मृतक दिखा कर बंद कर दी पेंशन, जांच में खुलासा
Lucknow News - सम्पूर्ण समाधान दिवस में शिकायत के बाद पता चला राजस्व कोर्ट के 12 साल पहले

बहरौली में रहने वाले वृद्ध अब्दुल गफूर की वृद्धा पेंशन तीन साल पहले रोक दी गई। पीड़ित ने कई बार ब्लॉक दफ्तर में गुहार लगाई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। नौ जून को मोहनलालगंज तहसील में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में गुहार लगाई तो पूरे मामले की जांच समाज कल्याण विभाग को सौंपी गई। समाज कल्याण विभाग ने जांच में पाया कि सत्यापन के दौरान ब्लॉक कर्मियों ने मृतक दिखा दिया था जिसके चलते पेंशन बंद है। बहरौली में रहने वाले बुजुर्ग अब्दुल गफूर को वृद्धा पेंशन मिलती थी। तीन साल पहले से पेंशन आनी बंद हो गई। पेंशन के लिए कई बार ब्लॉक अधिकारियों के चक्कर लगाए।
सम्पूर्ण समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगाई। पूरे मामले की जांच सौंपी गई। समाज कल्याण अधिकारी ने 21 जून को तहसील को सौंपी रिपोर्ट में लिखा है कि ग्राम पंचायत सचिव की ओर से सत्यापन में त्रुटिवश मृतक दर्शाया गया है। आदेश के समय निशानदेही की नहीं अब 12 साल बाद कह रहे दोबारा दायर करो मुकदमा मोहनलालगंज के छोटा सिर्स में रहने वाले बजरंग अपने पिता के साथ बंटवारे का मुकदमा राजस्व कोर्ट (एसडीएम मोहनलालगंज) में लड़ा। कोर्ट ने 29 जनवरी 2013 को बंटवारे के मुकदमे में फाइनल आदेश कर दिया। मौके पर राजस्व टीम ने कोई निशानदेही नही की। बजरंग ने 9 जून को मोहनलालगंज तहसील में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में गुहार लगाई। बताया कि एसडीएम कोर्ट में जगदेव बनाम घिसियावन के नाम से बंटवारे का मुकदमा चला। एसडीएम ने 29 जनवरी 2013 को आदेश कर दिया था। उसी आदेश के अनुसार मौके पर निशांनदेही करवा दी जाए। इस पर अधिकारियों ने राजस्व निरीक्षक को एसडीएम के आदेश के अनुसार निशांनदेही (मेड़बंदी) करने के आदेश दिए थे। राजस्व निरीक्षक ने एसडीएम के आदेश का अनुपालन करने में हाथ खड़े कर दिए। अपनी जांच रिपोर्ट में लिखा की एसडीएम का आदेश 2013 का है। उसके बाद सहखातेदारों ने जमीन भी बेच दी है। ऐसे में आदेश का अनुपालन किया जाना उचित नही प्रतीत होता है। अगर पीड़ित चाहे तो सक्षम न्यायालय में मुकदमा दाखिल कर सकता है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।