुख्य अभियंता, नगर निगम बोले लखनऊ, बातचीत - जलभराव की समस्या से पूरा पटेल नगर परेशान है। एक नाले के निर्माण से सुधार हो सकता है लेकिन कोई काम नहीं होता। हर जगह शिकायत की गई, विधायक, महापौर सबके दौरे भी हुए लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकला पीएन सिंह -घर को ऊंचा कराने के बाद भी बारिश में पानी भरा हुआ पानी घर में घुसता है। सड़क मिली है लेकिन नालियां चोक हैं, पानी निकासी का कोई इंतजाम नहीं है। वर्षों से इसी समस्या के साथ रह रहे हैं। शैलेश कुमार सिंह -पटेल नगर से फैजाबाद रोड की लिंक रोड किसी काम नही है, कभी सड़क बनी ही नही। क्षेत्र में डम्पिंग स्टेशन बना दिया है। दिन भर बदबू से हम लोग परेशान रहते हैं। पारुल सिंह -सिर्फ चार घंटे लगातार बारिश हो जाए, उसके बाद हमारे घर के सामने का दृश्य देखिए गंदे पानी का स्वीमिंग पूल नजर आएगा। गंदा पानी घर में घुसता है, गाड़ी चलाना मुश्किल हो जाता है। नन्द लाल द्विवेदी -बारिश का पानी भरने से सिर्फ चलना ही मुश्किल नही होता है। गंदे पानी बीमारियां फैलती है। जिसका शिकार हमारे परिवार के साथ ही अन्य स्थानीय लोगों के परिवार हुए हैं। 20 वर्ष हो गए लेकिन राहत नही मिली। अनूप सिंह -नाला नहीं होने से बारिश सड़कों से लेकर गलियों तक भर जाता है। खाली पड़े प्लाटों से सांप निकलते हैं। घरों में छोटे बच्चे हैं इसलिए डर बना रहता है। अशोक कटियार -जून महीना आने से डर लगना शुरू हो जाता है। बारिश के तीन चार महीने हमारे लिए कैद से कम नही है। घरों में कैद होकर रह जाते हैं। गाड़ी चलाओं तो गिरकर चोट लगती है, इसलिए निकलना ही बंद हो जाता है। विमल निगम -बारिश का पानी भरने से बिजली के खम्भो में करंट जाता है। वर्ष 2022 सितम्बर महीने में बिजली के खम्बे में करंट दौड़ने से एक युवक की मौत हो चुकी है। ये सब सामने से देखा। बाल गोविन्द सैनी -पटेल नगर पूरा का पूरा बारिश के महीने में डूब जाता है। हम लोग वर्षों से इस समस्या को झेल रहे हैं। कई बार स्वयं मैं बारिश के जलभराव में गिरा हूं। आयी दिन बारिश में चोट लगती है। सुभाष चन्द्र विश्वास -हमारे गेस्ट हाउस के सामने बारिश में बुरी दशा रहती है। नालिया तक टूटी हुई हैं, ऐसी नालियां होना किस काम का कि निकासी भी न हो सके। वीरेन्द्र कुमार वर्मा -हमारे क्षेत्र में नाले का निर्माण की तत्काल आवश्यकता है। वोटिंग का बहिष्कार तक हम लेागों ने किया लेकिन सब लोग सिर्फ वादे करते हैं और भूल जाते हैँ। अब जल जलभराव की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। वीके बैसवाल -हमारे घर के सामने लिंक रोड है जो फैजाबाद रोड को जोड़ती है लेकिन सड़क के नाम पर कुछ नही है। सिर्फ गड्ढे हैं, आसपास बाजार लगती है। सड़क पर चलना दूभर है। लगातार दुर्घटनाएं होती हैं। अजय सिंह -बारिश के दिनों में समझ नहीं आता है कि हम सड़क पर चल रहे हैं या नाले में चल रहे हैं। गाड़ी चलाते हुए गिरना आम बात है हमारे लिए। इसको लेकर शिकायत कर के भी थक चुके हैं। मनीष राय -अपने घर के लोगों को बारिश के पानी में गिरते देखा है। गंदे पानी से लोगों को बीमार होते देखे हैं। बारिश के ये तीन चार महीने हमारे लिए किसी सजा से कम नहीं है। अच्छे लाल वर्मा प्रस्तुति: विजय वर्मा, जावेद मुस्तफा फोटो अशफाक अली

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