निकांत जैन के खिलाफ ईओडब्ल्यू करेगी जांच
Lucknow News - - हजरतगंज में दर्ज जमीन गिरवी रखकर चार करोड़ का लोन लेने का मामला -

लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता। निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश के करीबी निकांत जैन के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में दर्ज मुकदमे की विवेचना अब कमिश्नरेट के अधीन में बनी ईओडब्ल्यू करेगी। पुलिस उपायुक्त मध्य आशीष श्रीवास्तव के आदेश पर संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध अमित वर्मा ने इसका आदेश जारी किया। पुलिस उपायुक्त मध्य ने पत्र में लिखा कि निकांत जैन, सुकांत जैन और भाभी वैशाली जैन के खिलाफ चार करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का मामला है। निकांत जैन उसके भाई और भाभी के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में पांच जून को मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमा इण्डियन बैंक मुख्य प्रबंधक आशीष जिंदल ने दर्ज कराया था।
आरोपित ने सरोजनीनगर स्थित एक जमीन को गिरवी रख कर चार करोड़ का लोन लिया था। खाता एनपीए होने पर बैंक ने रिकवरी की कार्रवाई शुरू की। पता चला कि निकांत जैन ने बैंक वैल्यूवर की मदद से जमीन की अधिक कीमत दिखा कर लोन हासिल किया था। निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश के करीबी पर गोमतीनगर में एक और वजीरगंज में दो मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा मेरठ और एटा में भी रिपोर्ट दर्ज हैं। फर्म के नाम पर जमीन दिखा कराया था लोन : इण्डियन बैंक मुख्य प्रबंधक आशीष जिंदल ने बताया था कि वर्ष 2017 में एसएसजे एग्रोटेक के सुकांत जैन और उसके भाई निकांत जैन ने फर्म के नाम पर लोन अप्लाई किया था। ऋण हासिल करने के लिए सरोजनीनगर तहसील के सरोसा-भरोसा और बाराबंकी रामसनेही घाट की जमीन को बंधक रखा गया था। जिसके आधार पर करीब चार करोड़ रुपये का लोन पास किया गया। वर्ष 2018 में सुकांत और निकांत जैन ने नई अर्जी दायर की। जिसमें सरोजनीनगर और बाराबंकी में बंधक रखी गई जमीन को मुक्त करने का आवेदन किया। बैंक प्रबंधक आशीष जिंदल ने पुलिस को बताया कि 30 सितंबर 2018 को खाता एनपीए हो गया था।
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