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शुभांशु के घर बधाई देने वालों का तांता, राजनेताओं से लेकर अफसर तक पहुंचे

Lucknow News - गुरुवार को ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के घर बधाइयों का तांता लगा रहा। प्रशासनिक अधिकारी और नेता उनके माता-पिता को बधाई देने पहुंचे। शुभांशु की उपलब्धि पर गर्व जताते हुए नेता अजय राय ने कहा कि यह न...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊThu, 26 June 2025 09:26 PM
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शुभांशु के घर बधाई देने वालों का तांता, राजनेताओं से लेकर अफसर तक पहुंचे

जिस गली से यदा-कदा लग्जरी गाड़ियां गुजरती थीं, गुरुवार को वहां ऐसे वाहनों का तांता लगा हुआ था। अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने वाले ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के घर सुबह से रात तक बधाई देने अधिकारियों से लेकर राजनेताओं के आने का सिलसिला चलता रहा। सुबह एडीएम सिटी पूर्व अमित कुमार और एसडीएम सदर मनोज सिंह पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने शुभांशु शुक्ला के पिता शंभू दयाल शुक्ला और माता आशा को बधाई दी। साथ ही पूछा कि कोई दिक्कत या आवश्यकता हो तो प्रशासन उनके साथ है। दिन में करीब डेढ़ बजे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, पूर्व कबीना मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी पहुंचे।

उन्होंने शुभांशु के माता-पिता को शॉल भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर अजय राय ने कहा कि आज देश और प्रदेश को उनके बेटे पर गर्व है, उनकी यह उपलब्धि न सिर्फ मौजूदा बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा देगी। इस मौके पर पूर्व विधायक श्याम किशोर शुक्ला, मीडिया विभाग के वाइस चेयरमैन मनीष श्रीवास्तव हिंदवी, शहर अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव त्यागी, आर्यन मिश्रा आदि भी मौजूद रहे। त्रिवेणी नगर में शुभांशु की चर्चा, वेबसाइट पर ले रहे जानकारी आसपास रहने वालों से लेकर त्रिवेणी नगर स्थित कई घरों में दो दिनों से शुभांशु की ही चर्चा है। शुभांशु के घर के सामने से गुजर रहे शैलेष और वीना ने बताया कि उनके घर त्रिवेणी नगर के दूसरे फेज में हैं। यहां सिर्फ देखने आए थे। वे लोग ऑनलाइन मिशन की पल-पल की अपडेट ले रहे हैं। शुभांशु के माहल्ले में पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए वे रोल मॉडल हो चुके हैं। मोहल्ले में रहने वाले छात्र निर्णय लगातार मोबाइल पर खबरें देख रहे हैं। इसके साथ ही मिशन का अपडेट अपने सहपाठियों से साझा कर रहे हैं। आज भी याद आता है वह छोटा सा शुभांशु का चेहरा मां, आशा ने कहा कि आज भी उनको वही शुभांशु याद आता है जिसे स्कूल के लिए तैयार करती थीं। उसके बाल काढ़कर तैयार करने के बाद अक्सर हाथों से खाना खिलाती थीं। उसका चेहरा हर वक्त आंखों में रहता है। बेटा मिशन को सफल और पूरा कर वापस आए इसका इंतजार है। यह कहते हुए एक बार फिर उनकी आंखें भर उठीं और गला रूंध गया। माता-पिता को सुबह से शाम तक न्यूज चैनल की टीमें घेरी रहीं। इस बीच सभी को मौका देते हुए मां आशा, पिता शंभू दयाल और बहन शुचि ने जवाब दिया। एक सवाल के जवाब में बहन शुचि ने कहा कि बड़े होने की वजह से बच्चे की तरह शुभांशु को देखा। साथ ही बहन होने के नाते नोझोंक तो उनका विशेषाधिकार है, यह कहते हुए शुचि खिलखिला उठीं।

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