सहारा बाजार की दुकानें विरोध के बीच सील
Lucknow News - गोमती नगर में सहारा बाजार की 150 दुकानों को एलडीए ने सील कर दिया। दुकानदारों का विरोध और झड़पें हुईं। सहारा ने दुकानदारों को गलत तरीके से लीज पर दुकानें बेची थीं। ओएसडी ने कहा कि सहारा का मामला...

गोमतीनगर में वेव मॉल के पास स्थित सहारा बाजार सहारा ने गलत तरीके से बेची लीज पर ली गयी दुकानें लखनऊ। प्रमुख संवाददाता गोमती नगर स्थित सहारा बाजार कॉम्प्लेक्स की सभी 150 दुकानों को शुक्रवार एलडीए ने विरोध के बीच सील करा दिया। दुकानों में एलडीए ने अपना ताला लगा दिया, जो 11 दुकानें चल रही थीं उसे भी प्राधिकरण ने अपने कब्जे में ले लिया है। सीलिंग का लोगों ने काफी विरोध किया। एलडीए टीम से तीखी झड़प भी हुई। कार्रवाई के विरोध में दुकानदारों ने सड़क जाम का प्रयास किया। पीछे की तरफ दुकानदार सड़क पर लेट गए। पुलिस ने उनको समझाकर सड़क से हटाया।
गोमती नगर विभूति खंड में वेव मॉल पास ही सहारा बाजार कॉम्प्लेक्स है। जिस 4741 वर्ग मीटर जमीन पर यह बनाया गया है उसकी जमीन एलडीए ने सहारा हाउसिंग कार्पोरेशन को 1987 में 30 साल के लिए आवंटित की थी जिसकी अवधि 2017 में पूरी हो गई और उसके बाद एलडीए ने उसका नवीनीकरण नहीं किया। शुक्रवार को भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे ओएसडी देवांश त्रिवेदी ने इसे सील कराना शुरू किया तो विरोध हो गया। ओएसडी से दुकानदारों की झड़प हुई। दो बार में उन्होंने सभी दुकानों को सील कराकर इसे अपने कब्जे में ले लिया। पहली बार कम पुलिस थी तो विरेाध के चलते पूरी दुकानें सील नहीं हो पाईं। देवांश त्रिवेदी ने कहा कि काम्प्लेक्स में 11 दुकानें ही खुली थीं बाकी बंद थीं। सभी को सील करा दिया गया है। दुकानों में रखा सामान बाद में निकलवाकर दुकानदारों को दिया जाएगा। इसलिए जल्दबाजी में एलडीए ने की कार्रवाई कार्रवाई करने पहुंचे एलडीए के ओएसडी ने दुकानदारों से कहा कि सहारा का मामला एनसीएलटी में चल रहा है। जिसकी सुनवाई एक-दो दिन में होने वाली है। यदि एनसीएलटी ने एलडीए की लीज की सम्पत्ति को भी सहारा का मानकर अटैच कर लिया तो बड़ी समस्या होगी। इससे दुकानदारों और एलडीए दोनों का नुकसान होगा। सहारा लीज की सम्पत्ति को बेच नहीं सकती है। उसने गलत तरीके से लीज की सम्पत्ति दुकानदारों को बेची है। अवैध रूप से दुकानें बेची। दुकानदारों को एलडीए की बजाए सहारा से लड़ना चाहिए। सहारा ने बेच दी दुकानें एलडीए की ओर से लीज निरस्त किए जाने और काम्प्लेक्स का कब्जा वापस लिए जाने की कार्रवाई के बाद दुकानदारों के होश उड़ गए। गुरुवार और शुक्रवार को कई दुकानदार एलडीए ऑफिस गए अफसरों से मिले। उन्होंने अधिकारियों को बताया कि उन्होंने दुकानें सहारा से खरीदी हैं। सहारा ने उनको रजिस्ट्री की है। यह देख आधिकारियों के भी होश उड़ गए क्योंकि उनकी बात सही थी। सहारा ने दुकानदारों को फ्री होल्ड रजिस्ट्री बिना एलडीए की जानकारी के कर दी। पैथालॉजी सामान बेचने काम करने वाले दुकानदार घनश्याम तिवारी ने बताया कि साल 2008 में सहारा से उन्होंने डेढ़ लाख में दुकान ली थी। सहारा ने कहा था कि वह रजिस्ट्री कर देगा मगर अब तक नहीं की। अब अचानक दुकान खाली कराने की नोटिस आ गई।
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