विषमताओं से उपजे संघर्षों को उजागर करती पुस्तक अपने हिस्से का युद्ध
Lucknow News - लखनऊ में लेखिका शीला पाण्डेय की नई पुस्तक 'अपने हिस्से का युद्ध' पर परिचर्चा हुई। डा. रूपरेखा वर्मा ने पुस्तक की स्त्री जीवन की विषमताओं और संघर्षों को उजागर करने की सराहना की। डा. इंदीवर पाण्डेय ने...

लखनऊ, कार्यालय संवाददाता लेखिक शीला पाण्डेय की नव प्रकाशिक पुस्तक अपने हिस्से का युद्ध पर शनिवार को परिचर्चा हुई। आकाशगंगा की ओर से कैफी आजमी में हुई परिचर्चा की अध्यक्षता वरिष्ठ आलोचक डा. इंदीवर पाण्डेय ने की। मुख्य वक्ता लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति एवं साहित्यकार डा. रूपरेखा वर्मा ने कहा कि पुस्तक विभिन्न स्तरों पर स्त्रियों के जीवन की विषमताओं और इनसे उपजे संघर्षों का उजागर करती है। पुस्तक का हर अध्याय स्त्री के आंतरिक संसार को उजागर करता है और पुरुष वर्चस्व को खण्डित करने की आवाज उठाता है। उन्होंने कहा कि ये अच्छा है कि महिलाएं अपनी जिन्दगी का इतिहास खुद लिख रहीं हैं और अपनी बाधाओं को पहचान रही हैं।
डा. इंदीवर पाण्डेय ने कहा कि लेखिका ने अपने गीतों, आलेखों और वाचिक अभिव्यक्ति में स्त्री जीवन की विडम्बनाओं को हमेशा उकेरा है। यह किताब स्त्री विमर्श की दिशा में विचार और विश्लेषण का एक अभिनव प्रया है। लेखिका शीला पाण्डेय ने इस मौके पर अपनी पुस्तक के कुछ अंशों का पाठ किया। परिचर्चा में डा. अजित प्रियदर्शी, वरिष्ठ कवि नरेश सक्सेना, डा. रीता चौधरी, सत्येन्द्र रघुवंशी, कवि एवं वरिष्ठ पत्रकार सुभाष राय, डा. विजय राय, शैलेन्द्र सागर, डा. सुधाकर अदीब, डा. राजेन्द्र वर्मा, डा. रजनी गुप्त समेत अन्य साहित्यकार, संस्कृतिकर्मी मौजूद रहे।
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